आज उस पिता की आत्मा भी गदगद हो रही रही होगी, जो बचपन में अपने बेटे को प्यार से मंत्री कहकर बुलाते थे आज वही बेटा प्रदेश का मुख्यमंत्री बन गया। बच्चे में हुनर हो तो माँ की दुआएं और पिता का आशीर्वाद सफल बना ही देता है, जी हां हम यहां बात कर रहे है प्रदेश के मुख्यमंत्री नायब सैनी की, जिसे उनके परिवार वाले सच में ही 'नायाब' समझते हैं।
आज उनका ये आशीर्वाद फलीभूत हो गया
मुख्यमंत्री नायब सैनी चार भाई-बहनें हैं, जिसमें दो भाई -दो बहनें। परिवार वाले बताते हैं कि वैसे तो मां -बाप अपने हर बच्चे से बराबर का प्यार करते हैं, लेकिन नायब के साथ कुछ अलग ही लाड़-प्यार था। इसी के चलते बचपन में नायब के पिता तेलूराम नायब को प्यार के मंत्री कहते थे। मतलब नायब के पिता ने नायब को मंत्री नाम लाड़ -प्यार में दिया था, जो आज उनका ये आशीर्वाद फलीभूत हो गया और आज नायब प्रदेश के मुख्यमंत्री बन गए।
गांव में जश्न और ख़ुशी का माहौल
उल्लेखनीय है कि हरियाणा के नए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के शपथ लेते ही उनके गांव में जश्न और ख़ुशी का माहौल बन गया। परिजनों से लेकर देशभर के बड़े बड़े नेता उन्हें बधाई दे रहे हैं। दरअसल, नायब सैनी का अहम उद्देश्य केवल जनसेवा ही रहा है। देश की सेवा का भाव उनके खून में बसा दरअसल, उनके पिता ने भी खड़ को देश की सेवा में समर्पित कर दिया।
उनके पिता तेलूराम के निधन के बाद नायब सैनी ने राजनीति में कदम रखा और अब प्रदेश के मुख्यमंत्री पद पर पहुंच गए हैं। सीएम बनने के बाद नायब सैनी के परिवार वाले सैनी को बधाई देने में लगे हैं वहीं उनकी माता कुलवंत कौर और भाई चंदन सिंह ने भी कुछ बातें साँझा की।
मुझे पूरा यकीन था ''मेरा बेटा'' प्रदेश की सेवा करेगा
सीएम नायब सैनी को बधाई देते हुए उनकी माता ने कहा कि, मुझे पूरा यकीन था मेरा बेटा प्रदेश की सेवा करेगा। ऐसा ही हुआ, बेटे ने जैसे ही पंचकूला में शपथ ली उनका सपना सच में बदल गया। आपकी जानकारी के लिए बता दें, नायब के पिता तेलूराम अब इस दुनिया में नहीं हैं।
उन्होंने सेना में रहते हुए बॉर्डर पर देश की सेवा की थी अब बेटा प्रदेश की जनता की सेवा में लगा हुआ है। उनकी मां ने बड़ा खुलासा किया और बताया कि, नायब सिंह पहले फौज में जाकर देश की सेवा करना चाहता था। पिता तेलूराम ने चीन और पाकिस्तान के साथ हुए युद्ध में भाग लिया था। साल 2005 में ही उनको दिल का दौरा पड़ा और उनका देहांत हो गया।
पिता की मौत के बाद राजनीति में रखा कदम
सीएम सैनी ने पिता की मौत के बाद ये निर्णय ले लिया था कि अब वो अपने पिता की तरह देश की सेवा में लग जाएंगे। ऐसे में उन्हें लगा कि देश की सेवा तो राजनीति में रहकर भी की जा सकती है। इसके बाद उन्होंने राजनीति में कदम रखा और आगे बढ़ते गए। नायब के मुख्यमंत्री बनने पर परिवार के साथ-साथ पूरा मिर्जापुर गांव ख़ुशी की लहर में झूम उठा है। वहीं नायब के ताऊजी उनके ताऊ के बेटे, बचपन के दोस्तों ने भी नायब को लेकर कुक बातें साझा की, जिससे साफ तौर पर सामने आया कि नायब जमीं से जुड़े नेता है और प्रदेश हित के लिए काम करेंगे।
पिता का दिया नाम बन गया हकीकत
भाई चंदन सिंह ने कहा पिता जी ने बचपन से ही लाड-प्यार में उन्हें मंत्री कहकर बुलाते थे, लेकिन आज उनका ये शब्द हकीकत बन गया। आज उनका बेटा मंत्री नहीं बल्कि मुख्यमंत्री बन गया। उन्होंने इसका श्रेय पूर्व मुख्यमंत्री एवं कैबिनेट मिनिस्टर मनोहर लाल को दिया। चंदन सिंह ने बताया कि नायब जब कॉलेज की पढाई पढ़ने के लिए अम्बाला जाता था, उसी दौरान संघ के सम्पर्क में आया और मनोहर लाल के साथ जुड़ गया। दोनों का रिश्ता एक गुरु-चेले की तरह था। नायब ने संघ द्वारा मिली हर जिम्मेदारी को बखूबी निभाया। उनकी विश्वसनीयता और सादगी की वजह ने मनोहर लाल ने उन्हें मौका दिया और जनता ने भी पूरा साथ दिया।
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