हरियाणा सरकार ने राज्य के खिलाड़ियों को ध्यान में रखते हुए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व में सरकार ने हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) द्वारा विज्ञापित किए जाने वाले ग्रुप C पदों में से 3% कोटा उत्कृष्ट और पात्र खिलाड़ियों के लिए आरक्षित करने का निर्णय लिया है। यह निर्णय राज्य के खेल प्रेमी युवाओं के लिए एक नई उम्मीद जगाता है।
कोटे का लाभ और लागू विभाग
इस नई व्यवस्था के तहत, हर साल एचएसएससी द्वारा भर्ती किए जाने वाले कुल ग्रुप C पदों का 3% हिस्सा उत्कृष्ट और पात्र खिलाड़ियों के लिए आरक्षित रहेगा। इस कोटे का लाभ गृह, खेल, स्कूली शिक्षा, प्राथमिक शिक्षा, जेल, वन एवं वन्य जीव तथा ऊर्जा विभागों में मिलेगा। इन विभागों में ऐसे पदों का विज्ञापन केवल खिलाड़ियों के लिए जारी किया जाएगा।
पहले से जारी भर्तियां और आवेदन प्रक्रिया
एचएसएससी ने पहले ही अप्रैल में खिलाड़ियों के लिए विभिन्न श्रेणियों के पदों जैसे असिस्टेंट लाइनमैन, प्रशिक्षित स्नातक शारीरिक शिक्षक, डिप्टी रेंजर, वार्डन, सहायक जेल अधीक्षक, जूनियर कोच, सिपाही और सब इंस्पेक्टर के लिए आवेदन मांगे थे। इन भर्तियों के लिए आवेदन करने वालों को सामान्य पात्रता परीक्षा (सीईटी) पास करना अनिवार्य है। केवल उत्कृष्ट और पात्र खिलाड़ी ही इन पदों के लिए आवेदन कर सकते हैं।
5 नंबर आरक्षण पर रोक और सुप्रीम कोर्ट जाने की संभावना
इससे पहले हरियाणा सरकार ने सरकारी नौकरियों में सामाजिक और आर्थिक आधार पर 5 नंबर का आरक्षण शुरू किया था, जिसके तहत ग्रुप C की भर्तियां भी हुई थीं। हालांकि, पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने इस पर रोक लगा दी थी। इस कारण से राज्य में लगभग 12 हजार युवाओं की सरकारी नौकरियां लटक गईं। हरियाणा सरकार ने एचएसएससी के माध्यम से इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में ले जाने का निर्णय किया है। इस मामले की सुनवाई जुलाई में होनी है।
हरियाणा सरकार का यह कदम राज्य के खिलाड़ियों के लिए एक बड़ी राहत है। ग्रुप C भर्तियों में 3% आरक्षित कोटा उन्हें सरकारी नौकरियां प्राप्त करने का एक नया अवसर प्रदान करेगा। हालांकि, 5 नंबर आरक्षण मामले की अनिश्चितता के कारण कुछ भर्तियां लटकी हुई हैं, लेकिन सरकार इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट जा रही है।
related
Latest stories
ये किसान व आढ़ती को ख़त्म करने का 'षड्यंत्र' नहीं तो क्या है? सदन में भाजपा पर गरजे आदित्य
सरकार द्वारा 'आंकड़े न कभी छुपाए जाते हैं, न कभी छुपाए जाएंगे', जानिए मुख्यमंत्री सैनी ने ऐसा क्यों कहा
'वे नहीं जानती कि पराली क्या होती है' दिल्ली सीएम पर बड़ोली का तंज - बोले पहले खेतों में जाकर पराली देखनी चाहिए