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शिक्षा विभाग में खुला प्रमोशन का पिटारा, नवनियुक्त क्लर्कों को भी किए स्कूल अलॉट

शिक्षा विभाग में खुला प्रमोशन का पिटारा, नवनियुक्त क्लर्कों को भी किए स्कूल अलॉट

शिक्षा विभाग में बड़ा प्रशासनिक कदम उठाते हुए 400 से अधिक शिक्षकों को प्रमोशन देकर प्रिंसिपल बनाया

प्रतीकात्मक तस्वीर

हरियाणा सरकार ने दीपावली और हरियाणा दिवस के उपलक्ष्य में शिक्षा विभाग में बड़ा प्रशासनिक कदम उठाते हुए 400 से अधिक शिक्षकों को प्रमोशन देकर प्रिंसिपल बनाया है। बता दें कि इनमें 374 पोस्ट ग्रेजुएट टीचर (पीजीटी) और 94 हेडमास्टर शामिल हैं, जिन्हें उनके अनुभव और कर्तव्यनिष्ठा को ध्यान में रखते हुए प्रिंसिपल पद पर पदोन्नति दी गई है। यह कदम राज्य के शिक्षा तंत्र को और मजबूत बनाने के प्रयास में एक महत्वपूर्ण पहल के रूप में देखा जा रहा है।

ये है सरकार की योजना 

सरकार ने 374 पीजीटी को प्रिंसिपल पद पर प्रमोट करके उनके अनुभव का फायदा उठाने की योजना बनाई है। कई वर्षों से सेवा दे रहे 94 हेडमास्टरों को प्रिंसिपल के रूप में पदोन्नति दी गई है, जिससे उनकी जिम्मेदारियां बढ़ेंगी। नए क्लर्कों के जुड़ने से स्कूलों में बेहतर प्रशासनिक सहायता मिलेगी और रोजमर्रा के कार्यों में तेजी आएगी। 

शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होने की उम्मीद

सरकार की योजना के तहत इन योग्य और अनुभवी शिक्षकों के प्रमोशन से स्कूलों के प्रबंधन और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होने की उम्मीद है। नए प्रिंसिपलों के अतिरिक्त, राज्य के 707 नवनियुक्त क्लर्कों को भी विभिन्न स्कूलों में अलॉट किया गया है। इन क्लर्कों की नियुक्ति से स्कूलों की प्रशासनिक प्रणाली में गति आएगी, जिससे शिक्षकों को भी शैक्षणिक कार्यों में अधिक समय देने का अवसर मिलेगा। 

36 अधिकारियों के तबादले भी किए

सरकार ने दिवाली से पहले 36 अधिकारियों के तबादले भी किए हैं, जिनमें जिलों के एसपी और डीसीपी जैसे उच्च पदों पर बदलाव किए गए हैं। इसके तहत जींद के एसपी को अंबाला में नियुक्त किया गया, जबकि हिसार के एसपी को गुरुग्राम में डीसीपी क्राइम का चार्ज सौंपा गया।

यमुनानगर, भिवानी, महेंद्रगढ़, और करनाल जैसे जिलों में भी नए अधिकारियों की तैनाती की गई है। साथ ही, सरकार ने 23 इंस्पेक्टरों को प्रमोट करके डीएसपी बनाया है। इस प्रमोशन सूची में शक्ति सिंह, कमलदीप राणा, और सुरेंद्र सिंह जैसे अधिकारी शामिल हैं। इन बदलावों का उद्देश्य प्रशासनिक कार्यप्रणाली में सुधार लाना और राज्य में शांति एवं कानून व्यवस्था को बनाए रखना है।

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