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हुड्डा का 'पूर्व सीएम' पर वार : कहा - हार की बौखलाहट में ही अधिकारियों, कर्मचारियों को दे रहे हैं धमकी

हुड्डा का 'पूर्व सीएम' पर वार : कहा - हार की बौखलाहट में ही अधिकारियों, कर्मचारियों को दे रहे हैं धमकी

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि हार की बौखलाहट में ही बीजेपी के पूर्व मुख्यमंत्री प्रदेश के अधिकारियों, कर्मचारियों को धमकी दे रहे हैं, जबकि उनके पास न कर्मचारी को धमकी देने और न ही उनके विरुद्ध कोई कार्रवाई करने का अधिकार है, उन्होंने सवाल किया कि आखिर किस अधिकार से धमका रहे हैं।

प्रतीकात्मक तस्वीर

रोहतक में पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि भाजपा नेताओं के बयान लोकसभा चुनाव में उनकी हार की स्वीकृति है। हार की बौखलाहट में ही बीजेपी के पूर्व मुख्यमंत्री प्रदेश के अधिकारियों, कर्मचारियों को धमकी दे रहे हैं। जबकि उनके पास न कर्मचारी को धमकी देने और न ही उनके विरुद्ध कोई कार्रवाई करने का अधिकार है।

उन्होंने सवाल किया कि आखिर किस अधिकार से वो चुनाव के दौरान और अब मतदान के बाद भी में धमका रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खुद एक लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से प्रत्याशी हैं। कोई शिकायत होती भी तो उसका निवारण चुनाव आयोग को करना था। भूपेंद्र सिंह हुड्डा अपने आवास पर पत्रकारों के सवालों का जवाब दे रहे थे। इस मौके पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष चौ. उदयभान भी मौजूद रहे। 

मौके पर किसी भी एजेंट ने ऐसी कोई शिकायत नहीं की

नेता प्रतिपक्ष हुड्डा ने शांतिपूर्ण मतदान के लिए हरियाणा की जनता का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में वोटिंग के दौरान किसी भी तरह की अप्रिय घटना होने की जानकारी नहीं आई। बावजूद इसके भाजपा नेता अब बोगस वोटिंग के बेबुनियाद आरोप लगा रही है। जबकि देश और प्रदेश दोनों जगह बीजेपी की सरकार है, हर पोलिंग बूथ में बीजेपी के एजेंट मौजूद थे। मौके पर किसी भी एजेंट ने ऐसी कोई शिकायत नहीं की। लेकिन जब बीजेपी को हार सामने दिखने लगी तो हताशा में उसके नेता ऐसी बयानबाजी करने लगे। ऐसे बयानों से स्पष्ट है कि बीजेपी हार स्वीकार कर चुकी है।

जनता ने जमीनी मुद्दों के आधार पर मतदान किया

हुड्डा ने कहा कि हरियाणा की जनता ने बीजेपी द्वारा किसानों की दोगुनी आमदनी की वादाखिलाफी, महंगाई, बेरोजगारी और अग्निपथ योजना के जरिए युवाओं का भविष्य खराब करने जैसे मुद्दों पर वोट किया है। बीजेपी को इस बात का दर्द है कि उसके हवा हवाई मुद्दों को दरकिनार कर जनता ने जमीनी मुद्दों के आधार पर मतदान किया। लोकसभा चुनाव के बाद जनता विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी को करारा सबक सिखाने के लिए तैयार बैठी है।   

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