हरियाणा में लोकसभा चुनाव की तैयारियों के बीच एक गंभीर मुद्दा सामने आया है। चुनाव प्रक्रिया से जुड़े अधिकारियों की तैनाती को लेकर लगातार विवाद हो रहा है। इस बार मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) को शिकायत की गई है कि हरियाणा में 18 असिस्टेंट रिटर्निंग ऑफिसर (एआरओ) की तैनाती की गई है, जिनका अनुभव हरियाणा सिविल सेवा (एचसीएस) नियमावली के अनुसार पर्याप्त नहीं है।
शिकायत में आरोप: 21 HCS अधिकारी पांच साल से कम अनुभव वाले
शिकायत में कहा गया है कि हरियाणा में 21 ऐसे HCS अधिकारी हैं, जिन्हें हरियाणा सरकार द्वारा उपमंडल अधिकारी (सिविल) या सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) के पद पर तैनात किया गया है। हालांकि, हरियाणा सिविल सेर्विसेज (एचसीएस) नियमावली के अनुसार, एसडीएम के पद पर अधिकारियों को तैनात करने के लिए न्यूनतम पांच साल का अनुभव होना चाहिए। इसमें कुछ अधिकारियों का अनुभव पांच साल से कम है, जो नियमों के विपरीत है। शिकायत में इन अधिकारियों के नाम भी दिए गए हैं।
चुनाव आयोग को की गई शिकायत
शिकायत में भारतीय चुनाव आयोग (ECI) से मांग की गई है कि वह तत्काल हस्तक्षेप करके हरियाणा सरकार को निर्देश दे कि वह पांच साल से कम अनुभव वाले अधिकारियों को एसडीएम के पद से हटाकर, न्यूनतम पांच साल का अनुभव वाले अधिकारियों को ही इस पद पर तैनात करे। इससे चुनावी ड्यूटी निभाने वाले एआरओ को उचित अनुभव प्राप्त हो सकेगा।
लोकसभा चुनाव के लिए 90 एआरओ की नियुक्ति
शिकायत में कहा गया है कि हरियाणा में लोकसभा चुनाव के लिए कुल 90 एआरओ की तैनाती की गई है। इनमें से 18 एआरओ की तैनाती को लेकर सवाल उठाए गए हैं। ये एआरओ वास्तव में 2020 बैच के HCS अधिकारी हैं, जिनका अनुभव कम है।
चुनाव आयोग से मांग: अनुभव वाले अधिकारियों की तैनाती सुनिश्चित करे
शिकायत में चुनाव आयोग से मांग की गई है कि वह हरियाणा सरकार को निर्देशित करके HCS कैडर में न्यूनतम पांच साल का अनुभव रखने वाले अधिकारियों को ही सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) के पद पर तैनात करने सुनिश्चित करे। इससे ये अधिकारी आगामी लोकसभा चुनाव में एआरओ के रूप में कार्य कर सकेंगे।