हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री और जननायक जनता पार्टी (जजपा) के नेता दुष्यंत चौटाला ने एक बड़ा बयान देते हुए कहा है कि बीजेपी के साथ गठबंधन करना उनकी पार्टी के लिए नुकसानदायक साबित हुआ। चंडीगढ़ में पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपने विचार रखे।
बीजेपी से गठबंधन पर पछतावा
दुष्यंत चौटाला ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि बीजेपी के साथ गठबंधन करने से जजपा को नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा, "हम कभी भविष्य में बीजेपी से गठबंधन नहीं करेंगे। इस गठबंधन से लोग नाराज हो गए।" उन्होंने यह भी बताया कि किसान आंदोलन और सत्ता विरोधी लहर का खामियाजा जजपा को भुगतना पड़ा। चौटाला ने कहा कि आने वाले विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी मजबूती से लड़ेगी और ऐसा कोई कदम नहीं उठाएगी जिससे लोगों में नाराजगी पैदा हो।
नई सरकार पर सवाल और राज्यसभा चुनाव
दुष्यंत चौटाला ने हरियाणा की नई सरकार को अल्पमत में बताया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की सरकार बहुमत के आंकड़े से पीछे है और उन्हें सदन में अपना बहुमत साबित करना चाहिए। उन्होंने राज्यपाल से इस सरकार को बर्खास्त करने की मांग भी की।
राज्यसभा चुनाव के संदर्भ में चौटाला ने एक दिलचस्प प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस किसी प्रतिष्ठित व्यक्ति, कॉमनवेल्थ खिलाड़ी या ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट को संयुक्त उम्मीदवार बनाती है, तो जजपा उसका समर्थन करने को तैयार है।
विधानसभा चुनाव की तैयारियां
दुष्यंत चौटाला ने बताया कि जजपा 5 जुलाई से विधानसभा चुनाव की तैयारियां शुरू करेगी। उन्होंने कहा कि जिला स्तर की बैठकें आयोजित की जाएंगी और लोकसभा चुनाव के नतीजों पर चर्चा की जाएगी। चौटाला ने यह भी कहा कि विधानसभा चुनाव के नतीजे लोकसभा चुनाव से अलग होंगे।
उन्होंने अपनी पार्टी के दो विधायकों - जोगीराम सिहाग और रामनिवास सुरजाखेड़ा - के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। चौटाला का आरोप है कि इन विधायकों ने लोकसभा चुनाव में बीजेपी की मदद की और उसके उम्मीदवारों के लिए प्रचार किया।
दुष्यंत चौटाला के इस बयान से हरियाणा की राजनीति में नए समीकरण बनते दिख रहे हैं। जजपा का बीजेपी से दूरी बनाना और कांग्रेस के साथ संभावित तालमेल की बात करना आने वाले समय में राज्य की राजनीति को नई दिशा दे सकता है।
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