प्रदेश की भाजपा सरकार के अंदर कुछ भी ठीक नहीं है। अंदर ही अंदर ज्वालामुखी सा धधक रहा है, जो कभी भी लावा की तरह फूट कर बाहर आ सकता है। अभी तक की गतिविधियों से साफ है कि प्रदेश सरकार के हाथ बंधे ही रहेंगे, जबकि यहां का रिमोट केंद्र की सरकार के पास रहेगा। वहां से जैसा बटन दबेगा, सरकार आगे-पीछे चलती रहेगी।
उक्त बातें पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा से लोकसभा सांसद कुमारी सैलजा ने कही। मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि राज्य सरकार के गठन और मंत्रियों को महकमे मिलने में हो रही देरी से साफ है कि मंत्रियों के बीच वर्चस्व व मलाईदार महकमे को लेकर अंदरूनी जंग चल रही है। इसलिए बार-बार दिल्ली दरबार के चक्कर मुख्यमंत्री को लगाने पड़ रहे हैं।
सरकार में शामिल किसी को भी प्रदेश के लोगों की सुरक्षा की फिक्र तक नहीं
सरकार के बीच एक-दूसरे में शह-मात का खेल चल रहा है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पहले आचार संहिता और अब महकमे वितरण में देरी के कारण प्रदेश भगवान भरोसे है। सरकार में शामिल किसी को भी प्रदेश के लोगों की सुरक्षा की फिक्र तक नहीं है। यही कारण है कि जींद में व्यापारी से एक करोड़ रुपये की रंगदारी मांगी जा रही है। लगातार खराब हो रही कानून व्यवस्था को सुधारने के लिए राज्य सरकार कोई कदम उठाना तो दूर, ध्यान तक नहीं दे रही।
आढ़तियों व किसानों का धरना राज्य सरकार के दावों की पोल खोल रहा
कुमारी सैलजा ने कहा कि नारनौंद की अनाज मंडी में आढ़ती व किसान धरने पर बैठते हैं, ताकि इनकी आवाज सरकार तक पहुंचे और फिर धान की खरीद शुरू हो सके। इनका आरोप है कि 15 दिन से मंडी में खरीद ही नहीं हो रही। जबकि, राज्य सरकार दावा करती है कि धान का एक-एक दाना खरीदा जा रहा है। आढ़तियों व किसानों का धरना राज्य सरकार के दावों की पोल खोल रहा है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह भाजपा की प्रदेश सरकार की ही नाकामी है, जो हरियाणा में पंजाब से कहीं अधिक महंगाई हो चुकी है।
छह महीने के दौरान सब्जियों के दाम दोगुने हो चुके
प्रदेश में महंगाई देश की राष्ट्रीय औसत के मुकाबले कहीं अधिक रफ्तार से बढ़ रही है। छह महीने के दौरान सब्जियों के दाम दोगुने हो चुके हैं, जबकि दाल, फल व अनाज के दामों में भी बढ़ोतरी का सिलसिला जारी है। कुमारी सैलजा ने कहा कि 10 साल से लोगों का दिवाला निकालने में जुटी भाजपा सरकार जनता के लिए किसी भी तरह से फिक्रमंद नहीं है। अन्यथा, तीसरी बार सरकार बनाने के बाद अब तक महंगाई पर काबू पाने की कोशिश शुरू कर देती।
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