भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी और भिवानी के डीसी महावीर कौशिक इन दिनों सोशल मीडिया पर छाए हुए हैं। अपनी सादगी और कार्यशैली के लिए पहले से ही चर्चित महावीर कौशिक ने हाल ही में भिवानी में आयोजित गीता जयंती समारोह में महाभारत काल के किस्सों पर आधारित एक रागनी प्रस्तुत की, जिसने हर किसी को प्रभावित किया। उनकी यह प्रस्तुति इतनी भावपूर्ण और प्रभावशाली थी कि समारोह में उपस्थित लोगों ने उन्हें जमकर सराहा।
रागनी मे छेड़े महाभारत काल के किस्से
गीता जयंती समारोह में महावीर कौशिक ने महाभारत काल की घटनाओं को अपनी रागनी के माध्यम से बेहद प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया। उनकी गायकी में न केवल एक गहरे अर्थ का समावेश था, बल्कि उनकी आवाज में ऐसा जादू था, जिसने उपस्थित दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। समारोह के दौरान उनकी रागनी को सुनकर दर्शकों ने तालियों और वाहवाही से सभागार गूंजा दिया।
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो
समारोह के बाद जैसे ही इस रागनी का वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किया गया, यह तेजी से वायरल हो गया। वीडियो को लाखों लोगों ने देखा, पसंद किया और साझा किया। सोशल मीडिया पर लोग उनकी प्रशंसा करते नहीं थक रहे। एक यूजर ने लिखा, "महावीर कौशिक जैसे अधिकारी हमारे देश का गौरव हैं, जो न केवल अपने कर्तव्यों को निभाते हैं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक विरासत को भी जीवंत रखते हैं।"
न केवल एक सक्षम अधिकारी हैं, बल्कि एक बेहतरीन कलाकार भी हैं
महावीर कौशिक की सादगी और सरलता ने पहले ही भिवानी और आसपास के लोगों का दिल जीत रखा है। उनके प्रशासनिक कार्यों की भी खूब प्रशंसा होती है। लेकिन इस बार गीता जयंती समारोह में उनकी प्रस्तुति ने यह साबित कर दिया कि वे न केवल एक सक्षम अधिकारी हैं, बल्कि एक बेहतरीन कलाकार भी हैं। महावीर कौशिक की इस रागनी ने धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को पुनर्जीवित करने की दिशा में एक बड़ी पहल की है। उनकी प्रस्तुति ने यह संदेश दिया कि आज के समय में भी हमारे पौराणिक और ऐतिहासिक संदर्भ कितने महत्वपूर्ण हैं। उनकी इस पहल को युवाओं ने भी खूब सराहा।
उनकी इस प्रस्तुति ने उन्हें हरियाणा के कोने-कोने में लोकप्रिय बना दिया
लोगों का कहना है कि महावीर कौशिक की इस अनोखी पहल ने साबित कर दिया कि एक प्रशासक केवल प्रशासनिक कार्यों तक सीमित नहीं रहता, बल्कि समाज के सांस्कृतिक और धार्मिक उत्थान में भी अपनी भूमिका निभा सकता है। उनकी रागनी न केवल एक मनोरंजन का माध्यम बनी, बल्कि लोगों को हमारी सांस्कृतिक विरासत से जोड़ने का जरिया भी बनी। सोशल मीडिया पर उनकी इस प्रस्तुति ने उन्हें हरियाणा के कोने-कोने में लोकप्रिय बना दिया है। महावीर कौशिक इससे पहले भी धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में रागनी प्रस्तुत कर चुके हैं। लेकिन इस बार उनकी रागनी ने एक अलग ही छाप छोड़ी है।
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