द हरियाणा स्टोरी आपको हरियाणा विधानसभा चुनाव की ताजा खबरें लेकर आया है। सिरसा विधानसभा सीट पर भाजपा और गोपाल कांडा के बीच चल रहे सियासी खेल ने सबका ध्यान खींचा है। यह घटनाक्रम न केवल स्थानीय स्तर पर बल्कि पूरे राज्य की राजनीति को प्रभावित कर रहा है।
भाजपा की रणनीति में उलझन
हरियाणा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मोहनलाल बड़ौली के बयान ने सबको चौंका दिया है। उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं पता कि सिरसा सीट से पार्टी के उम्मीदवार रोहताश जांगड़ा ने अपना नामांकन वापस लिया है। बड़ौली ने जांगड़ा को तलब किया है और इस मामले में स्पष्टीकरण मांगा है। यह बयान भाजपा की रणनीति में उलझन को दर्शाता है।
इसी बीच, एक अजीब स्थिति यह भी देखने को मिली कि जिस उम्मीदवार को पार्टी अध्यक्ष तलब कर रहे हैं, वह मुख्यमंत्री नायब सैनी के साथ हिसार में एक रैली के दौरान मंच पर दिखाई दिए। यह घटना भाजपा के अंदर की स्थिति को लेकर सवाल खड़े करती है।
गोपाल कांडा का बदलता रुख
गोपाल कांडा, जो कुछ दिन पहले तक खुद को एनडीए का हिस्सा बता रहे थे, अब अपने बयानों में बदलाव लाए हैं। उन्होंने कहा है कि सिरसा की जनता कांग्रेस और भाजपा दोनों से परेशान है। कांडा ने यह भी स्पष्ट किया कि उन्होंने भाजपा से कोई समर्थन नहीं मांगा है और न ही वे इसके इच्छुक हैं।
कांडा के इस बदलते रुख के पीछे कई कारण :
कांडा की रणनीति में कई पहलू दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने हाल ही में इनेलो और बसपा के साथ गठबंधन किया है, जो उन्हें एक मजबूत राजनीतिक आधार प्रदान कर सकता है। साथ ही, वे भाजपा और कांग्रेस दोनों से नाराज मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित करने की कोशिश कर रहे हैं। इस तरह वे एक विकल्प के रूप में खुद को पेश कर रहे हैं। कांडा को यह भी उम्मीद है कि भाजपा के समर्थक, जिनके पास अब कोई अन्य विकल्प नहीं बचा है, उन्हें वोट दे सकते हैं। इस प्रकार, कांडा एक ऐसी रणनीति अपना रहे हैं जो उन्हें विभिन्न वर्गों के मतदाताओं का समर्थन दिला सकती है।
भाजपा की रणनीति के पीछे के कारण
भाजपा के इस कदम के पीछे कुछ संभावित कारण हो सकते हैं:
1. कांग्रेस को रोकना: भाजपा सिरसा सीट कांग्रेस को नहीं जीतने देना चाहती।
2. वोट बैंक का संरक्षण: पार्टी नहीं चाहती कि कांग्रेस विरोधी वोट बंटे।
3. कांडा का प्रभाव: भाजपा मानती है कि सिरसा में कांडा ही सबसे मजबूत उम्मीदवार हैं।
इस पूरे घटनाक्रम ने हरियाणा की राजनीति में नया मोड़ ला दिया है। यह न केवल सिरसा सीट के लिए बल्कि पूरे राज्य के चुनावी समीकरणों को प्रभावित कर सकता है। द हरियाणा स्टोरी आगे भी इस मामले पर नजर बनाए रखेगा और आपको हर नए घटनाक्रम से अवगत कराता रहेगा।
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