भाजपा सरकार अपने पुराने मोड में ही चल रही है, वह नया कुछ करती दिखाई नहीं दे रही है, पहले की तरह समाधान शिविर का आयोजन कर प्रदेश की जनता को कतार में खड़ा करना चाहती है। अगर सरकार ईमानदारी से प्रॉपर्टी आईडी की शिकायतों का समाधान करना चाहती है तो अधिकारियों-कर्मचारियों को घर-घर जाकर काम करना होगा, क्योंकि सरकार ने जिस एजेंसी से प्रॉपर्टी सर्वे करवाया था वह फर्जी ही साबित हुआ, सरकार ने इसके बावजूद कंपनी को भुगतान कर दिया।
सरकार पुराने मोड में ही चल रही
उक्त बातें अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने कही। मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने अधिकारियों को 22 अक्टूबर से नगर निकायों में समाधान शिविर शुरू करने के निर्देश दिए. समाधान शिविर के अंतर्गत सुबह 9 से 11 बजे तक सभी अधिकारी कार्यालय में बैठकर आमजन की प्रॉपर्टी आईडी और स्वामित्व से संबंधित समस्याओं का समाधान करेंगे। उन्होंने कहा कि इससे साफ जाहिर है कि सरकार पुराने मोड में ही चल रही है नया कुछ नहीं कर रही है।
प्रॉपर्टी आईडी लागू करने की मांग जनता की ओर से कभी नहीं की गई
अब सरकार नगर पालिका, परिषद और निगम कार्यालयों में ऐसे शिविर आयोजित कर प्रॉपर्टी आईडी और खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी कार्यालय में स्वामित्व संबंधी समस्याओं का समाधान करना चाहती है। उन्होंने कहा कि प्रॉपर्टी आईडी लागू करने की मांग जनता की ओर से कभी नहीं की गई, सरकार ने अपनी ओर से इसे लागू किया।
इस योजना से लोगों को लाभ मिलना तो दूर उसके गले की फांस बन गई। उन्होंने कहा कि सरकार ने याशी कंपनी से सर्वे करवाया था, कंपनी ने 88 शहरों में 4270449 प्रॉपर्टी का सर्वे किया। टेंडर की शर्त थी कि कंपनी नगर पालिका सचिव, परिषद के ईओ से मौका पर सत्यापन करवाएगी तभी भुगतान होगा।
पहले भी शिविर लगाए गए थे पर समाधान फिर भी नहीं हुआ
उन्होंने कहा कि कंपनी के सर्वे में 95 प्रतिशत त्रुटियां पाई गई बावजूद इसके कंपनी को 57.55 करोड़ का भुगतान कर दिया गया। कुमारी सैलजा ने कहा कि उन्होंने सर्वे को लेकर जो बात उठाई थी वह बाद में सच साबित हुई। उन्होंने कहा कि गलती कंपनी ने की जिसका खामियाजा लोगों को आज भी भुगतना पड़ रहा है। लोग प्रॉपर्टी आईडी ठीक करवाने के लिए कई कई माह तक चक्कर काटते रहे है, जिसने सुविधा शुल्क दिया उसी की ठीक की गई। इसके समाधान के लिए सरकार की ओर से पहले भी शिविर लगाए गए थे पर समाधान फिर भी नहीं हुआ।
कल आना, कल आना कहकर उन्हें चक्कर काटने को मजबूर किया जाएगा
उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार के निर्देशानुसार अब हर नगर पालिका, नगर परिषद और नगर निगमों में प्रॉपर्टी आई तो खड़ विकास एवं पंचायत अधिकारी कार्यालय में सुबह 9 से 11 बजे तक लोगों की कतारें लगा करेंगी। कल आना, कल आना कहकर उन्हें चक्कर काटने को मजबूर किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि अगर सरकार वाकई लोगों की समस्या का समाधान करवाना चाहती है तो उसे लोगों के घर घर तक जाना होगा और मौके पर समस्या का समाधान करना होगा। अगर गलती सरकार की ओर से की गई है तो धक्के लोग क्यों खाए। लोगों को लगना चाहिए कि सरकार जनहित में काम कर रही है।
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