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कांग्रेस की वेट एंड वॉच की रणनीति - लोकसभा उम्मीदवारों के नाम पर जल्द नहीं लेगी फैसला

कांग्रेस की वेट एंड वॉच की रणनीति - लोकसभा उम्मीदवारों के नाम पर जल्द नहीं लेगी फैसला

भाजपा द्वारा चार अघोषित लोकसभा सीटों पर कांग्रेस भी वेट एंड वॉच की रणनीति पर चलेगी

लोकसभा चुनाव

कांग्रेस हरियाणा को लेकर लोकसभा उम्मीदवारों के नाम पर जल्द फैसला नहीं लेगी। जी हां, खासतौर से भाजपा द्वारा चार अघोषित लोकसभा सीटों पर कांग्रेस भी वेट एंड वॉच की रणनीति पर चलेगी। सूत्रों के अनुसार कांग्रेस की चार स्क्रीनिंग कमेटी की बैठकों के बाद हरियाणा के छह लोकसभा सीटों पर पैनल लगभग फाइनल हो चुका है। फरीदाबाद लोक सभा सीट से करण दलाल और विजय प्रताप की दावेदारी मानी जा रही है।

वहीं अगर सूत्रों की मानें तो गुरुग्राम लोकसभा सीट से कैप्टन अजय सिंह यादव, राज बब्बर और राव दान सिंह की दावेदारी है, महेंद्रगढ़ भिवानी से रावदान सिंह और श्रुति चौधरी में से एक को टिकट मिल सकती है। रोहतक से दीपेंद्र हुड्डा के अलावा कोई दूसरे नाम की चर्चा सामने नहीं आ रही। वहीं सिरसा रिजर्व सीट पर विधायक शीशपाल केहरवाला और रतिया से पूर्व विधायक जरनैल सिंह की दावेदारी देखी जा रही है। अंबाला लोकसभा सीट की बात करें तो यहां कांग्रेस पार्टी महासचिव कुमारी सैलजा को उतार सकती है। इसी प्रकार हिसार सीट पर पूर्व मंत्री जयप्रकाश और बृजेन्द्र सिंह का नाम आ रहा है। सोनीपत सीट की बात करें तो यहां कर्नल रोहित और सतपाल ब्रह्मचारी के नाम पर अभी तक सहमति नहीं बन पा रही।

इधर हरियाणा में भाजपा ने कुल दस लोकसभा सीटों में से छह पर उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं। लेकिन चार सीट अभी भी ऐसी है जहां पर पार्टी को प्रत्याशियों को उतारना है। उन चार सीटों में हिसार, रोहतक, कुरुक्षेत्र व सोनीपत लोकसभी सीट है। पार्टी आलाकमान के लिए यहां पर जातीय समीकरण साधना बड़ी चुनौती है। कहा जा रहा है कि 22 मार्च के बाद भाजपा पत्ते खोल सकती है।

भाजपा की निगाह कांग्रेस द्वारा घोषित किए जाने वाले टिकटों पर टिकी हुई है, ताकि उनके हिसाब से कुरुक्षेत्र, हिसार, रोहतक और सोनीपत लोकसभा सीटों पर बाकी बचे चारों उम्मीदवारों के नाम घोषित किए जा सकें। हालांकि कांग्रेस ने कुरुक्षेत्र से इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी सुशील गुप्ता को मैदान में उतारा है। वहीं बीजेपी इस सीट पर अभी विचार कर रही है। इन सीटों पर जाट, सिख, वैश्य और बीसी-ए उम्मीदवारों को टिकट देने को लेकर सामंजस्य बैठाना पार्टी के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है।

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