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शुक्रवार का दिन...हरियाणा विधानसभा बजट सत्र का अंतिम दिन, जब सदन में गूंजे जै जै जै हरियाणा, जै जै जै हरियाणा...राज्य गीत के बोल, जिसे सभी विधायकों, अधिकारियों व दर्शकों ने खड़े होकर सुना। सभी ने इस राज्य गीत की जमकर सराहना की। इस गीत के बोल के साथ ये हरियाणा का ऐतिहासिक क्षण रहा, जिसमें अलग दल,जाति धर्म के होने बावजूद 'हरियाणा एक-हरियाणवी एक' की भावना से ओतप्रोत था। इस गीत को सुनकर सभी दलों के नेता खुद को गौरवान्वित महसूस करते नजर आए।
'जै जै हरियाणा' को आधिकारिक तौर पर राज्य गीत के रूप में अपनाया
उल्लेखनीय है कि हरियाणा प्रदेश को एक लम्बे इंतज़ार के बाद अपना राज्य गीत मिल गया है। हरियाणा विधानसभा बजट सत्र के अंतिम दिन 'जै जै हरियाणा' को आधिकारिक तौर पर अपना राज्य गीत के रूप में अपनाया। इस उद्देश्य के लिए गठित समिति द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव को सदन में ध्वनिमत से सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया। बजट सत्र के आखिरी दिन शुक्रवार को राज्य गीत जय जय जय हरियाणा (जै जै जै हरियाणा) सर्वसम्मति से पास हो गया।
स्कूल व कॉलेज में भी लागू किया जाना चाहिए
सत्र के दौरान पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के आग्रह पर विधानसभा में सभी विधायकों, अधिकारियों व दर्शकों ने खड़े होकर राज्य गीत को सुना। विधायकों ने इस दौरान सुझाव दिया कि इसे स्कूल व कॉलेज में भी लागू किया जाना चाहिए। जिस तरह से राष्ट्रगान को आदर व सम्मान दिया जाता है, उसी तरह इस राज्य गीत के नियम व गाइड लाइन होने चाहिए। इस पर विधानसभा अध्यक्ष हरविन्द्र कल्याण ने कहा कि नियमों व गाइडलाइंस के लिए विधायकों की कमेटी बनाई जाएगी।
एक राज्य गीत राज्य के गौरव को दर्शाता है : मुख्यमंत्री
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इस गीत के निर्माण में योगदान देने वाले सभी गणमान्य व्यक्तियों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह गीत राज्य के 2.80 करोड़ लोगों की भावना को प्रेरित करता है। उन्होंने सुझाव दिया कि "जिस तरह राष्ट्रगान के लिए स्थापित नियम और मानदंड हैं, उसी तरह राज्य गीत के लिए भी दिशा-निर्देश निर्धारित किए जाने चाहिए।" राज्य गीत का प्रस्ताव सबसे पहले पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने पेश किया था और सदन के सभी सदस्यों ने इसे स्वीकार कर लिया था। इससे पहले विधानसभा में यह गीत बजाया गया था, जिस दौरान सदस्यों ने अपने सुझाव दिए थे। हालांकि हरियाणा 1966 में एक अलग राज्य बन गया था, लेकिन अब तक इसका कोई आधिकारिक राज्य गीत नहीं था। एक राज्य गीत राज्य के गौरव को दर्शाता है।"
भाषा, संस्कृति और भाईचारे को खूबसूरती से उजागर करता है राज्य गीत
वहीं हरियाणा के ऊर्जा, परिवहन एवं श्रम मंत्री अनिल विज ने कहा कि आज विधानसभा में राज्य का शानदार गीत प्रस्तुत किया गया, जो हरियाणा की भाषा, संस्कृति और भाईचारे को खूबसूरती से उजागर करता है। उन्होंने प्रस्ताव रखा कि इस गीत की प्रतियां सभी सदस्यों को उपलब्ध कराई जाएं, ताकि वे इसे ध्यान से पढ़ सकें, समझ सकें और याद कर सकें। उनका मानना है कि यह गीत "जन-गण-मन" की तरह भावपूर्ण ढंग से गाया और आत्मसात किया जाना चाहिए। विज ने प्रदेशवासियों को नवरात्रि और ईद के पावन पर्वों की हार्दिक शुभकामनाएं दीं।
उन्होंने कहा कि नवरात्रि और ईद जैसे पवित्र अवसर जल्द ही आने वाले हैं, और वे सदन के माध्यम से जनता को अपनी शुभकामनाएं देना चाहते हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि सभी लोग इन त्योहारों को उत्साह और खुशी के साथ मनाएंगे। इसके साथ ही, अनिल विज ने विधानसभा की कार्यवाही को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए स्पीकर का धन्यवाद किया। उन्होंने कर्मचारियों और अधिकारियों के प्रयासों की सराहना करते हुए प्रेस और मीडिया का भी आभार व्यक्त किया, जिन्होंने सदन की गतिविधियों को प्रभावी ढंग से जनता तक पहुंचाया।
पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी दिया था सुझाव
राज्य गीत कमेटी के अध्यक्ष लक्ष्मण यादव ने जानकारी देते हुए बताया कि इस गीत बनाने में कई लोगों का योगदान रहा है। वहीं इस गीत के भाव और भाषा को लेकर भी कई सुझाव आए थे। लक्ष्मण यादव ने पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा का ज़िक्र करते हुए कहा कि उन्होंने भी इसमें सुझाव दिए थे। गीत के बोल 'सुंदर गोरी' महिलाओं के शब्द पर उन्होंने आपत्ति जताई थी। उनका कहना था कि फिर 'काली' कहां जाएंगी? उनके सुझाव पर विचार करते हुए इस शब्द की जगह 'सुंदर स्याणी' नारी को जोड़ा गया।
वहीं कमेटी की सदस्य गीता भुक्कल ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुआ कहा कि इस गीत को लिखने, गाने और संगीत देने वाले गीतकार व कलाकारों ने कोई भी पैसा नहीं लिया है। जबकि उन्हें सरकार की ओर से ऑफर किया गया था। कुल मिलाकर सत्तापक्ष, विपक्ष और सदन में मौजूद सभी दर्शकों ने भी गीत की सराहना की और कहा कि यह गीत हमारी संस्कृति और सभ्यता को दर्शाने वाला है।
राज्य गीत फाइनल करने के लिए 5 विधायकों की कमेटी बनी थी, कुल 204 गीत पहुंचे थे
गौरतलब है की हरियाणा के राज्य गीत को पानीपत के डॉ. बालकिशन शर्मा द्वारा लिखा गया है और इसके गीतकार डा. श्याम शर्मा हैं। वहीं, संगीतकार पारस चोपड़ा व निर्देशित मालविका पंडित ने किया है। राज्य गीत फाइनल करने के लिए पांच विधायकों की कमेटी बनी थी, जिसमें भाजपा विधायक लक्ष्मण सिंह यादव को अध्यक्ष व गीता भुक्कल, विनोद भयाना, बलवान सिंह दौलतपुरिया और आदित्य देवीलाल को सदस्य के रूप में शामिल किया गया। कमेटी के पास कुल 204 गीत पहुंचे थे। इस गीत को फाइनल करने के लिए कमेटी की करीब 12 बैठक हुई हैं।
राज्य गीत में आई थी तीन आपत्तियां
इस राज्य गीत पर प्रदेश के तीन लोगों ने आपत्ति जताते हुए कहा था कि यह गीत उन्होंने लिखा था। उनका आरोप था कि गीत में शामिल बोल उनके गीत से कॉपी किये गए हैं। हालांकि कमेटी इन सभी आपत्तियों को खारिज करते हुए राज्यगीत फाइनल कर दिया है।
हरियाणा का राज्य गीत
जै जै जै (जय) हरियाणा, जै जै जै हरियाणा।
पावन धरती वेदों की, जहां हुआ हरि का आणा ।।
जै जै जै हरियाणा, जै जै जै हरियाणा।
गीता ज्ञान धरोहर इसकी, महाभारत इतिहास।
मुकुट शिवालिक आधार अरावली, यमुना बहती पास ।।
मौज मनावैं, कातक न्हावैं, पूरी मन की आस।
सरस्वती के अमृत रस का, यहीं सदा है वास।।
सादा जीवन सादा बाणा, दूध दही का खाणा।
जै जै जै हरियाणा, जै जै जै हरियाणा।
छैल छबीले मर्द निराले, सुंदर स्याणी नार।
होली, दिवाली, ईद, गुरपुरब, मनते तीज त्योहार।।
भाईचारा जग से न्यारा, बढ़े प्यार में प्यार।
दिन दूणा अर रात चौगुणा, शिक्षा और व्यापार ।।
बजते डेरू, ढोल, नगाड़े, सांग, रागणी गाणा।
जै जै जै हरियाणा, जै जै जै हरियाणा।
उपजाते हैं फसल सुनहरी, खेतों बीच किसान ।
खेल खिलाड़ी मेडल लाकर करें देश का मान ।।
सीमाओं पर हरदम चौकस यहां के वीर जवान ।
छोटा सा प्रदेश, देश की अजब निराली शान।। अतिथि देवो भवः यहां सेवा धर्म निभाणा।
जै जै जै हरियाणा, जै जै जै हरियाणा। जै जै जै हरियाणा, जै जै जै हरियाणा ।।
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