हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा ने 67 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है, जिसमें केंद्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत का वर्चस्व भी देखने को मिला है, जी हां राव इंद्रजीत ना केवल अपनी बेटी को टिकट दिलवाने में कामियाब रहे, बल्कि उन्होंने एक तीर से कई निशाने साध लिए, अलबत्ता अपनी बेटी के साथ-साथ राव इंद्रजीत अपने चेहतों को भी टिकट दिलवाने में कामयाब रहे। वहीं बादशाहपुर सीट पर केंद्रीय राज्यमंत्री और पूर्व सांसद के विरोध के बावजूद पूर्व मंत्री राव नरबीर भी टिकट लेने में कामयाब रहे।
परिवारवाद वाली राजनीति बच नहीं पाई भाजपा
उल्लेखनीय है कि भारतीय जनता पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में बुधवार देर सायं हरियाणा की 67 विधानसभा सीटों पर उम्मीदवारों की सूची जारी की। इस सूची में राव इंद्रजीत सिंह की बेटी को महेंद्रगढ़ जिले की अटेली विधानसभा से भाजपा ने अपना उम्मीदवार घोषित किया है।
गौरतलब है कि राव इंद्रजीत ने गत 2019 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान भी आरती राव के लिए टिकट की मांग की थी, लेकिन भाजपा की ओर से परिवारवाद वाली राजनीति से बचने के लिए ऐसा नहीं किया गया। यही कारण रहा कि राव के तमाम प्रयासों के बावजूद आरती राव को टिकट नहीं मिली थी, लेकिन इस बार भाजपा ने परिवारवाद की नीति से समझौता करते हुए नेताओं के बहन, बेटा-बेटी, पत्नी, भाई, दोस्त आदि सबको खुश करने का प्रयास किया है।
अभी मेवात की तीनों सीटों पर सस्पेंस बरकरार
बता दें कि मेवात की नूंह, फिरोजपुर झिरका और पुन्हाना सीट पर भाजपा ने फिलहाल उम्मीदवार घोषित नहीं किए गए हैं। चूंकि भाजपा यहां काफी सोच समझ कर और मजबूत प्रत्याशी उतारने की तैयारी में है।
कारण ये है कि यहां मौजूदा समय में तीनों सीटें कांग्रेस के पास हैं। रेवाड़ी, कोसली और बावल में से बावल को छोड़कर दो सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर दिए गए हैं। कोसली से विधायक लक्ष्मण सिंह यादव को रेवाड़ी से टिकट मिला है। यह सीट मौजूदा समय में कांग्रेस के पास है। वहीं कोसली से नए चेहरे अनिल दहिना को टिकट मिला है। वो भी केंद्रीय राज्य मंत्री के खास हैं। केंद्रीय राज्य मंत्री की बेटी आरती राव को अटेली से टिकट मिला है।
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