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The Haryana Story | कांग्रेस और भाजपा के बागियों पर इनेलो और जेजेपी की निगाहें

कांग्रेस और भाजपा के बागियों पर इनेलो और जेजेपी की निगाहें

दोनों के पास जिताऊ कैंडिडेट की कमी, निर्दलीयों पर भी नज़र

प्रतीकात्मक तस्वीर

हरियाणा में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारियां तेज हो गई हैं। राजनीतिक पार्टियों की ताबड़तोड़ बैठकों का दौर शुरू हो चुका है। हालांकि फिलहाल हरियाणा में कांग्रेस और भाजपा को छोड़कर किसी भी दल की स्थिति लोकसभा चुनाव में अच्छी नहीं रही।

यही कारण है कि इनेलो, जेजेपी और आप तीनों को 90 विधानसभा में जिताऊ चेहरों की तलाश है। जहां एक ओर भाजपा और कांग्रेस में हर विधानसभा में कई-कई दावेदार हैं तो इनेलो, जेजेपी और आप के पास चेहरों की कमी है। इन तीनों पार्टियों की नजर अब कांग्रेस और भाजपा के बागियों पर रहेगी। 

2019 में किंग मेकर की भूमिका में रही थी जेजेपी 

बता दें कि पिछली विधानसभा में जेजेपी ने यही दाव चला था और पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ रही जेजेपी को हरियाणा में से 10 सीटें मिली थी और वह हरियाणा में किंग मेकर की भूमिका में रही। जेजेपी  ने उन प्रत्याशियों को टिकट दिया जिसे कांग्रेस और भाजपा ने नकार दिया मगर वह अपनी विधानसभा में जीतने का दम रखते थे। अबकी बार जेजेपी के फार्मूले पर इनेलो और आप चलेगी। अभय चौटाला इस और ईशारा कर भी चुके हैं। वह हिसार में उन नेताओं को ऑफर दे चुके हैं जो कांग्रेस और भाजपा से असंतुष्ट है।

दोनों ही पार्टियां सर्वे के आधार पर टिकट बांटेगी

कांग्रेस और भाजपा दोनों में ही विधानसभा चुनाव लड़ने के इच्छुक कई दावेदार हैं। दोनों ही पार्टियां सर्वे के आधार पर टिकट बांटेगी। मगर लोकसभा चुनाव से यह चुनाव बिल्कुल हटकर होगा। इसमें स्थानीय मुद्दे और उम्मीदवार का चेहरा दोनों फैक्टर काम करेंगे। भाजपा और कांग्रेस की चिंता यह है कि उनके एक सीट पर 15 से 20 दावेदार है और टिकट किसी एक को ही मिलेगा।

इससे भी ज्यादा खराब स्थिति उन जगहों पर हैं जिन विधानसभा में कांग्रेस और भाजपा लोकसभा चुनाव में आगे रही है। कांग्रेस ने तो दावेदारों से आवेदन लेने भी शुरू कर दिए हैं जो 31 जुलाई तक जमा होंगे। कांग्रेस के पास 100 से अधिक भी आ चुके हैं, जबकि अभी 15 दिन का समय और बचा है। 

अपने कुनबे को समेटे रखने का प्रयास

विधानसभा चुनाव में नेताओं को संतुष्ठ रखने के लिए भाजपा चुनाव के लिए अलग-अलग जिम्मेदारियां लगाकर अपने कुनबे को समेटे रखने का प्रयास कर रही है। भाजपा ऐसे नेताओं को अलग-अलग विधानसभा का प्रभारी बना रही है। संगठन में एडजस्ट करने का प्रयास कर रही है। इसके लिए हरियाणा संगठन के शीर्ष नेताओं की ड्यूटी लगा दी गई है जो नेताओं पर नजर रख रहा है।

वहीं दूसरी ओर कांग्रेस ने अभी से ऑफर देना शुरू कर दिया है कि जिसको टिकट नहीं मिलेगा उसका कांग्रेस की सरकार आने पर अच्छे से ध्यान रखा जाएगा। हिसार में कांग्रेस के सम्मेलन में प्रदेश अध्यक्ष उदयभान ने यह बात मंच से की।

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