हरियाणा विधानसभा चुनाव में हुई कांग्रेस की हार पर राजनीतिक बयानबाज़ी थमने का नाम नहीं ले रही। भाजपा कांग्रेस की गुटबाज़ी को ही उनकी हार का कारण बता रही है और आए दिन कांग्रेस की हार पर कोई न कोई टिप्पणी भाजपा नेताओं द्वारा की जा रही है, वहीं कांग्रेस अपनी हार का कारण भाजपा की साजिशों को मान रही है। हालांकि कांग्रेस द्वारा हार के कारणों पर मंथन जारी है।
हलकों में मीटिंग कर कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाएंगे
इसी बीच रोहतक में मीडिया से रूबरू होते पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि विधानसभा चुनाव में हार के बाद हलकों में मीटिंग कर कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाएंगे। उन्होंने कहा कि हम चुनाव हारे हैं, लड़ाई नहीं, आगे मजबूती से लड़ाई लड़ेंगे। हुड्डा ने कहा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने मेहनत से चुनाव लड़ा। रिजल्ट अच्छा आया, वोट प्रतिशत बराबर रहा। हार के कारणों को लेकर करण दलाल के नेतृत्व में कमेटी बनाई गई है। कमेटी की शनिवार को बैठक हुई है। हार पर मंथन जारी है, जल्द ही रिपोर्ट आलाकमान को सौंपी जाएगी।
'पूत के पांव पालने में दिख जाते हैं'
इस दौरान से हुड्डा ने भाजपा पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा हुड्डा ने कहा कि भाजपा ने सरकार बनते ही 2 काम किए हैं। एक खाद नहीं मिल रही, दूसरा एमएसपी नहीं दे रहे। इस सरकार के लिए एक कहावत है, 'पूत के पांव पालने में दिख जाते हैं', सही साबित हो रही है। वहीं, हुड्डा ने कहा कि पराली से प्रदूषण बहुत कम होता है। किसान पर यह थोपा जा रहा है। छोटे किसान कहां लेकर जाएंगे। सरकार को पराली का प्रबंधन करना चाहिए। पराली से खाद या बिजली बनानी चाहिए।
जरूरत के मुताबिक भी 50 प्रतिशत खाद नहीं पहुंचा
वहीं डीएपी खाद की कमी के मुद्दे पर भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सरकार पर तल्ख होते हुए कहा कि जरूरत के मुताबिक भी 50 प्रतिशत खाद नहीं पहुंचा है। यूरिया खाद की खरीद समय से पहले की जाती है। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में प्रदेश में किसान को न तो समय पर खाद मिल रही है और न ही प्रदेश सरकार किसानों को एमएसपी दे रही है।
पराली जलाने पर किसानों पर जुर्माना किए जाने से जुड़े सवाल के जवाब में हुड्डा ने कहा कि प्रदूषण का मामला सिर्फ किसानों पर थोपा जा रहा है, जबकि किसानों का थोड़ा सा योगदान है। प्रदेश सरकार को चाहिए कि जिस प्रकार एमएसपी तय कर फसल खरीदी जाती है। उसी प्रकार से पराली भी खरीदी जानी चाहिए।
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