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पानीपत नगर निगम के अंतर्गत मुख्य बाजारों व मुख्य मार्गों पर अवैध अतिक्रमण के खिलाफ जेसीबी व पुलिस बल के साथ अवैध अतिक्रमण हटाने वाले नगर निगम के असिस्टेंट इंजीनियर दीपक राणा को कुछ ही घंटे में सस्पेंड के बाद बहाल कर दिया गया है। बता दें कि 1 जुलाई से नगर निगम क्षेत्र के अंतर्गत मुख्य बाजारों व मुख्य मार्गों पर अवैध अतिक्रमण की कार्रवाई की गई थी जिसका नेतृत्व नगर निगम के असिस्टेंट इंजीनियर दीपक राणा व एक्सईएन गोपाल कलावत कर रहे थे।
दुकानों के आगे बनाए गए कई-कई फुट के धड़े तोड़ दिए थे
दुकानदारों के विरोध के बाद 5 जुलाई तक का समय दुकानदारों को दिया गया था। इसके बाद नगर निगम की टीमों ने सुखदेव नगर, सलारगंज गेट, इंसार बाजार, व गोहाना रोड पर अवैध अतिक्रमण हटाते हुए दुकानों के आगे बनाए गए कई-कई फुट के धड़े तोड़ दिए थे। वहीं गोहाना रोड पर मिष्ठान भंडार के मुहूर्त के अगले दिन ही नगर निगम की टीम ने मिष्ठान भंडार के बाहर थड़े तोड़ दिए थे।
कुछ दुकानदार व भाजपा नेता भी नगर निगम की कार्रवाई का विरोध कर रहे थे
मिष्ठान भंडार संचालक प्रेमचंद सैनी के मिष्ठान भंडार का मुहूर्त नगर निगम की कार्रवाई से एक दिन पहले मेयर कोमल सैनी ने किया था। कुछ दुकानदार व भाजपा नेता भी नगर निगम की कार्रवाई का विरोध कर रहे थे। माना जा रहा है कि 11 जुलाई को पानीपत में भाजपा के बड़े नेताओं की बैठक में केंद्रीय मंत्री के सामने नेताओं ने विरोध जताया होगा। इसके बाद ही दीपक राणा को सस्पेंड के आदेश जारी किए गए होंगे या पहले से ही की गई शिकायत के बाद उन्हें सस्पेंड किया गया।
सस्पेंड के ऑर्डर वायरल हुए तो....उसके बाद उन्हें बहाल करने के आदेश जारी कर दिए
लेकिन कुछ ही घंटे में जैसे ही सस्पेंड के ऑर्डर वायरल हुए तो उसके बाद उन्हें बहाल करने के आदेश जारी कर दिए गए। इसको लेकर शहर में काफी चर्चाएं चल रही है कि आखिर नगर निगम के असिस्टेंट इंजीनियर दीपक राणा को किसने सस्पेंड करवाया और कुछ ही घंटे में किसने बहाल करवा दिया। नगर निगम आयुक्त डॉ पंकज यादव ने पुष्टि करते हुए कहा कि दीपक राणा के सस्पेंड के ऑर्डर को वापस ले लिया गया है।
कुछ दुकानदारों ने भेदभाव के आरोप भी लगाए थे
वहीं दीपक राणा के सस्पेंड ऑर्डर आने के बाद से ही अब चर्चाओं का बाजार गर्म रहा कि जब कई दिन से शहर भर में अवैध अतिक्रमण की कार्रवाई की जा रही थी तो उस समय नेताओं व बड़े अधिकारियों ने स्थिति स्पष्ट क्यों नहीं की। वहीं अवैध अतिक्रमण के दौरान कुछ दुकानदारों ने भेदभाव के आरोप भी लगाए थे। कई दुकानदारों का आरोप था कि पहुंच वाले लोगों के थड़े छोड़े जा रहे हैं जबकि कुछ दुकानदारों के ढाई फीट के थड़े भी तोड़ दिए गए हैं। अब नगर निगम अधिकारी मुख्य बाजारों व मुख्य मार्गो से अवैध अतिक्रमण हटाते हैं या नहीं यह सोमवार को ही साफ हो पाएगा।
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अवैध अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई करने वाले असिस्टेंट इंजीनियर 'सस्पेंड' के बाद कुछ ही घंटे में 'बहाल'...क्या है माजरा ?

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