कांग्रेस विधायकों ने राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान उठाया डीएपी की कमी का मुद्दा रबी फसल की बुआई को लेकर डीएपी को लेकर मारा-मारी मची हुई है। किसानों को डीएपी के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। हालांकि सरकार की ओर से दावा किया जा रहा है कि प्रदेश में डीएपी की कोई कमी नहीं है, केवल विपक्ष की ओर से नेरेटिव फैलाया जा रहा है। राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान विपक्ष ने डीएपी की कमी को लेकर सरकार को घेरा।
अभिभाषण सरकार का विजन डाक्यूमेंट
कांग्रेस विधायक डॉ. रघुवीर कादियान ने डीएपी की कमी पर सरकार को घेरते हुए आरोप लगाया कि उकलाना मंडी में डीएपी की कमी के चलते किसान को आत्महत्या करने पर मजबूर होना पड़ा। शोक प्रस्ताव में सरकार की ओर से मृतक किसान के प्रति भी शोक व्यक्त किया जाना चाहिए। राज्यपाल का अभिभाषण सरकार का विजन डाक्यूमेंट है, लेकिन अफसरों द्वारा यह डाक्यूमेंट तैयार किया गया है और कैबिनेट ने बिना पढ़े ही इसे पारित कर दिया है। इसमें प्रदेश के विकास का कोई रोडमैप नहीं है।
बिगड़ती कानून व्यवस्था पर चिंता व्यक्त की
कांग्रेस विधायक निर्मल सिंह ने भी डीएपी की कमी का मुद्दा उठाया। वहीं उन्होंने उत्तरी हरियाणा के 36 ब्लाक को डार्क जोन में जाने पर भी चिंता जताते हुए दादूपुर-नलवी नहर को दोबारा शुरू करने की मांग की। महम से कांग्रेस विधायक बलराम दांगी ने डीएपी की किल्लत का मुद्दा उठाया और बढ़ती बेरोजगारी व बिगड़ती कानून व्यवस्था पर चिंता व्यक्त की।
किसानों को डीएपी मुहैया करवाया जाए
इसके साथ ही अकरम खान ने नशा, अवैध माइनिंग और डीएपी की किल्लत का मुद्दा उठाया। विधायक शीशपाल कैहरवाला ने प्रदेश में बढ़ते नशे पर चिंता जताते हुए सरकार को घेरा और किसानों को रबी फसल की बुआई के लिए डीएपी न मिलने पर चिंता जताते हुए मांग कि किसानों को डीएपी मुहैया करवाया जाए। वहीं कलायत से विधायक विकास सहारण ने भी डीएपी किल्लत के मुद्दे को पुरजोर तरीके से उठाया।
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