
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि पंडित भगवत दयाल स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय रोहतक में हुए एमबीबीएस परीक्षा घोटाले से साफ हो गया है कि न जाने कितने कितने सालों से पर्ची-खर्ची से नकली डॉक्टर बनाने का खेला चल रहा है, आज इस खेल में बने नकली डॉक्टर लोगों की जिंदगियों से खेल रहे हैं। इस घोटाले में शामिल लोगों को और जो नकली डॉक्टर बने हैं सरकार उनके खिलाफ क्या कार्रवाई कर रही है, इसे लेकर सरकार को श्वेत पत्र जारी करना चाहिए। वैसे भाजपा सरकार में 11 साल में 50 से अधिक पेपर लीक में से एक की भी जांच पूरी नहीं हो पाई।
नकल माफिया की ओर से 03 से 06 लाख रुपये प्रति विषय के वसूले जाते थे
मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा है कि जो भाजपा सरकार भ्रष्टाचार मुक्त शासन और प्रशासन की बात करती है उसके कार्यकाल में करोड़ों-अरबों के घोटाले हुए है और उनका खुलासा भी हुआ है। इस सरकार में नीचे से ऊपर तक पैसों का ही बोलबाला है। पंडित भगवत दयाल स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय में हुए एमबीबीएस परीक्षा घोटाले की प्रारंभिक जांच में खुलासा हुआ है कि इस परीक्षा करवाने के घोटाले में नकल माफिया किस तरह के प्रदेश के कई नामी मेडिकल कॉलेज तक अपनी पैठ बनाए हुए था। प्रदेश के तीन निजी मेडिकल कॉलेज के स्टूडेंट्स और कर्मचारी भी इस नकल माफिया के जाल में शामिल हैं। साथ ही नकल माफिया की ओर से 03 से 06 लाख रुपये प्रति विषय के वसूले जाते थे।
तय किया जाता था कि उत्तर पुस्तिका को दोबारा से लिखा जाएगा और अंक कितने चाहिए
इसी में तय किया जाता था कि उत्तर पुस्तिका को दोबारा से लिखा जाएगा और अंक कितने चाहिए। आनन-फानन में कुछ कर्मचारियों पर कार्रवाई की गई है जबकि नकल माफिया गिरोह में शामिल हर व्यक्ति पर शिकंजा कसा जाना चाहिए। कुमारी सैलजा ने कहा कि सरकार बताए कि कितने सालों से ये पर्ची-खर्ची से नकली डॉक्टर बनाने का खेला चल रहा है, कितने नकली डॉक्टर इस घालमेल से बनाए गए जो आज लोगों की जिंदगियों से खेल रहे हैं, ये करोड़ों-अरबों का पर्ची-खर्ची का पैसा किस किस के पास जा रहा था, जो बच्चे मेरिट के आधार पर डॉक्टर बनते पर पर्ची-खर्ची के हेरफेर में नहीं बन पाए, उनकी जिंदगी और मेरिट में उनका अधिकार कैसे बहाल होगा और कब तक, जो नकली डॉक्टर बने हैं, उनके खिलाफ क्या कार्रवाई होगी और कब तक?
जांच किसी सिटिंग जज की अध्यक्षता में होनी चाहिए
इस पूरे मामले की जांच किसी सिटिंग जज की अध्यक्षता में होनी चाहिए. क्योंकि भाजपा सरकार में 11 साल में 50 से अधिक पेपर लीक हुए जिनमें से एक की भी जांच पूरी नहीं हो पाई? सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि जब इस मामले का खुलासा होने के बाद विपक्ष हमलावर हुआ तो कुलपति की ओर से 41 लोगों पर एफआईआर दर्ज करवाने के लिए जांच रिपोर्ट रोहतक एसपी को भिजवा दी। कुमारी सैलजा ने कहा कि नकल माफिया की शासन और प्रशासन में गहरी पैंठ रही और वह बिना किसी भय के खुलकर खेलता रहा। छात्र की ओर से दी शिकायत में यह भी सामने आया कि परीक्षा में लिखने के लिए ऐसे पेन का उपयोग करते थे, जिसकी स्याही सुखाकर मिटाई की जा सके।
हेयर ड्रायर से स्याही को मिटाकर, सही जवाब विस्तार से लिखकर दोबारा सेंटर में भेज देते
इसके बाद उत्तर पुस्तिकाएं विश्वविद्यालय से बाहर चोरी-छिपे भेजी जाती। इसके बाद जब बाहर उत्तर पुस्तिकाएं आती तो आरोपित हेयर ड्रायर से स्याही को मिटाकर उत्तर पुस्तिका में सही जवाब विस्तार से लिखकर दोबारा सेंटर में भेज देते। इस तरह की गड़बड़ी की विवि प्रशासन कैसे अनदेखी करता रहा। या कमाई के चक्कर में विवि प्रशासन के कुछ अधिकारी इसमें शामिल थे यह जांच का विषय है। सरकार को निष्पक्ष होकर इस मामले पर गहनता से जांच करवाकर नकल माफिया और नकल कर जो डॉक्टर बनें है उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए क्योंकि ऐसे ही किसी को लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ करने के लिए खुला नहीं छोड़ा जा सकता।