विधानसभा चुनावों को लेकर सभी पार्टी और निर्दलीय उम्मीदवार अपने चुनाव प्रचार में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहे और अपनी-अपनी जीत की दावेदारी भी कर रहे है। वहीं गनौर से निर्दलीय प्रत्याशी देवेंद्र कादियान अनोखा प्रचार कर रहे है।
कादियान ऊंट पर बैठ और सिलेंडर साथ लेकर गांव-गांव में पहुंचे और अपने पक्ष में वोट की अपील की। इस मौके पर उन्होंने कहा कि साढ़े 8 साल हलके की जनता के हितों में काम करके दिखाया है। अगर जनता अपने बेटे को विधायक बनाकर चंडीगढ़ भेजती है तो उन्हें काम करवाने के लिए किसी इजाजत लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
लोगों को काम करने वाला बेटा चाहिए, नेता नहीं
लोगों का अपार समर्थन व प्यार साबित करता है कि लोगों को काम करने वाला बेटा चाहिए, नेता नहीं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और भाजपा वाले बौखलाए हुए हैं। उनको लगता है कि अब उनकी अफसरशाही वाली राजनीति का अंत होने वाला है। कादियान ने कहा कि पार्टी ने हमारी टिकट काटी तो हम कुछ नहीं बोले। हम जनता के बीच गए, लोगों ने एक स्वर में चुनाव लड़ने की बात कही। वे जनता की टिकट पर चुनावी मैदान में है, जीत हासिल कर गनौर की जनता ही विधायक बनेेगी।
विदेशों से मिल रही जान से मारने की धमकियां
देवेंद्र कादियान ने दूसरे प्रत्याशियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें चुनाव में बैठने के लिए खुले मंच और विदेशों से धमकियां मिल रही है। साथ ही जो उनके समर्थक है, उन्हें भी विदेशों से फोन पर जान से मारने व चुनाव से दूर रहने की धमकियां मिल रही है। उन्होंने कहा कि इस चुनाव में दोनों प्रत्याशियों की जमानत जब्त होगी। इसी डर की वजह से उन्हें धमकियां मिल रही है। उन्होंने पुलिस को शिकायत देकर भी कार्रवाई की मांग की है।
पुलिस में दर्ज कराई शिकायत
उन्होंने यह दावा किया है कि इस चुनाव में उनके विरोधियों की जमानत जब्त होने वाली है, और यही कारण है कि वे इतनी निराशाजनक हरकतें कर रहे हैं। इस स्थिति को देखते हुए कादियान ने पुलिस से शिकायत दर्ज करवाई है और कार्रवाई की मांग की है।
उनका कहना है कि उन्हें और उनके समर्थकों को सुरक्षा दी जाए ताकि वे बिना किसी डर के चुनावी प्रक्रिया में भाग ले सकें। कादियान का यह अनोखा प्रचार और उनके गंभीर आरोप निश्चित रूप से चुनावी माहौल को और भी गर्मा देंगे। अब देखना यह है कि चुनाव परिणामों में यह सब किस प्रकार असर डालता है।
related
सरकार द्वारा 'आंकड़े न कभी छुपाए जाते हैं, न कभी छुपाए जाएंगे', जानिए मुख्यमंत्री सैनी ने ऐसा क्यों कहा
'वे नहीं जानती कि पराली क्या होती है' दिल्ली सीएम पर बड़ोली का तंज - बोले पहले खेतों में जाकर पराली देखनी चाहिए
'मैं न तो गलत कार्य करूंगा, न ही गलत कार्य करने वालों की सपोर्ट करुंगा' : महिपाल ढांडा
Latest stories
ये किसान व आढ़ती को ख़त्म करने का 'षड्यंत्र' नहीं तो क्या है? सदन में भाजपा पर गरजे आदित्य
सरकार द्वारा 'आंकड़े न कभी छुपाए जाते हैं, न कभी छुपाए जाएंगे', जानिए मुख्यमंत्री सैनी ने ऐसा क्यों कहा
'वे नहीं जानती कि पराली क्या होती है' दिल्ली सीएम पर बड़ोली का तंज - बोले पहले खेतों में जाकर पराली देखनी चाहिए