प्रदेश के पूर्व गृहमंत्री, भाजपा के दबंग नेता अनिल विज ने हाल ही में सोशल मीडिया पर एक पोस्ट सांझा की, जिसमें लिखा है कि “माना कि औरों के मुकाबले कुछ ज्यादा पाया नहीं मैंने, पर खुद गिरता-संभलता रहा, किसी को गिराया नहीं मैंने।'' अलबत्ता विज की इस पोस्ट को हाल ही में पंचकुला में गृहमंत्री अमित शाह की घोषणा से जोड़कर देखा जा रहा है।
अमित शाह ने कहा था कि अक्टूबर-नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव मुख्यमंत्री नायब सैनी की अगुवाई में लड़ा जाएगा। इसका मतलब यह भी है कि अगर भाजपा फिर से प्रदेश में जीतती है, तो नायब सैनी ही मुख्यमंत्री होंगे। उनकी पोस्ट से ऐसा लगता है कि उन्हें कुछ नाराजगी है, हालांकि अनिल विज ने सीधे तौर पर इस बारे में कुछ नहीं कहा।
तब भी नहीं
उल्लेखनीय है कि अनिल विज अंबाला कैंट से भाजपा विधायक हैं। लिहाज़ा 2014 में जब भाजपा ने हरियाणा में 90 में से 47 सीटें जीतकर पूर्ण बहुमत प्राप्त किया, तब अनिल विज मुख्यमंत्री पद के सबसे बड़े दावेदार माने जा रहे थे। विज, राम बिलास शर्मा और ओपी धनखड़ के साथ सीएम पद की रेस में थे। लेकिन जब यह चर्चा हुई कि भाजपा किसी गैर जाट या पंजाबी चेहरे को यह पद देगी, तो विज के दावेदारी और अधिक प्रबल हो गई थी। लेकिन यहां भाजपा आलाकमान ने मनोहर लाल खट्टर का नाम आगे कर दिया और वह मुख्यमंत्री बन गए।
और अब भी नहीं
गौरतलब है कि नवनियुक्त केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मुख्यमंत्री के रूप में साढ़े 9 साल तक सेवा दी, लेकिन अचानक 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा ने एक बड़ा निर्णय लिया और मनोहर लाल खट्टर से इस्तीफा दिलाकर उनकी जगह पर प्रदेश अध्यक्ष नायब सैनी को मुख्यमंत्री बनाया गया। हालांकि अब खट्टर के इस्तीफे के बाद अनिल विज को मुख्यमंत्री बनाये जाने की चर्चा जोरों पर थी, सबसे ऊपर उनका ही नाम आ रहा था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अनिल विज, मनोहर लाल खट्टर की दूसरे कार्यकाल की सरकार में गृह और स्वास्थ्य मंत्री थे। जब खट्टर ने इस्तीफा दिया, तो विज भी उनके साथ थे।
बैठक अधूरी छोड़ बीच में ही बाहर आ गए थे विज
नए मुख्यमंत्री के चयन के लिए हुई बैठक में अनिल विज अचानक बीच में ही बाहर आ गए। यह कहा गया कि जब नायब सैनी का नाम मुख्यमंत्री के रूप में घोषित किया गया, तो विज ने बैठक बीच में ही छोड़ दी। इसके बाद, जब नायब सैनी के मंत्रिमंडल में नाम शामिल होने की बात आई, तो विज ने मंत्री पद लेने से इनकार कर दिया। वे शपथग्रहण समारोह में भी नहीं पहुंचे। हालांकि, विज ने बार-बार यह कहा कि उनकी कोई नाराज़गी नहीं है।
related
Latest stories
ये किसान व आढ़ती को ख़त्म करने का 'षड्यंत्र' नहीं तो क्या है? सदन में भाजपा पर गरजे आदित्य
सरकार द्वारा 'आंकड़े न कभी छुपाए जाते हैं, न कभी छुपाए जाएंगे', जानिए मुख्यमंत्री सैनी ने ऐसा क्यों कहा
'वे नहीं जानती कि पराली क्या होती है' दिल्ली सीएम पर बड़ोली का तंज - बोले पहले खेतों में जाकर पराली देखनी चाहिए