
विद्यार्थी के पास आधार कार्ड या परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) नहीं है तो हरियाणा के सरकारी स्कूलों में अब उनके दाखिले में कोई रुकावट नहीं आएगी। इसको लेकर शिक्षा निदेशालय ने वीरवार को निर्देश जारी कर दिए हैं। आदेश के तहत सभी स्कूलों को विद्यार्थियों को दाखिला देना अनिवार्य रहेगा। साथ ही विद्यार्थी को सरकारी स्कूल में दिए जाने वाले लाभ भी देने होंगे। यहां तक अगर जन्म प्रमाण पत्र भी नहीं है तो भी स्कूल प्रशासन को दाखिला होगा।
आधार नंबर व पीपीपी की अनिवार्यता से विद्यार्थियों को राहत दी
ग़ौरतलब है कि हरियाणा के सरकारी स्कूलों में पिछले साल के मुकाबले दाखिले का आंकड़ा पहुंचना चुनौती बना हुआ है। इसी के चलते विभाग दाखिलों पर जोर दे रहा है, ताकि कोई विद्यार्थी बिना दाखिले के न रह जाए। बता दें कि हरियाणा के सभी सरकारी स्कूलों में दाखिले के लिए आधार नंबर व परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) की अनिवार्यता से विद्यार्थियों को राहत दी है। विद्यालय शिक्षा निदेशालय ने प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ), जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी (डीईईओ), खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ), खंड मौलिक शिक्षा अधिकारी (बीईईओ) को पत्र लिखा। जिसमें उन्होंने प्रवेश उत्सव के तहत नामांकन में परिवार पहचान पत्र और आधार कार्ड नंबर की अनिवार्यता को लेकर दिशा-निर्देश दिए हैं।
दाखिले की इच्छा रखने वाले विद्यार्थियों को तुरंत दाखिला दिया जाए
उल्लेखनीय है कि प्रदेश के स्कूलों में प्रवेश उत्सव कार्यक्रम चल रहा है, जिसमें राज्य को शून्य ड्रॉपआउट बनाने के लिए प्रयास किया जा रहा है। विभाग की मानें तो कुछ बच्चे जिसमें विशेषकर प्रवासी मजदूरों के बच्चे, ईंट भट्ठे पर कार्यरत लेबर या कंस्ट्रक्शन साइट पर कार्यरत परिवारों के बच्चे पीपीपी और आधार कार्ड के अभाव में नामांकन से वंचित हो रहे है। ऐसे विद्यार्थी जिनके आधार नंबर नहीं हैं तथा परिवार पहचान पत्र भी नहीं है। उनका नामांकन बिना किसी बाधा के किया जाएगा। विभाग ने निर्देश जारी किए हैं कि दाखिले की इच्छा रखने वाले विद्यार्थियों को तुरंत दाखिला दिया जाए।
अभिभावकों या संरक्षक द्वारा बालक की आयु का शपथ पत्र भी मान्य होगा
अब सरकारी स्कूलों में बच्चों के दाखिले के लिए अभिभावकों का शपथ पत्र महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा। स्कूल के दाखिला-खारिज रजिस्टर में उसका नामांकन करके शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत दी जाने वाली निशुल्क हकदारियां जैसे मुफ्त पाठ्य पुस्तकें, कार्य पुस्तकें आदि दी जाएं। यदि आवेदक बच्चे के पास जन्म का प्रमाण पत्र नहीं है तो आंगनवाड़ी अभिलेख, अस्पताल या नर्स और दाई के रजिस्टर का अभिलेख का प्रयोग किया जा सकता है। किसी कारणवश यह भी नहीं है तो अभिभावकों या संरक्षक द्वारा बालक की आयु का शपथ पत्र भी मान्य होगा। किसी भी बच्चे को उसके शिक्षा के अधिकार से वंचित न किया जाए। पीपीपी और आधार नंबर के अभाव में बच्चों का नामांकन नहीं रूकना चाहिए।
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