हरियाणा में 5 अक्टूबर को 90 विधानसभा सीटों पर चुनाव होना है। इसे लेकर सभी राजनीतिक पार्टियां चुनावी मैदान पर दमखम लगा रही हैं। जैसे-जैसे चुनाव की तारीख नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे कांग्रेस और भाजपा के सामने विरोधियों के अलावा अपनों से जंग लड़ने का भी समय करीब आता जा रहा है। ये जंग होगी चुनाव जीतने वाली पार्टी में मुख्यमंत्री का नाम तय करने की।
कयास : भाजपा अगर चुनाव जीतती है तो आलाकमान बदल भी सकती है सीएम फेस
एक ओर देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस में बने दो गुट हुड्डा और कुमारी सैलजा पार्टी आलाकमान की परेशानी का सबब बने रहते हैं, तो वहीं चुनाव से पहले भाजपा के नेताओं ने भी सीएम पद के लिए अपनी दावेदारी जताकर पार्टी के लिए टेंशन बढ़ा दी है। बता दें कि लोकसभा चुनाव से पहले 12 मार्च को हरियाणा से सीएम मनोहर लाल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था और इसके बाद बाकी बचे कार्यकाल के लिए प्रदेश की कमान उनके करीबी और संघ से जुड़े रहे नायब सिंह सैनी को सौंपी गई। चुनाव पूर्व भाजपा में सीएम पद की दावेदारी देखकर ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि अगर चुनाव जीतती है तो आलाकमान सीएम फेस को बदल भी सकती है।
दोनों ही पार्टी कश्मकश में
भाजपा जहां नायब सैनी को सीएम चेहरे के रूप में सामने रख चुनाव लड़ रही है, वहीं अनिल विज और राव इंदरजीत में सीएम पद की दावेदारी जता चुके है। वहीं कांग्रेस में कुमारी सैलजा भी खुलकर सीएम पद के लिए दावेदारी पेश कर चुकी है. कुल मिलाकर दोनों ही पार्टी इस कश्मकश में है कि चुनाव जीतने के बाद सीएम किसे बनाया जाए। पहले टिकटों पर घमासान...फिर बागियों की रुसवाई और चुनाव के बाद सीएम पद की लड़ाई... दोनों पार्टियों की शामत आई। बता दें कि हरियाणा में 5 अक्टूबर को मतदान होगा, जबकि 8 अक्टूबर को वोटों की गिनती की जाएगी।
हुड्डा बोले : नेतृत्व तो मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी का है
वहीं चुनाव के चलते कुछ चीजें अभी भी सस्पेंस में हैं। जहां एक तरफ भाजपा भी सीएम के नाम पर मंथन कर रही है तो वहीं यह टेंशन कांग्रेस में भी देखने को मिल रही। अनिल विज के सीनियरिटी के हिसाब से सीएम पद की दवेदारी पेश करने बाद भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मोहनलाल बड़ौली ने बयान दिया था कि नायब सैनी ही मुख्यमंत्री होंगे। हालांकि तस्वीर चुनाव परिणाम के बाद ही साफ़ होगी।
अब इसी बीच हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने एक बयान दिया जिसमे उन्होंने कई बड़े खुलासे किए। मीडिया द्वारा उनसे कुछ सवाल किए गए, जिनके उन्होंने बेबाकी से जवाब दिए। जब उनसे पूछा गया कि क्या उनके नेतृत्व में चुनाव लड़ा जा रहा है तो उन्होंने कहा कि नेतृत्व तो मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी का है।
पार्टी जो भी फैसला करेगी, मुझे वो मंजूर होगा
वहीं जब पत्रकारों ने भूपेंद्र हुड्डा से पूछा गया कि हरियाणा में अगर कांग्रेस जीत हासिल करती है तो सीएम कौन होगा? इस पर उन्होंने जवाब दिया कि अगर पार्टी मुझे मौका देगी तो मैं सेवा करूंगा। उन्होंने कहा कि मैं न तो टायर्ड हूं न रिटायर हूं। वहीं अपनी पार्टी की तारीफ करते हुए भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि हमारी पार्टी में एक सिस्टम है। सबसे पहले ऑब्जर्वर विधायकों से उनका मत पूछेंगे। उसके बाद हाईकमान फैसला करेगा कि किसको मुख्यमंत्री किसे बनाया जाए। हुड्डा ने कहा पार्टी जो भी फैसला करेगी, मुझे वो मंजूर होगा।
लिहाज़ा हरियाणा में राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने चुनाव से पहले किसी को भी चेहरा नहीं बनाया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में चुनाव जीतने के बाद विधायक तय करते हैं कि सीएम कौन होगा। यही हमारा सिस्टम है। ऐसे में ये भी माना जा रहा है कि चुनाव से ठीक पहले आलाकमान पार्टी में किसी भी तरह का मनमुटाव नहीं पैदा होने देना चाहते हैं। यही वजह है कि उनके द्वारा सीएम चेहरे का ऐलान नहीं किया गया।
मैंने विनेश से कहा था कि अगर राजनीति में तुम्हारी रुचि हो तो बता देना
वहीं विनेश फोगट की राजनीति में एंट्री और कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने को लेकर सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि "हमारे हरियाणा में तीन चीजें ही हैं, जय जवान, जय किसान और जय पहलवान।'' उन्होंने कहा कि विनेश फोगाट ने मुझसे मुलाकात की थी। मैडल वाली घटना से विनेश का दिल टूटा हुआ था। मैंने विनेश से कहा था कि अगर राजनीति में तुम्हारी रुचि हो तो बता देना। इसके बाद बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट ने राहुल गांधी से मुलाकात की, वहां दोनों ने राजनीति में आने का फैसला लिया और विनेश को जुलाना से टिकट दी गई।
related
Latest stories
ये किसान व आढ़ती को ख़त्म करने का 'षड्यंत्र' नहीं तो क्या है? सदन में भाजपा पर गरजे आदित्य
सरकार द्वारा 'आंकड़े न कभी छुपाए जाते हैं, न कभी छुपाए जाएंगे', जानिए मुख्यमंत्री सैनी ने ऐसा क्यों कहा
'वे नहीं जानती कि पराली क्या होती है' दिल्ली सीएम पर बड़ोली का तंज - बोले पहले खेतों में जाकर पराली देखनी चाहिए