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हिसार लोकसभा क्षेत्र में इस बार एक अनोखा नजारा देखने को मिल रहा है। यहां की सभी प्रमुख राजनीतिक पार्टियां अपने स्थानीय चेहरों को नजरअंदाज करके बाहरी उम्मीदवारों पर दांव लगा रही हैं। चाहे भाजपा-जजपा गठबंधन हो या इनेलो और कांग्रेस, सभी ने हिसार से दूर रहने वाले प्रत्याशियों को टिकट दिया है। यह पहली बार हुआ है जब सभी दलों ने बाहरी चेहरों पर ही भरोसा जताया है।
चौटाला परिवार का प्रभुत्व
भाजपा-जजपा गठबंधन और इनेलो ने चौटाला परिवार के सदस्यों को प्रत्याशी बनाया है। भाजपा ने रणजीत चौटाला को टिकट दिया है, जबकि जजपा ने नैना चौटाला को उतारा है। वहीं, इनेलो ने दुष्यंत चौटाला की पत्नी सुनैना चौटाला को मैदान में उतारा है। चौटाला परिवार ने हिसार लोकसभा सीट पर पहले भी कई बार अपना दबदबा कायम किया है।
कलायत से आया कांग्रेस प्रत्याशी
कांग्रेस ने भी हिसार से बाहर के जयप्रकाश उर्फ जेपी को टिकट दिया है। जयप्रकाश कलायत के रहने वाले हैं, जो हिसार से लगभग 100 किलोमीटर दूर है। वहीं, भाजपा-जजपा और इनेलो के उम्मीदवार सिरसा से आए हैं, जो हिसार से करीब 90 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
लोगों में उठ रहे सवाल
इस बार की विशेषता को देखते हुए लोगों में यह सवाल उठ रहा है कि क्या उन्हें अपने काम के लिए सिरसा या कलायत जाना पड़ेगा? हालांकि, कांग्रेस प्रत्याशी जयप्रकाश उर्फ जेपी ने अब तक अधिकतर चुनाव हिसार से ही लड़े हैं। वहीं, रणजीत चौटाला भी पहले हिसार लोकसभा और आदमपुर विधानसभा का चुनाव लड़ चुके हैं।
उम्मीदवारों की चुनावी पारी
जेपी की चुनावी बाजीगरी
कांग्रेस उम्मीदवार जयप्रकाश उर्फ जेपी अब तक चार चुनाव जीत चुके हैं और तीन बार हार का सामना करना पड़ा है। वह आठवीं बार चुनाव मैदान में उतरे हैं। उन्होंने 1989 में लोकदल से पहली बार सांसद का चुनाव जीता था। इसके बाद 1996 और 2004 में भी वह सांसद चुने गए थे।
चौटाला परिवार का मिक्स्ड बैग
चौटाला परिवार के चार सदस्य पांच बार हिसार लोकसभा सीट से चुनाव लड़ चुके हैं। रणजीत चौटाला ने अब तक आठ चुनाव लड़े हैं, लेकिन केवल तीन बार ही जीत हासिल की है। वहीं, नैना चौटाला ने लगातार दो चुनाव जीते हैं। सुनैना चौटाला के लिए यह पहला चुनाव है।