आंध्र प्रदेश से अलग हुए तेलंगाना, उत्तर प्रदेश से बने उत्तराखंड, बिहार से अलग हुए झारखंड व पंजाब से बने हिमाचल प्रदेश को अलग हाई कोर्ट व राजधानी मिली है तो हरियाणा को क्यों नहीं ? इसी सवाल और मांग के साथ प्रदेश में 'हरियाणा बनाओ अभियान' का आगाज हो चुका है। यही नहीं इस अभियान के तहत पूरे प्रदेश में सांकेतिक अनशन का ऐलान भी किया गया है। गौरतलब है कि बार काउंसिल के पूर्व अध्यक्ष रणधीर सिंह बदरान और पूर्व मुख्य सचिव व पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के प्रिंसिपल ओएसडी रह चुके एम एस चोपड़ा ने हरियाणा की अलग राजधानी और हाई कोर्ट की मांग को लेकर अलख जगाई है। रणधीर सिंह बदरान ने मीडिया से रूबरू होते हुए कहा कि जब आंध्र प्रदेश से अलग हुए तेलंगाना, उत्तर प्रदेश से बने उत्तराखंड, बिहार से अलग हुए झारखंड व पंजाब से बने हिमाचल प्रदेश को अलग हाई कोर्ट व राजधानी मिली है तो हरियाणा को क्यों नहीं ?
अलग राजधानी एक बड़ी जरूरत
रणधीर सिंह बदरान ने कहा कि प्रदेश की सांस्कृतिक पहचान और धरोहर बचाने के लिए आज अलग राजधानी एक बड़ी जरूरत है। आज करीब साढ़े छह लाख केस हाई कोर्ट में लंबित हैं और इसी तरह हरियाणा की जिला अदालतों में 14 लाख और पंजाब में लगभग 8 लाख केस लंबित हैं। अगर हरियाणा का अलग हाई कोर्ट बनेगा तो जनता को जल्द और सस्ता न्याय मिलेगा। अलग राजधानी मिलने के बाद जनता को अधिक सुविधाएं मिलेंगी।
बुद्धिजीवी वर्ग और अधिवक्ताओं से बैठकें जारी
उन्होंने बताया कि उक्त मुद्दे को लेकर प्रदेश भर में सांकेतिक भूख हड़ताल के माध्यम से जहां जनता को एकजुट करने का प्रयास रहेगा, वहीं जनप्रतिनिधियों को भी अपनी मांग से अवगत कराएंगे। इस संदर्भ में सभी जिलों में बुद्धिजीवी वर्ग और अधिवक्ताओं से बैठकें की जा रहीं हैं। जल्द ही सभी सांसदों और विधायकों से भी मुलाकात करेंगे।
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