
लोकसभा चुनाव 2024 के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने हरियाणा में अपना पूरा जोर लगा दिया है। पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की रैलियों के साथ-साथ राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड के मुख्यमंत्रियों को भी हरियाणा भेजने की योजना बनाई है। इस तरह से भाजपा विपक्षी दलों को कड़ी टक्कर देने की पूरी तैयारी कर रही है।
राज्यसभा सांसद और भाजपा की हरियाणा चुनाव प्रबंधन समिति के संयोजक सुभाष बराला ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी 18 मई को अंबाला और सोनीपत में रैलियां करेंगे। इसके बाद वह 23 मई को महेंद्रगढ़ में एक और जनसभा को संबोधित करेंगे। वहीं, गृहमंत्री अमित शाह 16 मई को गुरुग्राम और 17 मई को रोहतक और करनाल में रैलियां करेंगे।
बराला ने बताया कि पार्टी ने प्रधानमंत्री की रैलियों का प्रबंधन अपने वरिष्ठ नेताओं को सौंपा है। जिंद के विधायक डॉक्टर कृष्ण मिढ़ा गोहाना में होने वाली मोदी की रैली का प्रबंधन संभालेंगे। वहीं, हरियाणा मंत्री कंवरपाल गुज्जर अंबाला की रैली और पार्टी के प्रवक्ता जवाहर यादव महेंद्रगढ़ की रैली का प्रबंधन करेंगे।
उन्होंने कहा, "पार्टी कार्यकर्ताओं में इन रैलियों को लेकर काफी उत्साह है और वे तैयारियां शुरू कर चुके हैं। प्रधानमंत्री मोदी का राज्य से गहरा लगाव है क्योंकि वह काफी समय तक यहां पार्टी के प्रभारी रहे हैं। 2014 में उन्होंने अपना राष्ट्रव्यापी चुनाव अभियान रेवाड़ी से शुरू किया था, जहां उन्होंने पूर्व सैनिकों की एक रैली को संबोधित किया था।"
सुभाष बराला ने जानकारी दी कि आज शाम 4 बजे जंडली, अंबाला शहर के माता रानी चौक पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और हरियाणा के परिवहन तथा महिला एवं बाल विकास मंत्री असीम गोयल, भाजपा प्रत्याशी बंतो कटारिया के समर्थन में एक जनसभा को संबोधित करेंगे। बंतो कटारिया अंबाला लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं। उन्होंने बताया कि 18 मई को दोपहर करीब 12 बजे, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अंबाला शहर के पुलिस लाइन मैदान में एक विशाल रैली को संबोधित करेंगे। इस रैली में भाजपा के कई वरिष्ठ नेता भी मौजूद रहेंगे।
भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी शंशेर खराक का कहना है कि प्रधानमंत्री की रैलियां न केवल पार्टी के चुनाव अभियान को बल प्रदान करेंगी बल्कि भाजपा प्रत्याशियों की जीत के अंतर को भी बढ़ाएंगी। उन्होंने दावा किया कि भाजपा हरियाणा की सभी 10 लोकसभा सीटें जीतेगी।
इधर, विपक्ष का दावा है कि तीन निर्दलीय विधायकों के समर्थन वापस लेने के बाद भाजपा सरकार अल्पमत में आ गई है। कांग्रेस और जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) का कहना है कि भाजपा अब सिर्फ 43 विधायकों पर ही निर्भर है। हालांकि, भाजपा इस दावे को खारिज करते हुए कहती है कि उसके पास जरूरी बहुमत है और कुछ जेजेपी व कांग्रेस के विधायक भी उसके साथ हैं।
ऐसे में, मोदी और शाह की रैलियां हरियाणा में भाजपा के लिए बहुत महत्वपूर्ण होंगी और इससे पार्टी अपने वोट बैंक को एकजुट करने में कामयाब हो सकती है। लेकिन विपक्ष भी कड़ी टक्कर देने की तैयारी कर रहा है, इसलिए आगामी दिनों में हरियाणा की सियासी गलियों में काफी गरमागरमी देखने को मिलेगी।
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