लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए मतदान नजदीक आते ही हरियाणा में भी चुनावी सरगर्मियां तेज हो गई हैं। इस बार हिसार और सिरसा लोकसभा क्षेत्रों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए विपक्षी कांग्रेस से कड़ा मुकाबला है। ऐसे में बीजेपी ने अपने दो दिग्गज नेताओं केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की रैलियों का आयोजन किया है, ताकि चुनावी माहौल को अपने पक्ष में कर सकें।
20 मई को अमित शाह हिसार के रोड गवर्नमेंट कालेज मैदान में एक बड़ी जनसभा को संबोधित करेंगे, जबकि योगी आदित्यनाथ सिरसा की अनाज मंडी में विशाल रैली करेंगे। दोनों ही नेता राम मंदिर जैसे मुद्दों को उठाएंगे और विपक्ष पर निशाना साधेंगे।
सिरसा में कांग्रेस की उम्मीदवार कुमारी सैलजा हैं, जबकि हिसार में जयप्रकाश यानी जेपी से बीजेपी के डॉ. अशोक तंवर और चौधरी रणजीत सिंह का मुकाबला है। इन दोनों लोकसभा सीटों पर बीजेपी का लक्ष्य माहौल को एकतरफा करना है।
इसी कड़े मुकाबले को देखते हुए भाजपा ने अपने दो बड़े नेताओं की रैलियां तय की हैं। सिरसा में योगी आदित्यनाथ की रैली की तैयारियों के लिए भाजपा नेताओं ने शुक्रवार को सुबह ही हुड्डा ग्राउंड और सिरसा अनाज मंडी का दौरा किया। गर्मी और अधिक भीड़ जुटाने के हिसाब से सिरसा अनाज मंडी की जगह को फाइनल कर दिया गया है।
वहीं, अमित शाह की जनसभा के लिए हिसार के बीचोंबीच स्थित पुराने गवर्नमेंट कालेज मैदान को चुना गया है। शनिवार से दोनों कार्यक्रमों की तैयारियां शुरू हो जाएंगी। अमित शाह 20 मई को सुबह 10 बजे आएंगे, जबकि योगी आदित्यनाथ सुबह 11 बजे सिरसा जाएंगे। इससे पहले 2019 के विधानसभा चुनाव में भी योगी आदित्यनाथ हिसार की आदमपुर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी सोनाली फोगाट के लिए वोटों की अपील करने आए थे। वहीं, अमित शाह पिछले साल 2023 में सिरसा में एक जनसभा कर चुके हैं। उन्होंने साल 2014 के चुनावों में भी हांसी में एक बड़ी रैली की थी।
हालांकि, सिरसा लोकसभा क्षेत्र में भाजपा को किसानों के विरोध का भी सामना करना पड़ रहा है। यहां बीजेपी प्रत्याशी डॉ. अशोक तंवर का गांव-गांव विरोध हो रहा है और उनकी गाड़ियों पर डंडे तक बरसाए जा रहे हैं। इसके अलावा, पंजाब के किसान संगठनों ने यहां एक वीडियो वैन भी निकाली है, जो गांव-गांव घूमकर अंबाला के शंभू बॉर्डर और खनौरी बॉर्डर पर पुलिस और किसानों के बीच हुई झड़पों के वीडियो दिखाकर किसानों से सहानुभूति बटोर रही है। ऐसे में अमित शाह और योगी आदित्यनाथ की रैलियों से न केवल माहौल बदलेगा, बल्कि भाजपा को किसान आंदोलन के खिलाफ भी लोगों का विश्वास हासिल करने में मदद मिलेगी। दोनों दिग्गज नेताओं की उपस्थिति से बीजेपी अपने समर्थकों में नई ऊर्जा भरने की उम्मीद कर रही है।
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