loader
नवीन जिंदल की जीत - उद्योगपति से राजनीतिज्ञ बने व्यक्ति ने लोकसभा सीट पर कब्जा जमाया

नवीन जिंदल की जीत - उद्योगपति से राजनीतिज्ञ बने व्यक्ति ने लोकसभा सीट पर कब्जा जमाया

एक कड़ी प्रतिस्पर्धा के बाद, व्यवसाय जगत के दिग्गज नवीन जिंदल ने आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी को हराकर कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट जीत ली है। इस जीत के साथ, लगभग दो दशक पहले शुरू हुई उनकी मार्मिक राजनीतिक यात्रा जारी है।

प्रतीकात्मक तस्वीर

कुरुक्षेत्र में जीत हासिल करके उद्योगपति और मानवतावादी नवीन जिंदल की झोली में एक और कीर्तिमान जुड़ गया है। उन्होंने आम आदमी पार्टी के सुशील गुप्ता को 29,021 वोटों के अंतर से हराया है, जिससे उनकी इस क्षेत्र में राजनीतिक पकड़ और मजबूत हो गई है। 

यह जीत जिंदल का तीसरा कार्यकाल है जब वे कुरुक्षेत्र से सांसद चुने गए हैं। उनका अटूट संकल्प और स्थानीय मतदाताओं के साथ घनिष्ठ संबंध इस उपलब्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। प्रभावशाली जिंदल परिवार के वंशज होने के नाते, जो व्यावसायिक कुशलता और मानवीय प्रयासों के लिए जाने जाते हैं, नवीन जिंदल का राजनीति में प्रवेश एक दिलचस्प यात्रा रही है। 

राजनीतिक पृष्ठभूमि

2000 के दशक की शुरुआत में, जिंदल ने अपने पिता स्वर्गीय ओम प्रकाश जिंदल के नक्शेकदम पर चलते हुए राजनीति में कदम रखा, जिन्होंने पहले हरियाणा सरकार में मंत्री के रूप में कार्य किया था। 2004 में, जिंदल ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा और प्रभावशाली जीत हासिल की, जिससे उनका संसदीय कार्यकाल शुरू हुआ।

अपने सांसद के रूप में, जिंदल ने भ्रष्टाचार, जनसंख्या वृद्धि, महिला सशक्तिकरण, पर्यावरण, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया है। उन्होंने लोकसभा में एक समग्र खाद्य और पोषण सुरक्षा योजना पर एक निजी सदस्य के विधेयक पेश किया, जिससे खाद्य सुरक्षा अधिनियम के लिए मार्ग प्रशस्त हुआ। हालांकि, वे 2014 के लोकसभा चुनाव में कुरुक्षेत्र से पराजित हुए थे।

2024 चुनाव जीत 

कड़ी मुकाबले के बाद, नवीन जिंदल ने यह जीत हासिल की है। उन्होंने आम आदमी पार्टी के सुशील गुप्ता को 29,021 वोटों से हराया है। यह उनका कुरुक्षेत्र से तीसरा कार्यकाल होगा। मतदाताओं के विश्वास और समर्थन ने इस जीत को संभव बनाया है। 

जिंदल ने अपने जीत के बाद कहा, "मैं संसदीय क्षेत्र की जनता का आभारी हूं, जिन्होंने मुझे इतना प्यार, समर्थन और आशीर्वाद दिया और सेवा करने का मौका दिया।" उन्होंने कहा कि देश में भाजपा की सरकार बनेगी और पूर्णरूप से एनडीए की सरकार बनने जा रही है।

व्यवसाय और मानवीय पहल

नवीन जिंदल जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड (जेएसपीएल) के परिवार के व्यवसाय समूह के अध्यक्ष हैं। उनके नेतृत्व में, जेएसपीएल एक प्रमुख इस्पात और बिजली कंपनी बन गई है, जो देश की आर्थिक प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान देती है। 

जिंदल की मानवीय पहलों ने भी कई प्रशंसकों को आकर्षित किया है। उन्होंने अपने पिता ओम प्रकाश जिंदल की स्मृति में सोनीपत, हरियाणा में ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी की स्थापना की, जो गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और बौद्धिक संवाद को बढ़ावा देती है। कोविड-19 महामारी के दौरान ऑक्सीजन की आवश्यकता को पूरा करने के उनके प्रयास भी सराहनीय रहे हैं।

राजनीतिक यात्रा

जिंदल की राजनीतिक यात्रा उनकी छात्रावस्था से ही शुरू हो गई थी। वह अमेरिका के यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास डलास में छात्र संघ के उपाध्यक्ष और फिर अध्यक्ष रहे, साथ ही उन्हें 'छात्र नेता ऑफ द ईयर' का पुरस्कार भी मिला। 

2004 में, जिंदल ने हरियाणा के कुरुक्षेत्र लोकसभा क्षेत्र से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा और अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी अभय सिंह चौटाला को 1.3 लाख वोटों के अंतर से हराकर जीत हासिल की। 2009 में भी वे कुरुक्षेत्र से फिर से निर्वाचित हुए।

हालांकि, 2014 में वे कुरुक्षेत्र से हार गए, लेकिन वे हताश नहीं हुए। इसके बाद, उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने का निर्णय लिया और इस साल के लोकसभा चुनाव में भाजपा के प्रत्याशी के रूप में कुरुक्षेत्र से चुनाव लड़ा, जहां उन्होंने एक बार फिर जीत हासिल की। 

अब जैसे ही वे तीसरी बार कुरुक्षेत्र से सांसद बने हैं, मतदाताओं और देश से उनसे बड़ी उम्मीदें हैं। उनके बहुआयामी पृष्ठभूमि और अटूट प्रतिबद्धता के साथ, वे राष्ट्रीय राजनीतिक परिदृश्य पर एक छाप छोड़ने के लिए तैयार हैं।

Join The Conversation Opens in a new tab
×