
हरियाणा विधानसभा चुनाव का चुनावी प्रचार अपने अंतिम पड़ाव पर है। प्रचार के दौरान हरियाणा का हर जिला, शहर, गांव-गली पार्टी नेताओं के पोस्टर से अन्ते पड़े है, जनसभाओं में भीड़ के साथ-साथ मंचों पर भी नेताओं की खासी भीड़ दिखती रही हैं, लेकिन नहीं दिखे तो "नमो सरकार के मनो'', जी हां हैरान कर देने वाली बात यह कि, इस बार हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की तस्वीर पोस्टरों से गायब हैं।
विपक्षी सवाल खड़े कर रहे
इतना ही नहीं सार्वजनिक मंचों से भी मनोहर की दूरी रही। कार्यकर्ताओं की बैठकें लेने के अलावा मनोहर की कोई खास सहभागिता चुनाव प्रचार में देखने को नहीं मिली। इसी बीच पलवल में हुई पीएम मोदी के रैली स्थल पर लगे पोस्टरों में भी खट्टर की तस्वीर मौजूद नहीं थी, जिसके बाद इस बात पर बवाल मचा हुआ है और विपक्षी सवाल खड़े कर रहे हैं।
खट्टर की फोटो ना होने की क्या है वजह?
सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री की रैली में मौजूद एक व्यक्ति ने कहा कि “हरियाणा में जो भी व्यक्ति मुख्यमंत्री होता है, उसी की तस्वीरें पोस्टरों में लगाई जाती हैं। ना कि किसी अन्य की। उसने कहा कि अभी हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी हैं, इसलिए उनके ही पोस्टरों में फोटो लगी है। जब कोई और मुख्यमंत्री बनेगा, तो उनकी तस्वीर दिखाई देगी। इसी कारण इस बार खट्टर जी की तस्वीर पोस्टरों में मौजूद नहीं है। इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि लोग नायब सिंह सैनी को पसंद करते हैं, इसलिए उनके ही पोस्टर और फोटो ज्यादा नजर आ रहे हैं।
‘मनोहर लाल अब हरियाणा के मुख़्यमंत्री नहीं हैं’…
इस दौरान फरीदाबाद की निवासी एक महिला ने कहा कि मनोहर लाल खट्टर अब हरियाणा के मुख्यमंत्री नहीं हैं, बल्कि वो केवल एक सांसद हैं। उन्होंने आगे कहा कि, खट्टर जी ने पहले मुख्यमंत्री के रूप में बहुत अच्छा काम किया, लेकिन अब वो संसद में पहुंच चुके हैं और कैबिनेट मंत्री बन चुके हैं। इसलिए अब पोस्टरों में उनका चेहरा मौजूद नहीं है। नायब सैनी को लेकर किरण ने कहा कि “नायब सिंह सैनी ने मात्र 56 दिनों में 120 घोषणाएं की हैं, जो हरियाणा वासियों के लिए एक बड़ी सौगात हैं।
एक और बड़ा सवाल
वहीं एक और बड़ा सवाल है कि अन्य प्रदेशों के मुख्यमंत्री, सांसद, कैबिनेट मंत्री चुनाव प्रचार में जनसभाओं को सम्बोधित कर रहे हैं। स्थानीय जनसभाओं को भी संबोधित कर रहे हैं, लेकिन मनोहर लाल सिवाय कार्यकर्ताओं बैठकों के और किसी कार्यक्रम शिरकत करते नज़र नहीं आ रहे। जहां इसको विपक्ष मुद्दा बनाकर भाजपा पर निशाना साधने में कसर नहीं चढ़ रही, वहीं ये सवाल आम जनता के ज़ेहन में है।
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