हरियाणा विधान सभा चुनाव की मद्देनजर प्रत्याशी चुनाव प्रचार में अपनी पूरी ताकत झोंक रहे हैं और मतदाताओं से अपने पक्ष में वोट डालने की अपील कर रहे है। वहीं गनौर से निर्दलीय प्रत्याशी देवेंद्र कादियान का प्रचार-प्रसार जोरों-शोरों पर है। कादियान लगातार हल्के के गांवों में आयोजित जनसभाओं में पहुंच रहे हैं और अपने पक्ष में वोट की अपील कर रहे है।
ऐसे लोगों को उनके घर बैठाने का काम करेंगे
इस दौरान निर्दलीय प्रत्याशी देवेंद्र कादियान ने कहा कि यह चुनाव बेटे और नेताओं के बीच का चुनाव है। इस चुनाव से आपके वोट से क्षेत्र में बहुत बड़ा परिवर्तन होगा। कादियान ने कहा कि यह चुनाव नेता और बेटे के बीच का है। आपका बेटा पिछले 8 वर्षों से आपके बीच रहकर देवा सोसायटी के माध्यम से आपकी सेवा कर रहा है और आगे भी करता रहेगा। जिन नेताओं ने गन्नौर में विकास न कर अपना और अपने परिवार का विकास किया है। इस बार ऐसे लोगों को उनके घर बैठाने का काम करेंगे।
हमें किसी से कोई द्वेष नहीं, फिर भी धमकियां मिल रही
कादियान ने कहा कि हम जनता की टिकट पर क्षेत्र के विकास का एजेंडा लेकर चुनाव लड़ रहे हैं। हमें किसी से कोई द्वेष नहीं है, इसके बावजूद विरोधियों द्वारा उनके छोटे भाई व साथ रहने वाले लोगों को धमकियां मिलना निंदनीय है। उन्होंने कहा कि धमकियां से फिलहाल लोगों को चुप कराया जा सकता है, लेकिन 5 अक्तूबर को वोट की चोट से करारा जवाब देंगे। उन्होंने कहा कि विरोधी धमकियां द्वारा देकर चुनाव में माहौल खराब करने की कोशिश की जा रही है। सभी जानते हैं कि हारने वाला ही माहौल को खराब करता है, जीतने वाला भला क्यों ऐसा करेगा।
भाजपा ने ऐसे आदमी को टिकट दी, जिसने कांग्रेस के लिए वोट मांगी
कादियान ने कहा कि गन्नौर के कई गांव में कांग्रेस का सीनियर नेता आया तो, उससे जबरदस्ती बुलवाया कि देवेंद्र कादियान को खट्टर ने उठा रखा है और उसकी गोद में जा बैठेगा। देवेंद्र कादियान ने कहा 2019 के चुनाव में उन्हें टिकट नहीं मिला था और अब फिर वही बात हुई, भाजपा ने ऐसे आदमी को टिकट दी, जिसने लोकसभा चुनाव में खुलकर कांग्रेस के लिए वोट मांगी।
मुझ पर एक छोटा सा दाग नहीं लगा
देवेंद्र कादियान ने कहा कि पार्टी से टिकट कटने के बाद विरोधियों ने खुशी मनाई, लेकिन हलके की जनता ने अपनी टिकट देकर मैदान में उतारा तो इनको हजम नहीं हो रहा है। मैं पिछले 8 -9 साल से जनता की सेवा में लगा हूं, मुझ पर एक छोटा सा दाग नहीं लगा। चुनाव आते ही विरोधियों ने पहले छवि खराब करने की कोशिश की, कामयाब नहीं हुए तो समर्थकों को धमकी देना शुरू करवा दिया है। उन्होंने कहा कि पार्टी ने उन्हें धक्के मारकर निकाल दिया, लेकिन हलके की 36 बिरादरी ने उन्हें संभाला।
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