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नई पीढ़ी की राजनीति के प्रतीक माने जाते हैं कैप्टन अभिमन्यु

नई पीढ़ी की राजनीति के प्रतीक माने जाते हैं कैप्टन अभिमन्यु

प्रगतिशील, सकारात्मक और व्यावहारिक होने के साथ -साथ हरियाणा के सबसे ज्यादा पढ़े-लिखे नेताओं में होती है गिनती।

प्रतीकात्मक तस्वीर

हरियाणा की सियासत में कैप्टन अभिमन्यु के रूतबे का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बीजेपी की अगुवाई वाली पहली सरकार में इनके पास वित्त, राजस्व, आबकारी एवं कराधान जैसे 8 अहम विभागों की जिम्मेदारी थी। अभिमन्यु की वजह से हिसार जिले की नारनौंद विधानसभा हाईप्रोफाइल सीटों में शामिल है। अभिमन्यु सेना के जरिए देश की सेवा करते हुए सियासत में आए। वह यूपीएससी में भी चुने गए थे। हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से ग्रेजुएशन किया। कुल मिलाकर उनकी गिनती हरियाणा के सबसे ज्यादा पढ़े-लिखे नेताओं में होती है।

अभिमन्यु कृषि, अर्थव्यवस्था और जमीनी मुद्दों को लेकर अपनी गहरी समझ के लिए भी जाने जाते हैं। हाल ही में मीडिया के सवाल पर कि “आप लोकसभा चुनाव लड़ेंगे क्या?” उन्होंने कहा कि पार्टी जो भी आदेश देगी वह तैयार हैं। अगर पार्टी यह चाहेगी तो उनकी तरफ से इनकार नहीं है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व पर कैप्टन ने कहा कि कोरोना और किसान आंदोलन में जैसे मनोहर लाल ने सरकार चलाई वह तारीफ के काबिल है। 

2003 में पूर्णकालिक कार्यकर्ता के रूप में भाजपा से जुड़े 

हिसार जिले के गांव खांडा खेड़ी में 1967 में जन्में कैप्टन अभिमन्यु जमीन से जुड़े हुए ऐसे नेता हैं जो प्रगतिशील, सकारात्मक और व्यावहारिक हैं और नई पीढ़ी की राजनीति के प्रतीक माने जाते हैं। लगभग 6 वर्ष तक भारतीय सेना में सेवा करने और पहले ही प्रयास में वर्ष 1994 में देश की सबसे प्रतिष्ठित मानी जाने वाली सिविल सर्विस परीक्षा को क्वालीफाई करने के बावजूद इन्होंने अपने आपको जनता की सेवा के महान कार्य के प्रति समर्पित कर दिया।

वर्ष 2003 में पूर्णकालिक कार्यकर्ता के रूप में भाजपा से जुड़ गए और खुद के बहुत ही कामयाब बिजनेस कैरियर को तिलांजलि दे दी तथा अपना संपूर्ण जीवन जनता की सेवा के लिए समर्पित कर दिया। कैप्टन अभिमन्यु भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय प्रवक्ता भी रह चुके हैं। संगठनात्मक गतिविधियों का संचालन करने के वृहद अनुभव और जमीन से जुड़े मुद्दों और हिन्दी भाषी क्षेत्रों की कृषि आधारित आर्थिक स्थिति के बारे में गहरी समझ को देखते हुए उन्हें 2014 के लोकसभा चुनावों में उत्तर प्रदेश और पंजाब में भाजपा का सह-प्रभारी बनाया गया था। वह नरेन्द्र मोदी की 2014 आम चुनाव प्रचार टीम के एक विश्वासपात्र सिपाही रहे हैं। 

जीवन यात्रा के विभिन्न पड़ाव

इनकी जीवन यात्रा के विभिन्न पड़ाव रहे हैं। जो इनके व्यक्तित्व को विविधता प्रदान करते हैं और दूसरी तरफ आदर्शों से सम्पन्न जीवन शैली इनके व्यक्तित्व में शालीनता को निरंतर विकसित करती रही है। जिसकी झलक इनके सामाजिक आचरण और कोमल भाषा में साफ झलकती है। सेना से व्यापार, सामाजिक गतिविधियों से एक पत्रकार के रूप में मीडिया, खेल-कूद प्रशासन से एक शिक्षाविद् और अब पूर्णकालिक राजनीतिक सक्रिय कार्यकर्ता तक विभिन्न क्षेत्रों में 30 वर्ष से अधिक का कार्य अनुभव रखते हुए, वह एक विरले व्यक्ति हैं जिन्होंने एक दिन के लिये भी कुर्सी पर काबिज हुए बिना प्रतिष्ठित सिविल सेवा की नौकरी से मुंह मोड़ लिया। जीवन में इस तरह के निर्णय लेने के लिये अत्याधिक साहस की आवश्यकता होती है। इस निर्णय से इनके व्यक्तित्व की गंभीरता और अटल निर्णय लेने की क्षमता का पता चलता है। 

शैक्षणिक योग्यता

  • वर्ष 1986 में महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी कॉलेज, रोहतक से वाणिज्य स्नातक की परीक्षा उत्तीर्ण की। 
  • वर्ष 2006 में महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी से एल.एल.बी. के साथ लॉ ग्रेजुएट क्वालीफाई किया। 
  • वर्ष 2007 में गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय, हिसार से मास कम्यूनिकेशन में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा किया। 
  • वर्ष 2015 विश्व के प्रतिष्ठित हार्वर्ड बिजनेस स्कूल (हार्वर्ड विश्वविद्यालय) से तीन वर्षीय एग्जीक्यूटिव मैनेजमेंट प्रोग्राम किया। 

सामाजिक-आर्थिक आदि मुद्दों की गहन जानकारी रखते हैं अभिमन्यु

इनके अब तक के करीब 20 वर्ष के राजनीतिक जीवन में कैप्टन अभिमन्यु ने अपने कठिन परिश्रम और अंतिम छोर तक सम्पर्क कार्यक्रमों के माध्यमों से लोगों के मन में अमिट छाप छोड़ी है। वह एक जन्मजात सैनिक हैं और बड़ी सादगी के साथ विशाल क्षेत्र की गहराई तक के सामाजिक-आर्थिक आदि मुद्दों की गहन जानकारी रखते हैं। जिसकी बानगी उनकी कार्यशैली में साफ झलकती है। हरियाणा में लोगों के बीच उनकी लोकप्रियता को देखते हुए, उन्हें 2005 में हरियाणा भाजपा का महासचिव नियुक्त किया गया और 2010 में तत्कालीन पार्टी अध्यक्ष नितिन गड़करी ने उनके राष्ट्रीय मुद्दों पर ज्ञान को तवज्जो देते हुए राष्ट्रीय सचिव के पद पर पदोन्नत किया गया। 

कैप्टन अभिमन्यु की अगुवाई में हुए सफल कार्यक्रम

वर्ष 2007-2009 के दौरान कैप्टन अभिमन्यु ने कई नवाचारपरक प्रचार अभियानों जिसे दीनबंधु प्रेरणा रैली, जल अधिकार रैली, बिजली खोज रैली, विजय संकल्प यात्रा, प्रजातंत्र बचाओ रैली, रामसेतु आंदोलन, झज्जर विजय संकल्प रैली को प्रत्ययात्मक रूप प्रदान किया एवं संचालन किया। उनकी नवाचार विचारधारा और रैलियों आदि ने भाजपा के सर्वोच्च नेतृत्व का ध्यान आकर्षित किया और इनको राजनाथ सिंह, नरेन्द्र मोदी, वैंकेया नायडू, सुषमा स्वराज, शिवराज सिंह चौहान, डॉ. रमन सिंह और मुरली मनोहर जोशी ने सम्बोधित किया। इन्हें वर्ष 2004-2005 के बीच एक वर्ष की अवधि के भीतर झज्जर और रोहतक में भारत के सबसे सम्मानीय प्रधानमंत्रियों में से एक अटल बिहारी वाजपेयी की दो रैलियों को आयोजित करने का एक अद्वितीय अवसर मिला। 

कैप्टन अभिमन्यु की महत्वपूर्ण राजनितिक भागीदारियां

वर्ष 1997 में वे वरिष्ठ भाजपा नेता श्री लाल कृष्ण आडवाणी की स्वर्ण जयंती रथ यात्रा में शामिल हुए और इसके लिये विशाल जनसमूह को एकत्रित किया। 1998 में वह रोहतक से भाजपा उम्मीदवार स्वामी इन्द्रवेश के चुनाव एजेंट और समन्वयक बने। 1999 में दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. साहिब सिंह वर्मा के चुनाव एजेंट और समन्वयक बने और भारत की सबसे बड़े लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र- बाहरी दिल्ली (35,00,000 मतदाता) से सम्पूर्ण चुनाव प्रचार अभियान का सफलतापूर्वक निष्पादन किया। 2003 में छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनावों के लिये चुनाव प्रबंधन टीम के सदस्य के रूप में उन्होंने सेवाएं दी।

2007 में उत्तराखण्ड विधानसभा चुनावों के मीडिया प्रबंधन और उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों की चुनाव प्रबंधन टीम में शामिल थे। 2008 में उन्होंने राजस्थान और दिल्ली विधानसभा चुनावों में व्यापक रूप से प्रचार किया। 2012 में पंजाब विधानसभा चुनावों में राज्य में सत्ताविरोधी रूझान को मात देते हुए शिअद-भाजपा गठबंधन को विजय प्राप्त कराने में निर्णायक भूमिका निभाई।

2004 में उन्होंने हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा के विरूद्ध रोहतक लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ा। इस चुनाव में कैप्टन अभिमन्यु ने 1,73,800 मतों के साथ द्वितीय स्थान प्राप्त करते हुए एक मुख्य राजनैतिक उमंग पैदा कर दी और इंडियन नेशनल लोकदल के उम्मीदवार की जमानत जब्त हो गई। कैप्टन अभिमन्यु हरियाणा में भाजपा के युवा चेहरे हैं और हरियाणा में पार्टी को मजबूत करने में उनकी भूमिका अति महत्वपूर्ण और सर्वमान्य है। 2014 में इन्होने नारनौंद (हिसार) से विधानसभा का चुनाव लड़ा और विधायक बने। 

मंत्री के तौर पर इनके कार्यकाल की उपलब्धियां

  • प्रदेश के किसानों को ख़राब फसलों के मुआवज़े के तौर पर करीब 3 हज़ार करोड़ की सहायता प्रदान करना। 
  • सरल, पारदर्शी भूमि पंजीकरण प्रणाली लागू करना।  
  • जीरो इंतकाल योजना लागू करना। 
  • ई-स्टैम्पिंग योजना लागू करना। 
  • प्रदेश सरकार द्वारा बनाये जाने वाले सर्टिफिकेट्स ऑनलाइन शुरू करना। 
  • निवेश एवं उद्यम विकास नीति 2015 लागू करना।
  • ईज ऑफ़ डूइंग बिजनेस के मामले में हरियाणा को 14वें से 5वें स्थान पर लेकर आना। 
  • हरियाणा का पहला 'हैपनिंग हरियाणा' समिट आयोजित करना जिसमें करीब 6 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव मिले। 
  • हरियाणा में सरकारी कर्मचारियों एवं पेंशनभोगियों के लिए सबसे पहले सातवें वेतन आयोग की शिफारिशों को लागू करना 
  • पूरे देश के साथ क़दम मिलाकर हरियाणा में जीएसटी लागू करना। 
  • श्रमिकों के लिए न्यूनतम मज़दूरी 7976.20 रूपये से लेकर 10179.87 रुपए प्रतिमाह निर्धारित करना। 
  • हरियाणा का ऐतिहासिक 1 लाख करोड़ रुपए का सालाना बजट 2017 -18 पेश किया।
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