दिल्ली में हुए विस्फोट, जिसमें कई लोगों की जान चली गई, और बरामद 2900 किलोग्राम विस्फोटकों के बीच एक कॉमन पहलू है फरीदाबाद अल-फलाह यूनिवर्सिटी है। इस संबंध में, इस यूनिवर्सिटी के एक प्रोफेसर डॉ. मुजम्मिल को विस्फोटक रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। इस बीच, वहाँ के टीचर मोहम्मद उमर नबी ने अपनी आई-20 कार में विस्फोट में खुद को उड़ा लिया। अल-फलाह यूनिवर्सिटी की ओर से बुधवार को जारी एक आधिकारिक बयान में पहली बार स्पष्टीकरण दिया गया कि यूनिवर्सिटी का इन लोगों से कोई संबंध नहीं है, सिवाय इसके कि वे यूनिवर्सिटी में फैकल्टी पदों पर कार्यरत हैं।
गिरफ्तार डॉक्टरों का विश्वविद्यालय से कोई संबंध नहीं
संस्थान की ओर से एक आधिकारिक बयान जारी करते हुए, अल-फलाह विश्वविद्यालय, गांव धौज, फरीदाबाद, हरियाणा की कुलपति प्रो. (डॉ.) भूपिंदर कौर आनंद ने कहा कि हमें पता चला है कि हमारे दो डॉक्टरों, डॉ. मुजम्मिल और डॉ. शाहीन सईद को जांच एजेंसियों ने हिरासत में लिया है, लेकिन गिरफ्तार डॉक्टरों का विश्वविद्यालय से कोई संबंध नहीं है, सिवाय इसके कि वे हमारे साथ केवल संकाय सदस्य के रूप में जुड़े थे। कुलपति प्रो. कौर के अनुसार, यह स्पष्ट किया जाता है कि कुछ प्लेटफॉर्म द्वारा आरोपित किए जा रहे ऐसे किसी भी रसायन या पदार्थ का विश्वविद्यालय परिसर में उपयोग, भंडारण या संचालन नहीं किया जा रहा है।
विश्वविद्यालय 2019 से स्नातक एमबीबीएस छात्रों को प्रशिक्षण दे रहा
विश्वविद्यालय की प्रयोगशालाओं का उपयोग केवल और केवल एमबीबीएस छात्रों और अन्य अधिकृत पाठ्यक्रमों की शैक्षणिक और प्रशिक्षण आवश्यकताओं के लिए किया जाता है। प्रत्येक प्रयोगशाला गतिविधि नियामक अधिकारियों द्वारा निर्धारित सुरक्षा प्रोटोकॉल, वैधानिक मानदंडों और नैतिक मानकों का कड़ाई से पालन करते हुए की जाती है। हमारा विश्वविद्यालय विभिन्न शैक्षणिक और व्यावसायिक पाठ्यक्रम संचालित कर रहा है और 2019 से स्नातक एमबीबीएस छात्रों को प्रशिक्षण दे रहा है। हमारे संस्थान से प्रशिक्षित और स्नातक डॉक्टर वर्तमान में देश-विदेश के प्रतिष्ठित अस्पतालों, संस्थानों और संगठनों में जिम्मेदार और प्रतिष्ठित पदों पर कार्यरत हैं।
मुजम्मिल अपनी प्रेमिका को कभी बाइक पर तो कभी कार में लाता था
इस बीच, फरीदाबाद क्राइम ब्रांच के एसीपी वरुण दहिया के नेतृत्व में टीमों ने बुधवार को अल फलाह विश्वविद्यालय और डॉ. मुजम्मिल के आवास का फिर से दौरा किया। टीम ने धौज गांव में मुजम्मिल के मकान मालिक से भी पूछताछ की। दिल्ली से भी टीमें जांच के लिए विश्वविद्यालय पहुंचीं। अल फलाह विश्वविद्यालय से लगभग 300 मीटर दूर धौज गांव में जिस घर में डॉ. मुजम्मिल रहते थे, वहां के एक युवक ने बताया कि मुजम्मिल अक्सर अपनी प्रेमिका डॉ. शाहीन सईद के साथ देखा जाता था। मुजम्मिल अपनी प्रेमिका को कभी बाइक पर तो कभी कार में लाता था। उन्हें आखिरी बार लगभग एक महीने पहले अपने कमरे पर आते देखा गया था। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने मौलवी इश्तियाक को गिरफ्तार कर लिया है, जिसे पूछताछ के लिए श्रीनगर ले जाया गया है।
25 सौ किलोग्राम से ज्यादा अमोनियम नाइट्रेट बरामद किया
मौलवी इश्तियाक वही व्यक्ति हैं जिन्होंने अल-फलाह विश्वविद्यालय के डॉ. मुजम्मिल शकील को फतेहपुर तगा गांव स्थित अपना घर किराए पर दिया था। 9 नवंबर को पुलिस ने इसी घर से 25 सौ किलोग्राम से ज्यादा अमोनियम नाइट्रेट बरामद किया और डॉ. मुजम्मिल को गिरफ्तार कर लिया। इश्तियाक मूल रूप से नूंह जिले के सिंगार गांव के रहने वाले हैं। वह 10 साल से अपने परिवार के साथ फतेहपुर तगा गांव में रह रहे हैं और वहां की मस्जिद में इमाम के रूप में कार्यरत हैं। यह मस्जिद अल फलाह विश्वविद्यालय के अधीन है। विश्वविद्यालय उन्हें लगभग 9,000 रुपये प्रति माह वेतन देता था।
अल-फलाह समूह वर्ष 1997 से विभिन्न संस्थानों का प्रबंधन कर रहा
सूत्रों के अनुसार, गिरफ्तारी से पहले, मुजम्मिल 15 दिन की छुट्टी लेकर जम्मू-कश्मीर के पुलवामा गया था। वहां उसने अपने परिचितों से मुलाकात की और भारी मात्रा में विस्फोटक इकट्ठा किए। लौटने के बाद, वह फतेहपुर तगा स्थित इश्तियाक के घर पर रुका। बता दें कि अल-फलाह समूह वर्ष 1997 से विभिन्न संस्थानों का प्रबंधन कर रहा है; यह वर्ष 2009 में स्वायत्त हो गया और वर्ष 2014 में विश्वविद्यालय बन गया। अल- फलाह को यूजीसी अधिनियम, 1956 के तहत धारा 2 (एफ) और 12 (बी) के तहत विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा मान्यता प्राप्त है। अल-फलाह विश्वविद्यालय 2019 से अपने मेडिकल कॉलेज का प्रबंधन कर रहा है और यह भारतीय विश्वविद्यालय संघ के सदस्यों में से एक भी है।