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Jasbir Deshwal : बाहरी व काम न करने वाले को इस हलके पर कब्जा नहीं करने देंगे

Jasbir Deshwal : बाहरी व काम न करने वाले को इस हलके पर कब्जा नहीं करने देंगे

देशवाल ने कहा कि यह उनका आखिरी चुनाव है और उनका लक्ष्य यह है कि उनका दशकों का औद्योगिक अनुभव उनके हलके के लोगों के काम आए

प्रतीकात्मक तस्वीर

पूर्व विधायक जसबीर देशवाल ने कहा कि उन्होंने अपने 5 वर्ष के कार्यकाल में सफीदों में 600 करोड़ से अधिक के विकास कार्य करवाए हैं। असंख्य युवाओं को नौकरी दी भी है और दिलाई है। देशवाल ने कहा कि यह उनका आखिरी चुनाव है और उनका लक्ष्य यह है कि उनका दशकों का औद्योगिक अनुभव उनके हलके के लोगों के काम आए।

उन्होंने कहा कि चुनाव जीतने के बाद वह सफीदों क्षेत्र में बड़ा औद्योगिक केंद्र स्थापित कराकर बेरोजगारी की समस्या को मिटा देंगे। बता दें कि जसबीर देशवाल सफीदों और सफीदों हलके के गांव साहन पुर, टोडीखेड़ी, धर्मगढ़, रामपुरा, खेड़ा खेमावती, पाजुकलां, पाजुखर्द, रोढ, आफ़ताब गढ़ में आयोजित विभिन्न जन सभाओं को सम्बोधित कर रहे थे। 

आपके स्वागत और समर्थन ने मुझे और भी मजबूत बना दिया

जसबीर देशवाल ने कहा आप सभी साथियों के जोश और उत्साह ने साबित कर दिया कि गांव और हलके में टेलीफोन का ही निशान जीतेगा। एक बार फिर आपके सहयोग व समर्थन के लिए दिल से धन्यवाद। आपके स्वागत और समर्थन ने मुझे और भी मजबूत बना दिया है। वहीं इस दौरान सभी जनसभाओं में जसबीर से सफीदों हलके के लिए भविष्य में किये जाने वाले विकास कार्यों और समस्याओं का समाधान करने संबंधी योजनाओं पर चर्चा की और बताया कि वो किस-किस योजना पर काम कर सफीदों हलके का कायाकल्प करेंगे। 

इस बार लोग किसी के बहकावे में नहीं आएंगे 

उन्होंने उपस्थित जनसमूह से वोट की अपील करते हुए कहा कि इस बार लोग किसी के बहकावे में नहीं आएंगे और विकास करने वाले उम्मीदवार को वोट देंगे। उन्होंने कहा कि बाहरी व काम न करने वाले उम्मीदवार को इस हलके पर कब्जा नहीं करने देंगे। समर्थकों को उन्होंने कहा कि बस ये चुनाव जीत लो जिस पार्टी की सरकार बनेगी वह खुद ही फिर आप लोगों के पास आएगी, फिर आप लोग सोचिए, आपको क्या करना है। देशवाल ने कहा कि भाईचारे का उनपर बहुत दबाव पड़ा कि चुनाव न लड़ो। आज आपका साथ ही मेरी ताकत है और यही ताकत हलके में काम कराएगी।

केंद्रीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की बहन को हराकर विधायक बने थे जसबीर

2014 में भी आपने ही विधायक बनाया था और अब 2024 में भी आप ही बनाएंगे। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2014 के विस चुनाव में भाजपा दिग्गज नेता केंद्रीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की बहन डॉक्टर वंदना शर्मा को हराकर जसबीर देशवाल विधायक बने थे। उस दौरान मोदी की आंधी थी और तत्कालीन केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सफीदों के बड़े गांव मुवाना में वंदना के लिए सभा की थी और सुषमा स्वराज तो यहां कई दिन ठहरकर मतदाताओं से वंदना के लिए वोट की अपील करती रही थीं, बावजूद इसके सफीदों से डॉ वंदना को "बाहरी'' होने के कारण स्वीकार नहीं किया था। 

ना तो मोदी का जादू चला और ना केंद्रीय मंत्रियों की अपील

उस वक्त ना तो मोदी का जादू चला और ना केंद्रीय मंत्रियों की अपील मानी गई। यहीं से अंदाज़ा लगा सकते हैं कि ये सफीदों की जनता है, उम्मीदवार को बातों की मीठी गोली से नहीं काम से आंकती हैं और दूसरा उम्मीदवार स्थानीय होना चाहिए। क्योंकि बाहरी को तो ये बाहर से ही राम-राम कर देते है।

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