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The Haryana Story | भारत की पहली टेली रोबोटिक सर्जरी-ऑन-व्हील्स, दूर बैठे मरीज को मिल सकेगा बेहतरीन इलाज

भारत की पहली टेली रोबोटिक सर्जरी-ऑन-व्हील्स, दूर बैठे मरीज को मिल सकेगा बेहतरीन इलाज

रोगियों को अब गंभीर चिकित्सा देखभाल के लिए मीलों की यात्रा करने की आवश्यकता नहीं

प्रतीकात्मक तस्वीर

सर्जरी एक जीवन रक्षक आवश्यकता है, फिर भी भारत के दूरदराज के क्षेत्रों में अनगिनत लोग इसे पाने के लिए संघर्ष करते हैं। लेकिन क्या होगा अगर अत्याधुनिक रोबोटिक परिशुद्धता देश के सबसे दूर दराज के कोनों तक पहुंच सके? एसएसआई मंत्रम भारत की पहली टेलीसर्जरी-ऑन-व्हील्स, जिसे एसएस इनोवेशन द्वारा बाधाओं को तोड़ने और सर्जिकल देखभाल तक पहुँच में क्रांति लाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। 

एसएस इनोवेशन ने एएसआई मंत्रम पेश किया है,मोबाइल टेली-रोबोटिक सर्जरी यूनिट सीमित चिकित्सा बुनियादी ढांचे वाले क्षेत्रों में उन्नत शल्य चिकित्सा देखभाल प्रदान करने के उद्देश्य से। यह इकाई सर्जनों को न्यूनतम विलंबता के साथ रोबोटिक सिस्टम का उपयोग करके दूर से प्रक्रियाओं का संचालन या सहायता करने में सक्षम बनाती है।

वाहन स्पेसिफिकेशन और डिजाइन

एसएसआई मंत्रम को भारतबेंज 1824 चेसिस पर बनाया गया है, एसएसआई मंत्रएम का सकल वाहन भार 18,500 किलोग्राम है और इसकी लंबाई 11.9 मीटर, चौड़ाई 2.59 मीटर और ऊंचाई 3.49 मीटर है। कंपनी का दावा है कि रोबोटिक सर्जिकल सिस्टम को छोड़कर बस की अनुमानित लागत लगभग 1.3 करोड़ रुपए है। यह मोबाइल यूनिट अत्याधुनिक रोबोटिक-सहायता प्राप्त प्रक्रियाओं को कम सेवा वाले क्षेत्रों में लाती है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि रोगियों को अब गंभीर चिकित्सा देखभाल के लिए मीलों की यात्रा करने की आवश्यकता नहीं है।

एसएसआई ने कंपन को कम करने और रोबोटिक सिस्टम को सुरक्षित करने के लिए एक मजबूत आधार और लॉकिंग तंत्र के साथ बस को संरचनात्मक रूप से संशोधित किया है। एक्ट्यूएटर-आधारित रोगी-साइड कार्ट सटीकता और स्थिरता प्रदान करते हैं, जबकि कस्टम पावर और डेटा सर्किटरी निर्बाध संचालन सुनिश्चित करते हैं। विस्तार योग्य केबिन स्पेस सर्जिकल आवश्यकताओं को पूरा करता है और एक एयर सस्पेंशन सिस्टम संवेदनशील इलेक्ट्रॉनिक्स की सुरक्षा के लिए सड़क के कंपन को कम करता है। 

खासियतें

  • रियल-टाइम टेलीसर्जरी - सर्जन लगभग शून्य विलंबता के साथ दूर से प्रक्रियाओं को संचालित या निर्देशित कर सकते हैं।
  • प्रबलित स्थिरता और एयर सस्पेंशन - रोबोटिक सर्जरी के लिए कंपन-मुक्त परिशुद्धता सुनिश्चित करता है।
  • जलवायु-नियंत्रित अंदरूनी भाग – 21°C ± 3°C और 55% आर्द्रता पर शल्य चिकित्सा की स्थिति बनाए रखता है।
  • अबाधित बिजली आपूर्ति – 24/7 तत्परता के लिए ऑनबोर्ड जनरेटर और बाहरी बिजली संगतता की सुविधा।
  • उन्नत कनेक्टिविटी – उच्च गति दूरसंचार और उपग्रह अनुसंधान एवं विकास, सबसे अलग-थलग क्षेत्रों में रोबोटिक सर्जरी को सक्षम बनाता है।

 

पावर और कनेक्टिविटी सुविधाएं 

एसएसआई मंत्रम में बैकअप पावर सिस्टम लगे हैं, जिसमें ऑनबोर्ड 5 केवीए जनरेटर और बाहरी पावर संगतता शामिल है, इसमें 380 लीटर की ईंधन टैंक क्षमता है। कनेक्टिविटी के मामले में एसएसआई मंत्रम में हाई-स्पीड दूरसंचार प्रणाली और सैटेलाइट कनेक्टिविटी में चल रहे अनुसंधान एवं विकास की सुविधा है।

परिचालन और सुरक्षा सुविधाएँ

SSi MantraM में सुरक्षित रोबोटिक सिस्टम मूवमेंट के लिए एक विशेष प्रवेश द्वार और रैंप, कंपन को कम करने के लिए मजबूत लॉकिंग मैकेनिज्म और कैलिब्रेशन बनाए रखने के लिए एक्ट्यूएटर-आधारित गाड़ियां हैं। एक्ट्यूएटर-आधारित डिज़ाइन यह सुनिश्चित करता है कि रोगी-साइड गाड़ियां अपनी जगह पर मजबूती से बनी रहें, जिससे रोबोटिक आर्म्स का नाजुक कैलिब्रेशन और अखंडता बनी रहे। जगह का अधिकतम उपयोग करने के लिए, यूनिट में एक विस्तार योग्य केबिन है, जो मेडिकल स्टाफ को टेली सर्जिकल प्रक्रियाओं को करने या सहायता करने के लिए पर्याप्त जगह प्रदान करता है। इसके अतिरिक्त, कई प्रवेश और निकास बिंदु (एक पीछे और दो साइड पैनल पर) भी प्रदान किए गए हैं।

उन्नत रोबोटिक सर्जरी उन लोगों तक पहुंचे जिन्हें इसकी सबसे ज़्यादा ज़रूरत 

एसएस इनोवेशन के संस्थापक और अध्यक्ष डॉ. सुधीर श्रीवास्तव ने कहा, "एसएसआई मंत्रम सिर्फ़ एक मोबाइल टेली सर्जिकल यूनिट से कहीं ज़्यादा है, यह विश्व स्तरीय स्वास्थ्य सेवा को लोकतांत्रिक और विकेंद्रीकृत करने की दिशा में एक आंदोलन है। एसएसआई मंत्रम का यह प्रारंभिक संस्करण वंचित समुदायों तक स्वर्ण-मानक दूरस्थ शल्य चिकित्सा क्षमताओं को लाने की अपार क्षमता को दर्शाता है। टेली-सर्जिकल प्रक्रियाओं से परे, एसएसआई मंत्रम सर्जिकल शिक्षा, टेली-मेंटरिंग और वास्तविक समय के रोगी डेटा विश्लेषण के लिए एक शक्तिशाली प्लेटफ़ॉर्म के रूप में कार्य करता है। निरंतर शोध और नवाचार के साथ, एसएसआई यह सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठा रहा है कि उन्नत रोबोटिक सर्जरी उन लोगों तक पहुंचे जिन्हें इसकी सबसे ज़्यादा ज़रूरत है।"

2000 किलोमीटर दूर बैठे मरीज की सर्जरी

उल्लेखनीय है कि इस सिस्टम की बदौलत भारत में मेडिकल साइंस ने एक बड़ी ऐतिहासिक कामयाबी हासिल की है। ऐसा पहली बार हुआ जब डॉक्टरों ने 2000 किलोमीटर दूर बैठे मरीज की सर्जरी को टेली-रोबोटिक तकनीक से सफलतापूर्वक किया है। इस ऐतिहासिक ऑपरेशन को दिल्ली के डॉक्टरों ने बेंगलुरु के एक अस्पताल में भर्ती मरीज को रिमोट कंट्रोल रोबोटिक सिस्टम की मदद से किया। यह उपलब्धि मेडिकल साइंस में एक नया मील का पत्थर साबित हो सकती है। अब इस रोबोटिक तकनीक से दूर बैठे मरीज को भी बेहतरीन इलाज मिल सकेगा। 

गौरतलब है कि बेंगलुरु के एक अस्पताल में एडमिट दो मरीजों को गंभीर बीमारिया थीं, जिनका ऑपरेशन सफलतापूर्वक किया गया। बताया जा रहा है की पहले मरीज की भोजन नली (इसोफैगस) की ट्रांसथोरेसिक एसोफैजेक्टॉमी सर्जरी की गई। वहीं दूसरे मरीज की मलाशय कैंसर (टी4 सीए रेक्टम) के लिए पेल्विक एक्सेंट्रेशन सर्जरी को किया गया। दिल्ली में मौजूद डॉक्टरों ने सर्जरी को करने के लिए एडवांस रोबोटिक सिस्टम और फाइबर ऑप्टिक टेक्नोलॉजी का सहारा लिया और ऑपरेशन को बिना किसी रुकावट के पूरा किया। 

रोबोट खुद सर्जरी नहीं करता बल्कि यह डॉक्टरों के कौशल को और बेहतर बनाने में करता है सहयोग 

बता दें कि इस ऐतिहासिक ऑपरेशन को देश के प्रसिद्ध रोबोटिक सर्जन डॉ.एसपी सोम शेखर ने नेतृत्व किया। उन्होंने कहा रोबोट खुद सर्जरी नहीं करता बल्कि यह डॉक्टरों के कौशल को और बेहतर बनाने में सहयोग करता है. इसे ऐसे समझें कि रोबोट के जरिए एक सर्जन को चार हाथ मिल जाते हैं। उनकी कुशलता दोगुनी हो जाती है। इसका सीधा लाभ मरीजों को बेहतर उपचार और तेज रिकवरी के रूप में दिखाई देता है। 

टेली-सर्जरी कैसे की जाती है, इस बारे में बता दें कि इस सर्जरी के दौरान डॉक्टर वीडियो गेम की तरह हाथ में कंसोल पकड़कर बड़े 3डी लेआउट वाले मॉनिटर को देखते हुए ऑपरेशन करते हैं। उनके पास एक खास किस्म का 3डी चश्मा होता है, जिससे उनको ऐसा महसूस होता है जैसे वह ऑपरेशन थियेटर में हैं। डॉक्टर बस अपनी बाहों और उंगलियों को घुमाते रहते हैं और मरीज का ऑपरेशन पूरा हो जाता है। यह रोबोटिक तकनीक उनके हर मूवमेंट को सटीक रूप से मरीज पर लागू करती है। 

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