आज जिले के गांव कुशक बड़ौली में प्रदेश के खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री राजेश नागर ने कड़ी कार्रवाई करते हुए राशन डिपुओं पर छापा मारा। इस दौरान मिलीं अनियमितताओं के खिलाफ एफआईआर के निर्देश दिए। उनके साथ विभाग के अनेक अधिकारी भी मौजूद रहे। इस अवसर पर मंत्री राजेश नागर ने कहा कि सरकार द्वारा जनता के हित में अनेक योजनाएं चलाई जा रही हैं जिन पर भ्रष्ट लोग अपनी कुंडली मारकर बैठना चाहते हैं जिसको किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
इस सरकार में किसी भी भ्रष्टाचारी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा
मंत्री नागर ने कहा कि नायब सैनी सरकार 'जनता की सरकार' है और इस सरकार में किसी भी भ्रष्टाचारी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राशन डिपुओं पर जनता को निशुल्क राशन मिलता है जिसमें हेर फेर करके कुछ लोग जनता के हक पर डाका डालना चाहते हैं। उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। नागर ने पलवल जिले के गांव कुशक बडोली में कई डिपुओं पर छापा मारा। इस दौरान उन्हें अनाज में रेत मिला पाया गया जिस पर राजेश नागर नाराज हो गए। इसके अलावा अन्य जगहों पर अवैध रूप से सरकारी अनाज का भंडारण भी मिला। जिस पर उन्होंने फूड इंस्पेक्टर पर भी एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए।
भ्रष्टाचारी कान खोल कर सुन लें कि वह अपनी दुकान बंद कर लें
मंत्री राजेश नागर ने कहा कि देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में जनता की सरकार चल रही है। इसलिए भ्रष्टाचारी कान खोल कर सुन लें कि वह अपनी दुकान बंद कर लें, नहीं तो सबके शटर गिराने का काम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमें इस बारे में लगातार जानकारियां मिल रही थी और पक्की सूचना मिलने पर हमने आज छापेमारी की। जिसमें सूचनाएं सही पाई गई और हमने मौके पर ही डीएसपी विजिलेंस को बुलाकर इन सभी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
इस तरह की शिकायतें दोबारा ना आएं
मंत्री राजेश नागर ने जनता से भी अपील की कि वह अपने क्षेत्र में होने वाली इस तरह की घपलेबाजी की सूचना उच्च अधिकारियों को दें और अधिकारी यदि उनकी ना सुनें तो सीधे उनसे मिलें। मंत्री राजेश नागर ने कहा कि विकास कार्यों के साथ-साथ जनता को मिल रही सुविधाओं की भी निरंतर जांच की जा रही है कि वह सही समय पर, सही हाथों में प्राप्त होती रहें। इसमें जनता को भी आगे बढक़र सहयोग करना होगा। उन्होंने अपने साथ चल रहे खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह तय कर लें कि इस तरह की शिकायतें दोबारा ना आएं।