हरियाणा में 10 लोकसभा सीटों और करनाल विधानसभा सीट के लिए शनिवार को हुए चुनाव में वोटिंग प्रतिशत कम रहा। हालांकि, चुनाव प्रक्रिया पूरी तरह से शांतिपूर्ण रही। चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, राज्य में कुल 65% वोटिंग दर्ज की गई, जो 2019 के लोकसभा चुनावों से 5.34% कम है। उस समय राज्य में 70.34% मतदान हुआ था।
सिरसा लोकसभा क्षेत्र में सबसे अधिक 69% वोटिंग दर्ज की गई, जबकि फरीदाबाद में सिर्फ 59.7% मतदान हुआ, जो राज्य में सबसे कम है। अन्य लोकसभा क्षेत्रों में वोटिंग प्रतिशत इस प्रकार रहा: अंबाला 66.9%, कुरुक्षेत्र 66.2%, हिसार 64.6%, सोनीपत 62.2%, रोहतक 64.5%, भिवानी-महेन्द्रगढ़ 65.2%, करनाल 63.2% और गुड़गांव 60.6%। साथ ही, करनाल विधानसभा क्षेत्र में 57.8% मतदान हुआ।
हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी अनुराग अग्रवाल ने बताया कि चुनाव शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुए। उन्होंने कहा कि मतगणना 4 जून को होगी। मतपेटियों की सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं। राज्य में 91 स्ट्रॉन्ग रूम बनाए गए हैं, जहां इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनें (ईवीएम) और वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) मशीनें रखी जाएंगी।
अग्रवाल ने बताया कि निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार रिटर्निंग अधिकारी तीन बार स्ट्रॉन्ग रूम का दौरा करेंगे। स्ट्रॉन्ग रूम में ईवीएम और वीवीपैट मशीनों को रखने और उन्हें सील करने की पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की जाएगी। इन कमरों में सिर्फ एक दरवाजा होगा और यदि एक से अधिक दरवाजे या खिड़कियां हैं, तो उन्हें सील कर दिया जाएगा। कमरे डबल लॉक होंगे और इनकी सुरक्षा के लिए ट्रिपल लेयर की व्यवस्था की गई है।
हालांकि, चुनाव दिवस पर कुछ घटनाएं भी हुईं। अंबाला में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पोस्टर को नाली में फेंकने के बाद भाजपा और कांग्रेस कार्यकर्ताओं में झड़प हो गई। हिसार में एक दुर्घटना में ईवीएम मशीन को सील करने वाले एक कर्मचारी घायल हो गए। रोहतक से ईवीएम मशीनों को ले जाते समय भी एक घटना हुई।
समग्र रूप से, हरियाणा में मतदान का दिन शांतिपूर्ण रहा, लेकिन वोटिंग प्रतिशत कुछ कम रहा। अब सभी की निगाहें 4 जून को होने वाली मतगणना पर टिकी हैं।
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