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किसानों के दिल्ली कूच को लेकर राजनीति भी शुरू।

किसानों के दिल्ली कूच को लेकर राजनीति भी शुरू।

हम किसानों के साथ हैं, मुझे लगता है कि इसके पीछे राजनीति है : शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर 

प्रतीकात्मक तस्वीर

किसानों के दिल्ली कूच को लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है। एक तरफ जहां किसान शंभू बॉर्डर पर पहुंच चुके हैं तो वहां तैनात पुलिस आंसू गैस के गोले छोड़कर किसानों को वापस खदेड़ने का प्रयास कर रही है। सूत्रों के मुताबिक कई किसानों को हिरासत में भी लिया गया है। इसी बीच किसानों के मुद्दे पर हरियाणा बीजेपी और कांग्रेस के नेताओं की प्रतिक्रियाएं भी सामने आने लगी हैं। हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने कहा कि किसान संतुष्ट हैं लेकिन आंदोलनकारी आंदोलन कर रहे हैं, जबकि आम किसान कह रहा है कि इससे बेहतर कोई सरकार नहीं है। वहीं कांग्रेस से राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने किसानों की एमएसपी की मांग को जायज बताया है। तो पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि केंद्र सरकार को तुरंत किसानों के साथ चर्चा करनी चाहिए और उनकी बात माननी चाहिए।  

 किसान संतुष्ट हैं लेकिन आंदोलनकारी आंदोलन कर रहे हैं

हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने कहा कि बीजेपी सरकार ने किसानों के लिए जो काम किया है वो पहले किसी सरकार ने नहीं किया। हम किसानों के साथ हैं। मुझे लगता है कि इसके पीछे राजनीति है।  सरकार चाहती है कि किसान आर्थिक रूप से मजबूत हों। सभी मुद्दे बातचीत से हल हों। किसान संतुष्ट हैं लेकिन आंदोलनकारी आंदोलन कर रहे हैं, जबकि आम किसान कह रहा है कि इससे बेहतर कोई सरकार नहीं है। वहीं बहादुरगढ़ में मीडिया से बातचीत के दौरान कांग्रेस से राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि केंद्र सरकार को किसानों के साथ हुए समझौते का पालन करना चाहिए। किसानों की एमएसपी की मांग बिल्कुल जायज है। किसानों के साथ बैठकर शांतिपूर्ण तरीके से समझौता किया जाए। इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि जहां तक किसानों की मांगों का सवाल है, केंद्र सरकार को तुरंत किसानों के साथ चर्चा करनी चाहिए और उनकी बात माननी चाहिए। 

 किसानों को ट्रैक्टरों पर आने की अनुमति नहीं देंगे

शंभू बॉर्डर पर किसानों के पहुंचने को लेकर अंबाला रेंज आईजी सिबाज कविराज ने कहा कि हम पंजाब से आने वाले किसानों का स्वागत करते हैं, लेकिन अगर वे ट्रैक्टरों से आते हैं तो इससे लोगों को समस्या हो सकती है। वे बसों से ट्रेनों से या पैदल यात्रा कर सकते हैं। आमजन की परेशानियों को देखते हुए किसानों को ट्रैक्टरों पर आने अनुमति नहीं देंगे।

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