करनाल: केंद्र सरकार की तरह हरियाणा की बीजेपी-जेजेपी सरकार के बजट से भी कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही। क्योंकि प्रदेश सरकार कर्ज बढ़ाने के अलावा कुछ और करती नजर नहीं आती। इस सरकार ने हरियाणा को साढ़े चार लाख करोड़ रुपए से ज्यादा के कर्ज में डुबो दिया है। यह कहना है पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा का। हुड्डा आज करनाल के कई कार्यक्रमों में शिरकत करने पहुंचे थे। उन्होंने आगे कहा कि हर बजट में कर्ज का जो आंकड़ा सामने आता है, वह परेशानी बढ़ने वाला होता है। इस सरकार का अब तक का ट्रैक रिकार्ड बताता है कि इसके लिए बजट महज एक औपचारिकता है। केंद्र की बीजेपी सरकार ने अंतरिम बजट में किसानों की एमएसपी व सब्सिडी, मध्यम वर्ग की टैक्स में छूट और जनता को महंगाई से राहत दिलाने जैसे मुद्दों के अनदेखी की। ऐसा लग रहा है कि इसी रूपरेखा को बीजेपी-जेजेपी भी दोहराएगी।
ओलावृष्टि से हुए नुकसान का मुद्दा उठाया
उन्होंने पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए ओलावृष्टि से हुए नुकसान का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा जल्द किसानों को हुए नुकसान की गिरदावरी करवाकर मुआवजे का ऐलान होना चाहिए। हुड्डा ने कहा कि इस बार सरकार ने जानबूझकर क्लस्टर-2 में पड़ने वाले 7 जिलों के करीब 3 लाख किसानों की फसल बीमा से वंचित कर दिया है। क्लस्टर-2 के अंबाला, करनाल, सोनीपत, हिसार, जींद, महेंद्रगढ़ और गुरुग्राम जिले का बीमा करने के लिए सरकार ने किसी कंपनी को जिम्मेदारी ही नहीं सौंपी। ऐसे में सरसों, गेहूं, जौ और सूरजमुखी की फसल को अगर कोई नुकसान होता है तो उसकी भरपाई करने वाला कोई नहीं होगा। जल्द से जल्द गिरदावरी होनी चाहिए पिछली बार भी खरीफ की फसल के लिए क्लस्टर-2 में कोई बीमा कंपनी नहीं थी। जबकि जुलाई 2023 तक करीब 2 लाख किसानों के खातों से प्रीमियम की राशि काट ली गई थी। इसलिए किसानों को हुए नुकसान की भरपाई खुद सरकार को करनी चाहिए। जल्द से जल्द गिरदावरी होनी चाहिए, ताकि किसान की अबकी बार तो भरपाई हो सके।
मेयर चुनाव पर धांधली के सवाल उठना लाजमी
चंडीगढ़ मेयर चुनाव पर प्रतिक्रिया देते हुए हुड्डा ने कहा कि जो तस्वीरें सामने आई हैं, उससे धांधली के सवाल उठना लाजमी है। चुनावी प्रक्रिया में किसी भी तरह की अनियमितता लोकतंत्र के लिए घातक साबित होगी। भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि हरियाणा में कांग्रेस लोकसभा और विधानसभा चुनाव के लिए पूरी तरह तैयार है। प्रदेश में पार्टी लगातार मजबूत हो रही है। सत्ताधारी बीजेपी-जेजेपी व अन्य दलों को छोड़कर नेता लगातार कांग्रेस का दामन थाम रहे हैं। 2019 चुनाव के बाद से लगातार कांग्रेस जनता के बीच में है। जबकि बीजेपी चुनाव को देखते हुए औपचारिक सक्रियता दिखाने की कोशिश कर रही है।
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