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नाम से नहीं बल्कि काम से है देवेंद्र की पहचान

नाम से नहीं बल्कि काम से है देवेंद्र की पहचान

गन्नौर से निर्दलीय उम्मीदवार देवेंद्र कादियान के प्रचार ने पकड़ी रफ्तार

प्रतीकात्मक तस्वीर

चुनाव में जीत हासिल करने के लिए हर प्रत्याशी अपनी पूरी ताकत झोंक रहे है और हर तरह से मतदाताओं को प्रभावित करने की कोशिश में जुटे हुए हैं। हरियाणा की गनौर विधान सभा सीट पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बनी हुई है, क्योंकि यहां निर्दलीय उम्मीदवार देवेंद्र कादियान दोनों बड़ी पार्टियों के प्रत्याशियों को कड़ी टक्कर देते नज़र आ रहे हैं, देवेंद्र का प्रचार रफ्तार पकड़ता जा रहा है। देवेंद्र कादियान गांव -गांव पहुंच कर अपने लिए वोट की अपील कर रहे हैं। 

अब आने वाला समय बदलाव का

वहीं हलके के विभिन्न गांवों में आयोजित जनसभाओं को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अब आने वाला समय बदलाव का है। गनौर की जनता इस बार बहुत बड़ा बदलाव करने वाली है। यहां की जनता किसी नेता नहीं, बल्कि अपने भाई, अपने बेटे को मौका देकर गनौर की सेवा की जिम्मेदारी सौंपना चाहती है और मैं भी गनौर की जनता के विश्वास पर खरा उतरुंगा।

देवेन्द्र कादियान ने कहा कि वह एक किसान के बेटे है और गरीबी से उठ मेहनत कर यहां तक पहुंचे हैं। यह चुनाव किसान व नेता के बीच का चुनाव है। उन्होंने कहा कुछ नेता झूठ बोलकर लोगों को बहलाने का काम कर रहे है। झूठे वादे कर लोगों के पास जा रहे है, लेकिन जनता इस बार उनके बहकावे में नही आएगी। 

देवेंद्र की पहचान उसके नाम से नहीं बल्कि काम से

वहीं ग्राउंड रिपोर्ट के मुताबिक हलके में अलग-अलग लोगों से हुई बातचीत में लोगों का कहना है कि हलके में देवेंद्र की पहचान उसके नाम से नहीं बल्कि काम से है। वो 10 साल से यहां काम कर रहा है। बच्चों के लिए, खिलाड़ियों के लिए, बीमारों और जरूरतमंदों के लिए हमेशा सेवा कार्य करता है। हलके के गांवों में बस स्टॉप पर बैठने की व्यवस्था नहीं थी, इसने हर गांव में हर गांव में वो सुविधा दी, बैंच लगवाए। मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारे में खुलकर दान देता है।

सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में लोगों ने इसे बरता है 

लोगों का कहना है कि theहलके में एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में लोगों ने इसे बरता है तो विश्वास है कि ये हलके को संभाल सकता है। पूर्व विधायक निर्मल चौधरी से भी हलके के लोग खफा नजर आ रहे है,लोगों का कहना है कि उन्हें कुछ उम्मीदों से उनको विधायक बनाया था, लेकिन वो उम्मीदों पर खरा नहीं उतरी। गनौर की जनता में कांग्रेस और भाजपा दोनों प्रति रोष है, इसलिए इस बार आजाद उम्मीदवार को विधायक बनाने का मन बनाया है। 

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