हरियाणा में लोकसभा चुनाव के एक दिन पहले ही चौटाला परिवार के तीन सदस्य आमने-सामने आ गए। हरियाणा में लोकसभा चुनाव के लिए वोटिंग का एक दिन ही बचा था, जब हिसार लोकसभा सीट से इनेलो की उम्मीदवार सुनैना चौटाला ने अचानक भाजपा नेता कुलदीप बिश्नोई के सेक्टर-15 स्थित आवास पर पहुंचकर सभी को चौंका दिया। यह मुलाकात चुनावी रणनीति के नए रंग दिखाती है। सुनैना चौटाला के अचानक आगमन से कुलदीप बिश्नोई हैरान रह गए। इसके बाद उनके परिवार ने सुनैना का स्वागत किया। दोनों की करीब आधे घंटे तक बैठक चली और साथ बैठकर चाय भी पी गई। सुनैना के साथ हिसार इनेलो के अध्यक्ष जितेंद्र श्योराण भी मौजूद थे।
इस मुलाकात के बाद कुलदीप बिश्नोई के करीबियों को भाजपा नेताओं के फोन बजने लगे। सभी को कुलदीप ने बताया कि सुनैना अचानक घर आ गई थीं और यह एक सामान्य मुलाकात थी। उन्होंने कहा कि इसके किसी तरह के कोई मायने न निकाले जाएं, क्योंकि उनका समर्थन भाजपा को ही है। दरअसल, हिसार से चौटाला परिवार के तीन सदस्य इस चुनाव मैदान में आमने-सामने हैं। भाजपा ने स्व. ताऊ देवीलाल के बेटे रणजीत चौटाला को प्रत्याशी बनाया है, जबकि इनेलो ने सुनैना चौटाला और जजपा ने नैना चौटाला को मैदान में उतारा है।
इससे पहले, इनेलो नेता अभय चौटाला ने पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल की पुत्रवधू किरण चौधरी को भी इनेलो में आने का ऑफर दिया था। अभय चौटाला लगातार क्षेत्रीय दलों की हरियाणा में जरूरत की बात कर रहे हैं और वह क्षेत्रीय नेताओं की अपेक्षा को भुनाने में लगे हुए हैं। अभय चौटाला ने कहा था, "कांग्रेस में जिस प्रकार किरण चौधरी से बर्ताव हो रहा है, उससे वह दुखी हैं। अगर किरण इनेलो में आती हैं तो वह उनका स्वागत करेंगे और पार्टी में पूरा मान-सम्मान देंगे।" इस बीच, कुलदीप बिश्नोई भाजपा में आने के बाद से हिसार लोकसभा सीट से भाजपा का टिकट मांग रहे थे। उन्होंने राजस्थान में भी भाजपा के लिए प्रचार किया था। इसके बाद हिसार में कुलदीप बिश्नोई एक्टिव हुए और भाजपा से टिकट की मांग भी की। लेकिन, भाजपा ने कुलदीप बिश्नोई का टिकट काटकर ताऊ देवीलाल के बेटे रणजीत चौटाला को टिकट दे दिया। इससे कुलदीप बिश्नोई नाराज हो गए थे।
नाराज कुलदीप बिश्नोई को मनाने के लिए हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और प्रदेश भाजपा महामंत्री सुरेंद्र पूनिया उनके दिल्ली आवास पर गए थे। कुलदीप से मुलाकात के बाद उनकी नाराजगी दूर हो गई थी और उसके बाद वह भाजपा के प्रचार में लग गए थे। इसके बाद भाजपा ने कुलदीप बिश्नोई के विधायक बेटे भव्य बिश्नोई को भाजयुमो का प्रदेश प्रभारी बनाया था।
एक दिन पहले भी भाजपा उम्मीदवार रणजीत चौटाला, कुलदीप बिश्नोई के घर नाश्ता करने के लिए पहुंचे थे। इस दौरान विधायक बेटा भव्य बिश्नोई, पूर्व विधायक रेणुका बिश्नोई और रणधीर पनिहार भी मौजूद थे। रणजीत चौटाला ने ब्रेकफास्ट के दौरान कुलदीप बिश्नोई से हिसार लोकसभा सीट की लेकर फीडबैक लिया था। ऐसे में, चुनाव से एक दिन पहले सुनैना चौटाला का कुलदीप बिश्नोई के घर अचानक आगमन चुनावी रणनीति के नए रंग दिखाता है। यह दोनों दलों की रणनीतियों और गठबंधन के संकेत भी हो सकते हैं। हालांकि, दोनों पक्षों ने इसे एक सामान्य मुलाकात बताया है, लेकिन राजनीति में ऐसी मुलाकातों के पीछे गहरे मायने निकाले जा सकते हैं।
इस तरह की अचानक मुलाकातें चुनावी समीकरणों में बदलाव की भी ओर इशारा कर सकती हैं। सुनैना चौटाला के इस कदम से लगता है कि चौटाला परिवार के अंदर भी कुछ नए गठजोड़ हो सकते हैं। वहीं, भाजपा के लिए भी यह एक चुनौती बन सकती है, क्योंकि कुलदीप बिश्नोई जैसे दिग्गज नेता की नाराजगी उनके लिए नुकसानदायक हो सकती है।
कुल मिलाकर, यह मुलाकात चुनावी सियासत में नए रंग भरती है और आगे क्या होता है, इसकी भविष्यवाणी करना मुश्किल है। लेकिन निश्चित रूप से यह चुनावी गणित को प्रभावित कर सकता है। अब देखना दिलचस्प होगा कि इस मुलाकात का क्या परिणाम निकलता है और क्या इससे कोई नया गठबंधन या गठजोड़ सामने आता है।
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