हरियाणा की करनाल लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (BJP) के उम्मीदवार मनोहर लाल खट्टर ने अपने कथित भतीजों द्वारा कांग्रेस में शामिल होने के मुद्दे पर चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि प्रदीप खट्टर और गुरुराज खट्टर उनके भतीजे नहीं हैं।
बुधवार को करनाल में एक कार्यक्रम के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री से जब इस बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, "पहली बात तो यह है कि मेरा कोई भतीजा सिरसा में नहीं है। दूसरा, खट्टर कास्ट होने से कोई अपने तौर पर मेरा भतीजा बन रहा है, तो अलग बात है, लेकिन मेरा कोई भतीजा सिरसा में नहीं है।"
यह बयान ऐसे समय आया है जब प्रदीप खट्टर और गुरुराज खट्टर ने हाल ही में सिरसा में कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की थी। उन्हें सिरसा से कांग्रेस उम्मीदवार कुमारी सैलजा के नेतृत्व में खट्टर का भतीजा बताकर पार्टी में शामिल कराया गया था। मनोहर लाल खट्टर ने आगे कहा, "हां, इतना जरूर है कि जब मैं 2014 में मुख्यमंत्री बना था तो उस समय मेरे पास सिरसा का एक परिवार आया था। उन्होंने बताया था कि वे भी खट्टर हैं, लेकिन उस परिवार की वहां पर कोई साख नहीं है और एक-दो बार उन पर केस भी दर्ज हुए थे।"
उन्होंने कहा, "इसे लेकर भी वे मुझसे मिले थे, लेकिन मेरी तरफ से कह दिया गया था कि अगर आपने कोई गलती की है तो उसका भुगतना करना पड़ेगा। इसके बाद उनमें कुछ नाराजगी भी हो गई थी। अब कोई गलत काम करेगा और वह खट्टर गोत्र की आड़ लेगा, तो यह गलत है। मैं इसकी निंदा करता हूं।" इससे पहले, कांग्रेस में शामिल होने के बाद गुरुराज खट्टर ने पूर्व मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा था, "पूर्व मुख्यमंत्री ने 10 साल परिवार को नहीं संभाला। अब जब हम कांग्रेस में आ गए हैं तो हम पर दबाव बनाने की राजनीति की जा रही है।"
इस विवाद के बीच, मनोहर लाल खट्टर ने पूर्व विधायकों रोहिता रेवड़ी और मनोज वधवा के कांग्रेस में शामिल होने पर भी अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि जब किसी का स्वार्थ पूरा नहीं होता है, तो वे आरोप लगाने लगते हैं। साथ ही, उन्होंने संविधान बदलने के आरोपों को भी खारिज कर दिया। इस प्रकार, मनोहर लाल खट्टर के इस बयान ने एक नया विवाद खड़ा कर दिया है, जिसमें उन्होंने अपने ही गोत्र के लोगों से किनारा किया है, जिन्हें पहले उनका भतीजा बताया जा रहा था।
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