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The Haryana Story | विनय नरवाल के परिवार से मिलने पहुंची कुमारी सैलजा, कहा - 'निहत्थे लोगों को मारने वाले इंसान नहीं हो सकते वे राक्षस हैं'

विनय नरवाल के परिवार से मिलने पहुंची कुमारी सैलजा, कहा - 'निहत्थे लोगों को मारने वाले इंसान नहीं हो सकते वे राक्षस हैं'

हमला करने वाले आतंकी इंसान तो थे ही नहीं वह राक्षस है, उनको तो इंसान कहा ही नहीं जा सकता, आज दुख की घड़ी में हम परिवार के साथ हैं

सांसद कुमारी सैलजा, विनय नरवाल की बहन सृष्टि से मिलते हुए

सांसद कुमारी सैलजा ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि निहत्थे लोगों को मारने वाले इंसान नहीं हो सकते वे राक्षस है। सैलजा रविवार को करनाल के सेक्टर-7 स्थित पहलगाम में आतंकी हमले में शहीद हुए लेफ्टिनेंट विनय नरवाल के घर पहुंचकर शोकाकुल परिवार को सांत्वना और शहीद को श्रद्धांजलि देने पहुंची थी। उन्होंने कहा कि यह बड़े दुख की बात है, दुनिया में लोगों ने देखा है कि जिस तरह का नरसंहार हुआ है। हमला करने वाले आतंकी इंसान तो थे ही नहीं वह राक्षस है उनको तो इंसान कहा ही नहीं जा सकता। आज दुख की घड़ी में हम परिवार के साथ है।

हमारे देश पर ना अंदर से ना बाहर से आंच आनी चाहिए

मीडिया से बातचीत करते हुए सैलजा ने कहा कि मै राजनीतिक बात नहीं करूंगी दुनिया ने देखा हैं क्या हुआ और कैसे हुआ। सवाल बहुत है आगे बहुत सी बाते होंगी आगे देखते है। उन्होंने कहां की देखना तो चाहिए हैं कहा कैसे हुआ। सुरक्षा को लेकर उन्होंने कहां यह तथ्य की बात है सबको पता है, इनमे कोई राजनीति की बात तो हैं नही। उन्होंने कहा हम सभी को ठंडे दिमाग़ से सोचना चाहिए आगे क्या होना चाहिए हमारा देश बड़ा देश है यहाँ हर तरह के लोग है हमारी संस्कृति है जहां हर तरह के कलचर का विलय है हर धर्म हर जाति के लोग हमारे देश मे है सब भाईचारे के साथ रहे हमारे देश पर ना अंदर से ना बाहर से आंच आनी चाहिए। 

गेहूं की फसल का भुगतान न मिलने से किसान परेशान

सैलजा ने कहा कि हरियाणा के किसानों को अपनी पसीने की कमाई के लिए कई कई सप्ताह इंतज़ार करना पड़ रहा है। सरकार ने 72 घंटे में भुगतान का वादा किया था, पर 873 करोड़ की राशि अब भी तक अटकी हुई है। अनाज मंडियों में उठान की व्यवस्था चरमरा चुकी है। गेहूं के ढेर मंडियों में सड़ रहे हैं, और भाजपा सरकार मूकदर्शक बनी बैठी है। ट्रांसपोर्ट, श्रमिक और प्रबंधन, हर मोर्चे पर भारी अव्यवस्था व्याप्त है, लेकिन सरकार की संवेदनहीनता बनी हुई है। गेहूं की फसल का भुगतान न मिलने से किसान परेशान हैं। 

अभी तक 873 करोड़ रुपया अटका हुआ

कुमारी सैलजा ने कहा है कि गेहूं खरीद को लेकर जो भी वादे किए थे सारे के सारे धरे रह गए है जबकि खरीद का आधा समय निकल चुका है। अनाज मंडियों में कोई सुविधा तक दिखाई नहीं दे रही है जबकि सरकार दावे कर अपनी ही पीठ थपथपा रही है, इस सरकार में न तो कोई करने वाला है और न ही कोई सुनने वाला है। 72 घंटें में भुगतान का राग अलापने वाली भाजपा सरकार को पता होना चाहिए कि किसानों का उसकी ओर अभी तक 873 करोड़ रुपया अटका हुआ है। 

भाजपा कभी किसान हितैषी रही ही नहीं वे सिर्फ दिखावा करती है

भुगतान के लिए भटक रहे किसान को आर्थिक कठिनाई हो रही है। सरकार ने किसानों को उनकी उपज का भुगतान 72 घंटों के भीतर करने का वादा किया था, लेकिन कई किसानों का यह वादा पूरा नहीं हुआ है, सरकार किसानों से वादाखिलाफी करने के लिए ही वादे करती है। गेहूं और सरसों की फसलों का उठान भी ठीक से नहीं हो रहा है, जिससे किसानों को और परेशानी हो रही है। किसानों की मुख्य चिंता यह है कि उन्हें अपनी फसल का उचित भुगतान नहीं मिल रहा है ऊपर से खरीफ फसलों की बिजाई भी करनी है। अगर भुगतान न हुआ तो बिजाई कैसे होगी।  कुमारी सैलजा ने कहा कि सच्चाई तो ये है कि भाजपा कभी किसान हितैषी रही ही नहीं वे सिर्फ दिखावा करती है।

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