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The Haryana Story | हरियाणा को मिले उसके हक का 'पानी'... सीएम सैनी ने रावी और ब्यास जल न्यायाधिकरण के समक्ष उठाया मुद्दा

हरियाणा को मिले उसके हक का 'पानी'... सीएम सैनी ने रावी और ब्यास जल न्यायाधिकरण के समक्ष उठाया मुद्दा

रावी और ब्यास जल न्यायाधिकरण 30 जनवरी 1987 को दी गई अपनी रिपोर्ट पर अंतिम निर्णय जल्द ले, ताकि हरियाणा को मिले उसके हिस्से का पानी

प्रतीकात्मक तस्वीर

30 जनवरी 1987 को रावी और ब्यास जल न्यायाधिकरण द्वारा दी गई अपनी रिपोर्ट पर अंतिम निर्णय जल्द से जल्द लिया जाए, ताकि हमारे न्यायोचित हिस्से का पानी हमें शीघ्र मिल सके। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने यह बात रावी और ब्यास जल न्यायाधिकरण के समक्ष हरियाणा के हितों की बात करते हुए कही। नायब सिंह सैनी ने रावी और ब्यास जल न्यायाधिकरण के अध्यक्ष न्यायमूर्ति विनीत सरन, सदस्य न्यायमूर्ति श्री पी. नवीन राव और श्री सुमन श्याम का हरियाणा की 2 करोड़ 80 लाख जनता की और से स्वागत किया।

जल संरक्षण की योजनाएं बनानी होंगी

उन्होंने कहा कि 30 जनवरी 1987 को रावी और ब्यास जल न्यायाधिकरण ने अपनी रिपोर्ट दी थी। उस दिन से आज तक हरियाणा का हर बच्चा, नवयुवक और बुजुर्ग इस विषय में अंतिम निर्णय आने का बेसब्री से इंतजार कर रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें आशा है कि न्यायाधिकरण इस सम्बंध में अवश्य ही विवेकपूर्ण निर्णय लेगा, जिसकी पूरे भारतवर्ष में प्रशंसा होगी। उन्होंने कहा कि भावी पीढ़ी के लिए जल संरक्षण न केवल भारत की चिंता है, बल्कि वैश्विक चिंता का विषय बन गया है। इसके लिए जल संरक्षण की योजनाएं बनानी होंगी।

पंजाब की ओर से हरियाणा को उसके हिस्से का पानी नहीं मिला

पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी ने नदियों को जोड़ने की योजनाएं बनाई थी, जिसे आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगे बढ़ा रहे हैं। हरियाणा सरकार ने भी नदियों को जोड़ने के लिए रूपरेखा बनाने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं। नायब सिंह सैनी ने कहा कि हरियाणा के लिए एसवाईएल भी एक महत्वपूर्ण मुद्दा है और माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा हरियाणा के हक में फैसला भी दिया गया है, लेकिन फिर भी अभी तक पंजाब की ओर से हरियाणा को उसके हिस्से का पानी नहीं मिला है। 

जल्द ही एसवाईएल के विषय का समाधान होगा

उन्होंने कहा कि हम लगातार कई मंचों से कह चुके हैं कि हरियाणा को उसके हिस्से का पानी मिलना चाहिए, लेकिन पंजाब सरकार द्वारा इस दिशा में कोई कार्य नहीं किया जा रहा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि जल्द ही एसवाईएल के विषय का समाधान होगा। इस अवसर पर हरियाणा के मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग अग्रवाल, हरियाणा व पंजाब के महाधिवक्ता भी मौजूद रहे।

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