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स्पष्ट जवाब नहीं, खुद को क्लीन चिट..चुनाव आयोग के इस रवैये व टिप्पणियों पर कांग्रेस ने जताई आपत्ति

स्पष्ट जवाब नहीं, खुद को क्लीन चिट..चुनाव आयोग के इस रवैये व टिप्पणियों पर कांग्रेस ने जताई आपत्ति

निर्वाचन आयोग के गोल-मोल जवाब देने और कुछ सख्त टिप्पणियों पर आपत्ति

प्रतीकात्मक तस्वीर

कांग्रेस ने हाल ही में संपन्न हुए हरियाणा विधानसभा चुनाव से संबंधित शिकायतों पर चुनाव आयोग से मिले जवाबों पर असंतुष्टि जताई। कांग्रेस ने निर्वाचन आयोग पर गोल-मोल जवाब देने और कुछ सख्त टिप्पणियों पर आपत्ति जताते हुए कहा कि ईसी ने हरियाणा चुनाव से संबंधित शिकायतों पर स्पष्टीकरण देने के बजाय गोल-मोल जवाब दिए हैं।

आरोप लगाया कि निर्वाचन आयोग ने उसकी बातों का स्पष्ट जवाब नहीं दिया तथा खुद को क्लीन चिट दे दी। कांग्रेस ने चुनाव आयोग को अहंकार में डूबा हुआ भी बताया है। कांग्रेस ने मुख्य चुनाव आयुक्त को तीन पन्ने की चिट्ठी लिखी है। पार्टी ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार को लिखे एक जवाबी पत्र में यह भी कहा कि यदि आयोग कांग्रेस के बारे में की गई कुछ सख्त टिप्पणियों पर कायम रहता है, तो उसे कानूनी सहारा लेना पड़ेगा। 

प्रश्न का उत्तर स्पष्ट करने के बजाय भ्रमित करने का प्रयास

कांग्रेस ने चिट्ठी में लिखा कि जैसा कि शुरू में कहा गया है, हमें इस बात पर आश्चर्य नहीं है कि भारत के निर्वाचन आयोग ने हमारी शिकायतों की जांच की है और खुद को क्लीन चिट दे दी है। मशीनों की बैटरी में उतार-चढ़ाव के प्रश्न का उत्तर स्पष्ट करने के बजाय भ्रमित करने का प्रयास करता है। किसी भी दर पर ईसीआई का जवाब विशिष्ट शिकायतों पर विशिष्ट स्पष्टीकरण के बजाय मशीनों के काम करने के तरीके पर एक मानक और सामान्य सेट से अधिक कुछ नहीं है।

जबकि हमारी शिकायतें महत्वपूर्ण थीं, ईसीआई की प्रतिक्रिया सामान्य थी और शिकायतों तथा याचिकाकर्ताओं को कम करने पर केंद्रित थी। कांग्रेस द्वारा भेजे गए इस पत्र पर पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, पार्टी के कोषाध्यक्ष अजय माकन, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक सिंघवी और कुछ अन्य नेताओं के हस्ताक्षर हैं।

कांग्रेस के आरोपों को गत 29 अक्टूबर को खारिज कर दिया था

उल्लेखनीय है कि निर्वाचन आयोग ने हरियाणा विधानसभा चुनाव में अनियमितता से संबंधित कांग्रेस के आरोपों को गत 29 अक्टूबर को खारिज कर दिया था और कहा था कि पार्टी पूरे चुनाव नतीजों की विश्वसनीयता के बारे में उसी तरह का संदेह पैदा कर रही है, जैसा उसने अतीत में किया था।

चुनाव आयोग ने चुनाव में किसी भी तरह की अनियमितता के बारे में कांग्रेस के आरोपों को निराधार, गलत और तथ्यहीन बताया था। चुनाव आयोग ने कहा कि EVM पूरी तरह से सुरक्षित है और बैटरी का नतीजों पर कोई असर नहीं पड़ता है। ऐसे में आरोप बेबुनियाद है और उसमें तथ्यों की कमी है। साथ ही चुनाव आयोग ने कांग्रेस को चुनाव पर निराधार आरोपों से दूर रहने के लिए भी कहा था।

खरगे ने चुनाव आयोग पर साधा निशाना

वहीं आयोग ने मुख्य विपक्षी दल के दावों को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को भेजे एक पत्र में कुछ सख्त टिप्पणियां की थीं। उसने कहा था कि इस तरह के तुच्छ और बेबुनियाद संदेह अशांति पैदा करने की क्षमता रखते हैं, खासकर मतदान और मतगणना जैसे महत्वपूर्ण चरण में, जब राजनीतिक दलों और जनता की बेचैनी चरम पर होती है।

आयोग को भेजे जवाबी पत्र में कांग्रेस ने कहा कि हमने हमारी शिकायतों पर आपकी प्रतिक्रिया का ध्यानपूर्वक अध्ययन किया है। इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि निर्वाचन आयोग ने खुद को क्लीन चिट दे दी है। हम आम तौर पर इसे छोड़ देते। लेकिन आयोग की प्रतिक्रिया का लहजा और भाव, इस्तेमाल की गई भाषा तथा कांग्रेस के खिलाफ लगाए गए आरोप हमें प्रतिक्रिया देने के लिए मजबूर करते हैं। 

कानूनी रास्ता अपनाने के अलावा कोई विकल्प नहीं  

उसने कहा कि हम नहीं जानते कौन है, जो माननीय आयोग को सलाह दे रहा है या मार्गदर्शन कर रहा है, लेकिन ऐसा लगता है कि आयोग यह भूल गया है कि यह संविधान के तहत गठित एक निकाय है, जिस पर कुछ महत्वपूर्ण कार्यों का निर्वहन करने का उत्तरदायित्व है।

कांग्रेस के अनुसार यदि आयोग किसी मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय पार्टी को सुनवाई की अनुमति देता है या उसके द्वारा उठाए गए मुद्दों की जांच करता है, तो यह कोई अपवाद नहीं है। मुख्य विपक्षी दल ने कहा कि यदि निर्वाचन आयोग अपनी टिप्पणियों को लेकर कायम रहता है, तो इन्हें आयोग के पत्र से हटवाने के लिए कानूनी रास्ता अपनाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा। 

शिकायतों का स्पष्ट रूप जवाब नहीं दिया गया

कांग्रेस का दावा है कि वीवीपैट के सत्यापन में पारदर्शिता और संख्या में वृद्धि से जुड़े लगभग सभी कदमों का आयोग ने विरोध किया है। उसका यह भी कहना है कि यदि निर्वाचन आयोग ने अपने तटस्थ स्वरूप को पूरी तरह खत्म करने का लक्ष्य तय कर रखा है, तो वह इस दिशा में उल्लेखनीय रूप से आगे बढ़ रहा है। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन की बैटरी से जुड़ी शिकायतों पर स्पष्टता की बजाय भ्रमित करने का प्रयास किया गया है तथा शिकायतों का स्पष्ट रूप जवाब नहीं दिया गया।

बता दें कि हरियाणा में 90 विधानसभा सीटों के लिए 8 अक्टूबर को मतगणना हो रही थी। इस दौरान कांग्रेस ने कहा था कि कुछ ईवीएम मशीनों की बैटरी 99 फीसदी चार्ज थी और कुछ मशीनों की बैटरी 60 से 80 फीसदी थी। बीजेपी को उस जगह अधिक वोट मिले जहां पर बैटरी 99 प्रतिशत चार्ज थी जबकि कांग्रेस को उस जगह वोट मिले जहां बैटरी 60 से 80 प्रतिशत तक चार्ज थी।

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