loader
The Haryana Story | टीबी के 'विलेन' को हराएगा 'समाज का हीरो'...किसी टीबी मरीज को गोद लीजिए, उसकी उम्मीद बनिए

टीबी के 'विलेन' को हराएगा 'समाज का हीरो'...किसी टीबी मरीज को गोद लीजिए, उसकी उम्मीद बनिए

टीबी को हराने के लिए सरकारी प्रयासों के साथ-साथ सामुदायिक भागीदारी भी अत्यंत आवश्यक

हरियाणा के जिला करनाल की उप-सिविल सर्जन (टीबी) डॉ. सिम्मी कपूर ने बताया कि हरियाणा सरकार द्वारा प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान को जन आंदोलन का स्वरूप देने की दिशा में लगातार सराहनीय कदम उठाए जा रहे हैं। यह अभियान सामुदायिक सहायता कार्यक्रम का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य टीबी रोगियों को उपचार के दौरान अतिरिक्त पोषण और अन्य सहायता उपलब्ध कराना है। इस कार्यक्रम का मुख्य लक्ष्य टीबी उपचार के परिणामों को बेहतर बनाना है। डॉ. कपूर ने कहा कि टीबी को हराने के लिए सरकारी प्रयासों के साथ-साथ सामुदायिक भागीदारी भी अत्यंत आवश्यक है।

सामुदायिक भागीदारी भी अत्यंत आवश्यक

हरियाणा के जिला करनाल की उप-सिविल सर्जन (टीबी) डॉ. सिम्मी कपूर ने बताया कि हरियाणा सरकार द्वारा प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान को जन आंदोलन का स्वरूप देने की दिशा में लगातार सराहनीय कदम उठाए जा रहे हैं। यह अभियान सामुदायिक सहायता कार्यक्रम का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य टीबी रोगियों को उपचार के दौरान अतिरिक्त पोषण और अन्य सहायता उपलब्ध कराना है। इस कार्यक्रम का मुख्य लक्ष्य टीबी उपचार के परिणामों को बेहतर बनाना है। डॉ. कपूर ने कहा कि टीबी को हराने के लिए सरकारी प्रयासों के साथ-साथ सामुदायिक भागीदारी भी अत्यंत आवश्यक है।

निक्षय मित्र योजना

उन्होंने बताया कि भारत सरकार द्वारा “निक्षय मित्र” योजना चलाई जा रही है, जिसकी शुरुआत 9 सितम्बर को राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु द्वारा की गई थी। इस योजना का उद्देश्य उपचाररत टीबी रोगियों को समाज के विभिन्न वर्गों से सहयोग उपलब्ध कराना है। इस पहल के अंतर्गत कोई भी व्यक्ति, कॉर्पोरेट, सरकारी संगठन या समूह निक्षय मित्र बनकर टीबी रोगी को गोद ले सकता है और उसके उपचार के दौरान सहायता कर सकता है। 

कार्यक्रम के प्रमुख उद्देश्य

टीबी रोगियों को पौष्टिक आहार उपलब्ध करानाउन्हें समय पर दवा लेने के लिए प्रेरित करनाउपचार पूरा करवानासमाज में व्याप्त कलंक और भेदभाव को कम करनाइस पहल का सबसे बड़ा लक्ष्य है कि मरीज को बीमारी से लड़ने की शक्ति मिले और वह आत्मविश्वास के साथ उपचार पूरा कर सके। जिला करनाल में इस समय लगभग 1800 टीबी रोगी ऐसे हैं जिन्हें गोद लिया जाना और सहायता उपलब्ध कराई जानी है। डॉ. कपूर ने आमजन से अनुरोध किया कि अधिक से अधिक लोग इस मुहिम में शामिल हों ताकि करनाल को टीबी मुक्त किया जा सके।

Join The Conversation Opens in a new tab
×