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सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि पिछले एक दशक से हरियाणा खासकर घग्घर नदी बेल्ट में आने वाले जिलों सिरसा, फतेहाबाद, कैथल, अंबाला में तेजी से कैंसर फैल रहा है, प्रति माह तीन हजार नए मरीज सामने आ रहे हैं। हरियाणा में हर माह 1500 कैंसर मरीज दम तोड़ रहे हैं और साल में यह आंकड़ा 18 हजार का है। उन्होंने कहा कि कैंसर प्रभावित जिलों में सरकार को ही जिला अस्पताल पर कैंसर उपचार की सुविधा उपलब्ध करवानी चाहिए ताकि ईलाज के अभाव में कैंसर पीड़ितों की मौत को रोका जा सके।
हरियाणा में हालात भयावह
मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि हरियाणा और पंजाब में कैंसर तेजी से पांव पसार रहा है। न केवल नए मरीजों की संख्या का आंकड़ा बढ़ रहा है बल्कि मौत के मामलों में भी वृद्धि हो रही है। हरियाणा में हालात भयावह बने हुए है। जहां कैंसर अब काल बनता जा रहा है।
आंकडों की माने तो प्रदेश में हर माह कैंसर के 2916 नए मरीज सामने आ रहे हैं और साल में इनकी संख्या 35 हजार के करीब पहुंच जाती है। कैंसर के मरीजों की मौत की बात करें हरियाणा में हर माह 1500 कैंसर मरीज दम तोड़ रहे हैं और साल में यह आंकड़ा 18 हजार का है। उन्होंने कहा कि चौंकाने वाली बात ये है कि प्रदेश में 30 साल से ऊपर की आबादी में एक लाख लोगों की जांच में 102 लोगों में कैंसर के लक्षण मिल रहे हैं।
घग्घर नदी बैल्ट में पनप रहा है कैंसर
हरियाणा में घग्घर बेल्ट में आने वाले सिरसा, फतेहाबाद, कैथल, अंबाला जैसे जिलों में कैंसर तेजी से फैल रहा है। हिमाचल प्रदेश के सिरमौर के पहाड़ी इलाके से इसका उद्गम है। शिवालिक पहाड़ियों से यह नदी कालका से हरियाणा में प्रवेश करती है। इसके बाद पंजाब के मोहाली से अम्बाला, पटियाला, कैथल, संगरुर, फतेहाबाद, मानसा, सिरसा, हनुमानगढ़ और अनूपगढ़ से होते हुए पाकिस्तान तक जाती है।
करीब 320 किलोमीटर लंबी घग्घर नदी पंचकूला के बाद नदी प्रदूषित हो जाती है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश पर गठित की गई टास्क फोर्स की ओर से पिछले कुछ बरसों में नदी में जगह-जगह पर लिए गए सैंपलों में भी साफ हो गया है कि नदी में जहरीले तत्व हैं। यह सब इंसानी सेहत के लिए बेहद खतरनाक है।
सरकार को समय पर जांच और पीड़ितों के इलाज के लिए उठाना चाहिए कदम
प्रथम और द्वितीय स्टेज के कैंसर का सफल इलाज है पर इसके लिए जरूरी है कि सरकार लोग के स्वास्थ्य की जांच कराएं, ताकि समय पर कैंसर को रोका जा सके। अटल केयर केंद्र अंबाला, नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट झज्जर और पीजीआई रोहतक में कैंसर का इलाज किया जाता है, इसके साथ ही यह सुविधा हर जिला मुख्यालय पर उपलब्ध करवाई जाए।
इलाज के लिए लोगों को राजस्थान के बीकानेर के आचार्य तुलसी कैंसर अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र व पीजीआई. रोहतक में जाना पड़ता है। काफी कैंसर पीड़ित इलाज के अभाव में दम तोड़ जाते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को इस दिशा में गंभीरता से कदम उठाना चाहिए
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