कांग्रेस में थी, हूं और रहूंगी, कलायत में मेरा प्रचार "भाजपा भगाओ हरियाणा बचाओ" मुहीम के रूप में रहा है और मैं हरियाणा बचाने की इस मुहीम में हमेशा अग्रसर भूमिका में रहूंगी। मैं किसी व्यक्ति विशेष के साथ नहीं हूं, मैं कांग्रेस के साथ हूं।
मेरे कुछ सिद्धांत, कुछ उसूल हैं, जिनसे चाहकर भी मैं समझौता नहीं कर सकती हूं फिर चाहे सामने कितनी ही बड़ी ताकत क्यों न खड़ी हो और इनमे से एक है लोकतंत्र का सम्मान। जिस दिन कांग्रेस ज्वाइन की थी उस दिन यह संकल्प और प्रतिज्ञा लेकर की थी कि जब तक जिऊंगी पार्टी में रहूंगी व पार्टी की नीतियों का प्रचार करूंगी। उक्त बातें कलायत से कांग्रेस नेत्री श्वेता ढुल ने मीडिया को संबोधित करते हुए कही।
मैं कड़े शब्दों में उनके बयान की निंदा करती हूं
श्वेता ने कहा मैं लोकतंत्र में गहरा विश्वास रखती हूं और इसीलिए पार्टी के अंदर रहते हुए भी शीर्ष नेतृत्व से सवाल किये जा सकते हैं, इसका उदाहरण बन रही हूं, क्यूंकि जब मैंने कहा राजा का बेटा राजा ही बनता है तो यह फैक्ट है और यह दिक्कत हर पार्टी के साथ है, जिससे हम सबको मिलकर लड़ने की आवश्यकता है।
हम सब कुछ देखते हैं पर बोलते नहीं हैं, क्यूँ??दूसरा जब सांसद जयप्रकाश के बोल बिगड़े तब उन्हें जवाब देना अनिवार्य हो गया था, जो मैंने कविता के माध्यम से दिया भी क्यूंकि जैसे ही यह ख़बर फैली की उनके बेटे की टिकट कट गई है तो यह उसके तुरंत बाद का उनका वक्तव्य है और बेहद बेहूदा। मैं कड़े शब्दों में उनके बयान की निंदा करती हूं।
हरियाणा में बनने जा रही है कांग्रेस की सरकार
उन्हें जवाब देकर मैं यह बताना चाहती थी कि आप कितने ही बड़े नेता क्यूं न हो, आप गलत टिप्पणी करेंगे तो मैं भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की छोटी सी सिपाही आपत्ति दर्ज करवाउंगी और यह तो फिर भी निजी टिप्पणी थी, इससे मैं अपने से जुड़े प्रत्येक युवा को भी संदेश देना चाहती हूं कि उनकी बहन उनके साथ हर परिस्थिति में खड़ी है।
यह इसलिए भी ज़रूरी है क्यूंकि जिन हज़ारों लाखों बच्चों युवाओं की लड़ाई मैं लड़ रही हूं, उनतक क्या संदेश पहुंचेगा? कि श्वेता ढुल खुद की लड़ाई लड़ नहीं सकती है तो हमारी कहां से लड़ेगी, कल कांग्रेस की सरकार हरियाणा में बनने जा रही है, मुझे बच्चों का विश्वास उनका भरोसा कायम रखना है कि उनकी बहन उनके साथ खड़ी है और उनकी बात सीधे शीर्ष नेतृत्व तक रख रही है।
मेरा वोट पार्टी को जाएगा, मेरा कोई राजनैतिक द्वेष नहीं
लेकिन मेरे बारे में बहुत सी भ्रांतियां फैलाई जा रही हैं कि मैंने किसी अन्य पार्टी के उम्मीदवार या निर्दलीय प्रत्याशियों का समर्थन कर दिया है, जिसका मैं इस प्रेस वार्ता के माध्यम से खंडन करती हूं। मैं किसी भी अन्य पार्टी के उम्मीदवार या ख़ासकर किसी भी निर्दलीय के पक्ष में नहीं हूं l मैं समर्थन क्यूं करूंगीl
समर्थन का सवाल तो तब उठता है जब मैं खुद किसी पार्टी से न हूं, मेरा वोट पार्टी को जाएगा, मेरा कोई राजनैतिक द्वेष नहीं है किसी से भी कि उसका राजनैतिक लाभ कोई दूसरी पार्टी या कोई निर्दलीय उम्मीदवार उठाने की कोशिश करे और मैं इस बात से भी खुश नहीं कि सांसद जयप्रकाश जी माफ़ी मांगने और अपने शब्द वापिस लेने की बजाए स्पष्टिकरण दे रहे हैं कि मैंने इसको नहीं कहा उसको कहा है और पार्टी के ही अन्य नेताओं पर टिप्पणी करें।
पार्टी मज़बूत करनी है तो मुद्दों पर रहने की आवश्यकता
उन्हें चुनाव लड़ना है, पार्टी मज़बूत करनी है तो मुद्दों पर रहने की आवश्यकता है, जो किसान, बेरोज़गार नौजवान, खिलाडियों इत्यादि पर अत्याचार हुए उनपर सीमित रहिये, पार्टी का प्रचार कीजिये, वे इतने बड़े लीडर होकर इसे अपने वर्चस्व की लड़ाई बना रहे हैं जो कि सही नहीं है। बहरहाल, कांग्रेस में थी, हूं और रहूंगी, पार्टी काम करने के लिए ज्वाइन की है छोड़ने के लिए नहीं। मैं अपने फैसले पर अडिग हूं और पार्टी का प्रचार कर रही हूं कैथल में, करनाल में, नरवाना में व जहां भी प्रदेश भर में मुझे बुलाया जाएगा, मैं प्रचार के लिए ज़रूर जाउंगी।
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