हरियाणा की राजनीति में एक नया मोड़ आया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने किरण चौधरी को राज्यसभा का उम्मीदवार बनाया है। यह खबर राज्य की राजनीति में काफी चर्चा का विषय बन गई है।
कौन हैं किरण चौधरी ?
किरण चौधरी हरियाणा के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी बंसीलाल की पुत्रवधू हैं। उनका जन्म 5 जून 1955 को उत्तर प्रदेश के फैजाबाद में हुआ था। उनके पिता आत्मा सिंह सेना में ब्रिगेडियर थे। किरण की शादी बंसीलाल के छोटे बेटे सुरेंद्र सिंह से हुई थी।
राजनीतिक सफर:
किरण चौधरी का राजनीतिक सफर बहुत रोचक रहा है। वे पहली बार 1998 में दिल्ली विधानसभा की सदस्य बनीं। वहां वे डिप्टी स्पीकर भी रहीं। 2005 में उन्होंने हरियाणा की राजनीति में कदम रखा। तोशाम से उपचुनाव जीतकर वे पहली बार हरियाणा विधानसभा पहुंचीं।
तोशाम से अनूठा रिकॉर्ड:
तोशाम विधानसभा सीट किरण चौधरी के लिए भाग्यशाली रही है। 2005 के उपचुनाव में उन्होंने यहां से जीत का अनूठा रिकॉर्ड बनाया। उस चुनाव में किसी भी दूसरी पार्टी ने अपना उम्मीदवार नहीं उतारा था। इसके बाद 2009, 2014 और 2019 में भी वे यहां से जीतीं।
मंत्री पद का अनुभव:
किरण चौधरी ने हरियाणा सरकार में कई अहम मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाली है। वे वन, पर्यावरण, पर्यटन, खेल, जनस्वास्थ्य और आबकारी मंत्री रह चुकी हैं। यह अनुभव उनके राज्यसभा सदस्य बनने पर काफी काम आएगा।
परिवार की परंपरा:
किरण चौधरी के राज्यसभा जाने की संभावना से एक खास बात सामने आई है। उनसे पहले उनके ससुर चौधरी बंसीलाल और पति सुरेंद्र सिंह भी राज्यसभा के सदस्य रह चुके हैं। इस तरह, वे अपने परिवार की तीसरी पीढ़ी होंगी जो राज्यसभा जाएंगी।
भविष्य की संभावनाएं:
राजनीतिक गलियारों में यह भी चर्चा है कि भाजपा किरण की बेटी श्रुति चौधरी को तोशाम विधानसभा सीट से चुनाव लड़वा सकती है। अगर ऐसा होता है, तो यह परिवार की चौथी पीढ़ी होगी जो इस सीट से चुनाव लड़ेगी।
किरण चौधरी का राज्यसभा में जाना हरियाणा की राजनीति के लिए एक नया अध्याय होगा। उनके अनुभव और परिवार की विरासत से उम्मीद की जा रही है कि वे राज्य के हितों के लिए मजबूती से आवाज उठाएंगी। यह देखना दिलचस्प होगा कि वे अपनी नई भूमिका में कैसा प्रदर्शन करती हैं।
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