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करनाल के चुनावी मैदान में नया मोड़, वीरेंद्र मराठा एनसीपी से लड़ेंगे चुनाव

करनाल के चुनावी मैदान में नया मोड़, वीरेंद्र मराठा एनसीपी से लड़ेंगे चुनाव

गठबंधन से अनदेखी पर नाराज मराठा समाज के नेता ने एनसीपी से टिकट लेने का किया ऐलान

प्रतीकात्मक तस्वीर

करनाल लोकसभा क्षेत्र में चुनावी सरगर्मियां तेज हो गई हैं। इंडिया गठबंधन से नाराजगी के बाद मराठा समाज के वरिष्ठ नेता वीरेंद्र वर्मा ने एनसीपी से करनाल सीट से चुनाव लड़ने का फैसला किया है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार ने उन्हें टिकट देने का आश्वासन दिया है। 

इंडिया गठबंधन का फार्मूला टूटा, मराठा को नहीं मिली करनाल से टिकट

मराठा वीरेंद्र वर्मा ने बताया कि इंडिया गठबंधन का वह फार्मूला टूट गया है, जिसमें तय हुआ था कि जिस पार्टी का किसी राज्य में वर्चस्व है, वही लीड रोल में रहेगी। हरियाणा में कांग्रेस ने इस फार्मूले को नजरअंदाज किया और ऐसे उम्मीदवार को करनाल से टिकट दिया, जिसकी जीत की संभावना कम है। इस तरह कांग्रेस ने भाजपा को सीट थामने का रास्ता साफ कर दिया है। 

रोड समाज और राजपूत समुदाय भी नाराज, मराठा को वोट बैंक का भरोसा

वीरेंद्र वर्मा ने कहा कि न तो भाजपा और न ही कांग्रेस ने रोड समाज को टिकट दिया है, जबकि इस समुदाय का अच्छा वोट बैंक है। वहीं, राजपूत समाज के वीरेंद्र राठौर को भी टिकट नहीं मिला। मराठा ने दावा किया कि संख्या के हिसाब से उनका हक टिकट पर पहले बनता है। उन्हें विश्वास है कि रोड और राजपूत समाज उनका समर्थन करेगा। 

पंवार से मिला टिकट का भरोसा, रविवार को होगी मराठा समाज की बैठक

वीरेंद्र वर्मा ने बताया कि शरद पवार ने उन्हें फॉर्म ए और बी दिए हैं। उन्होंने निर्देश दिया है कि अगर गठबंधन से टिकट नहीं मिला तो एनसीपी से चुनाव लड़ें। रविवार को मराठा समाज की बैठक बुलाई गई है, जिसमें आखिरी फैसला लिया जाएगा।

कुरुक्षेत्र में इनेलो को, करनाल में एनसीपी को समर्थन देगा मराठा

मराठा वीरेंद्र वर्मा ने कहा कि इनेलो से उन्हें कोई ऑफर नहीं मिला है। वे एनसीपी के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ेंगे। इसके तहत वे कुरुक्षेत्र में इनेलो का समर्थन करेंगे, जबकि इनेलो करनाल में उनका साथ देगी। उन्होंने दावा किया कि इस गठबंधन से दोनों सीटें जीती जा सकती हैं।

करनाल लोकसभा क्षेत्र में सियासी गलियारे गरमा गए हैं। मराठा समाज का बड़ा वोट बैंक है और अगर वीरेंद्र वर्मा चुनाव मैदान में उतरते हैं तो यहां त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल सकता है। हालांकि, अंतिम फैसला रविवार को होने वाली मराठा समाज की बैठक में ही लिया जाएगा।

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