हरियाणा की राजनीति में एक बार फिर बड़ा भूचाल आया है। राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री और जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के नेता दुष्यंत चौटाला ने कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा है कि राज्यसभा चुनाव से कांग्रेस का पीछे हटना, भूपेंद्र हुड्डा और भाजपा के बीच हुई एक बड़ी 'डील' को दर्शाता है।
चंडीगढ़ में पत्रकारों से बातचीत करते हुए चौटाला ने कहा, "यह स्पष्ट है कि नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने अपने बेटे दीपेंद्र को लोकसभा का टिकट दिलवाने के लिए राज्यसभा की सीट भाजपा को उपहार में दे दी है। विपक्ष का सबसे बड़ा दल कांग्रेस आज राज्यसभा चुनाव के मैदान से भाग रहा है, जो इस डील को और भी स्पष्ट करता है।"
चौटाला ने आगे कहा कि राज्यसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस की यह सांठगांठ अब जग जाहिर हो गई है। उन्होंने विपक्षी दलों से एकजुट होने की अपील करते हुए कहा, "हमारा प्रयास है कि राज्यसभा चुनाव में कोई सामाजिक कार्यकर्ता उम्मीदवार बने, ताकि विपक्ष की एकता से हम अल्पमत में आई भाजपा सरकार को करारा जवाब दे सकें।"
इसी बीच, जेजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अजय सिंह चौटाला ने पार्टी कार्यकर्ताओं को आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों के लिए महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए हैं। उन्होंने अगले 100 दिनों को बेहद महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि इस दौरान किया गया काम ही चुनाव परिणामों को तय करेगा।
दुष्यंत चौटाला ने भी पार्टी कार्यकर्ताओं से जनसंपर्क बढ़ाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, "हमारे कार्यकर्ता भाजपा और कांग्रेस की गलत नीतियों को उजागर करें। साथ ही, जेजेपी द्वारा किए गए विकास कार्यों और जनहित की नीतियों को लोगों तक पहुंचाएं।"
जेजेपी नेता ने यह भी कहा कि अब विरोधियों के दुष्प्रचार का मुंहतोड़ जवाब देने का समय आ गया है। उन्होंने कार्यकर्ताओं से दिन-रात एक करके संगठन को मजबूत बनाने की अपील की। इस बीच, भाजपा और कांग्रेस ने दुष्यंत चौटाला के आरोपों को खारिज कर दिया है। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, "यह सिर्फ राजनीतिक बयानबाजी है। हमारी पार्टी हमेशा लोकतांत्रिक मूल्यों पर चलती है और किसी के साथ अनैतिक समझौता नहीं करती।"
वहीं, कांग्रेस के एक प्रवक्ता ने कहा, "चौटाला जी अपनी राजनीतिक प्रासंगिकता खो चुके हैं, इसलिए ऐसे बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं। हमारी पार्टी हमेशा जनता के हितों के लिए लड़ती रही है और आगे भी लड़ती रहेगी।"
आने वाले दिनों में हरियाणा की राजनीति में और भी उथल-पुथल देखने को मिल सकती है। राज्यसभा चुनाव और आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर सभी दल अपनी-अपनी रणनीतियां बना रहे हैं। ऐसे में, यह देखना दिलचस्प होगा कि आखिरकार जनता किस दल को अपना समर्थन देती है।
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