दिव्यांशु बुद्धिराजा का राजनीतिक सफर
हरियाणा की कर्नाल सीट से लोकसभा प्रत्याशी दिव्यांशु बुद्धिराजा ने आज नामांकन दाखिल किया। उनके साथ पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष उदयभान भी मौजूद थे। युवा नेता दिव्यांशु बुद्धिराजा का राजनीतिक सफर छात्र राजनीति से शुरू हुआ था। पंजाब यूनिवर्सिटी के छात्र संघ अध्यक्ष रहे दिव्यांशु बाद में नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) के प्रदेश अध्यक्ष भी बने। 2013 से कांग्रेस से जुड़े दिव्यांशु को दीपेंद्र हुड्डा का करीबी माना जाता है। कहा जाता है कि वह एक बेहतरीन रणनीतिकार भी हैं। गोहाना के मूल निवासी दिव्यांशु को कर्नाल से टिकट देकर कांग्रेस ने यहां के पंजाबी वोटरों को भी साधने की कोशिश की है।
युवाओं के बीच लोकप्रिय दिव्यांशु की चुनौतियां
युवा वर्ग में काफी लोकप्रिय दिव्यांशु बुद्धिराजा के सामने सबसे बड़ी चुनौती होगी कर्नाल के सभी कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को एकजुट करना। अगर वह इसमें सफल होते हैं, तो उनकी जीत की संभावनाएं काफी बढ़ जाएंगी। हालांकि, भाजपा के खिलाफ मजबूत लहर बनाना भी उनके लिए आसान नहीं होगा। दिव्यांशु के लिए एक और चुनौती होगी पंजाबी वोटरों को अपने पाले में लाना। कर्नाल और पानीपत में पंजाबी बड़ी संख्या में हैं। अगर दिव्यांशु उन्हें साथ लाने में कामयाब होते हैं, तो भाजपा के समीकरण बिगड़ सकते हैं।
कर्नाल में कांग्रेस की जीत की संभावनाएं
इस बार कांग्रेस ने हरियाणा से पहली बार सबसे युवा नेता को लोकसभा प्रत्याशी बनाया है। इससे युवा वोटरों में कांग्रेस के प्रति एक नया उत्साह देखने को मिल सकता है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा का भी दावा है कि प्रदेश में कांग्रेस की लहर चल रही है और वही जीतेगी। हालांकि, भाजपा के लिए यह चुनाव आसान नहीं होने वाला है। दिव्यांशु बुद्धिराजा की युवा पीढ़ी और पंजाबी समुदाय दोनों से अपील के चलते कांग्रेस को कर्नाल सीट पर अच्छा प्रदर्शन करने की उम्मीद है।
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